पड़ोसी की बहतर गाड़ी, इन्स्टाग्राम पर तुम्हारे दोस्त की परिपूर्ण ज़िंदगी की तस्वीरें; किसी लड़के पर तुम्हारा कभी दिल आया था, उसके साथ किसी को खड़ा हुआ देखना; कोई ऐसा जो कभी तुम्हारा सहपाठी रहा हो, उसका जीवन साथी पा लेना जबकि तुम अभी भी कुंवारे हो..ये ऐसी बातें हैं जिन से तकरीबन हर कोई जलन के किसी अभिरूप को महसूस करता है । पर जलन हमारी कामुक भावनाओं के स्तंभ के निचले तल पर लिपटा हुआ साँप भी है । कभी कभार वो "हुम्म, तो तुम्हें वो मुझसे सुंदर लगती है?” या फिर “उस से बात मत करो”- ये बातें रिश्तों में आम होती हैं, और इनके बारे में सुनने को भी मिलता है।
पर रिश्ते के बाहर किसी को लेकर ये शंकाएँ ही जलन का एकमात्र स्तोत्र नहीं । कुछ जलन के भाव ऐसे अनोखे होते हैं, कि अगर खुल कर इन पर चर्चा नहीं की, तो यह हमारे ध्यान से ही फिसल जाते हैं, और फिर इनकी ना परख होती है ना निदान। जो सामाजिक अनुकूलन आदमियों को अपनी भावनाओं पर ध्यान देने के लिए निरूत्साहित करता है वो दबी छुपी जलन की भावनाओं को आग भी देता है । इससे मानसिक और कामुक स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है । ये रहे कुछ जलन की भावना के अनोखे स्वरूप जो आदमी महसूस करते हैं, और कैसे ये अपनी कामुकता पर उनके अपने विचारों पर असर करते हैं ।
गर्लफ्रेंड के खुद से प्यार से जलता हूँ मैं
बीते समय में औरतों ने मुझे बताया है कि मैं असफल व्यक्ति हूँ, क्योंकि मुझे ये नहीं पता कि उन्हें कैसे स्पर्श करना चाहिए.
रौनक, 33 साल, हेट्रोसेक्षुयल (विषमलैंगिक)
मुझे नये लोगों से बात करने में डर लगता है, और उनसे मिलने मैं, और भी डर । इसलिए आपसी सामंजस्य के साथ, - टिंडर पर औरतों से कामुक बातें करना, बहुत बड़ा निकास सा था। जब भी कोई औरत मिलने की बात करती, मैं अनमैच कर देता । मेरी एक्स के साथ मेरी ये हरकत ना चली। इसमें कोई शक नहीं कि मैं आज तक इतनी अच्छी और हाज़िर जवाब, मज़ेदार लड़की से परिचित नहीं हुआ था । आख़िर मैंने उसे मिलने का आमंत्रण दिया। पर जब हम साथ हुए तो मुझे उससे जलन होने लगी, ख़ासकर बिस्तर में उसके हुनर से । मेरा इस मामले में ज़्यादा हुनर नहीं था, इसलिए जब भी मुझे कामोन्माद(orgasm) होता, मुझे शरम आती, गुस्सा आता कि मेरा कितना कम तजुर्बा है । मेरी गर्लफ़्रेंड को बहुत तजुर्बा था, उसने 18 की उम्र से सेक्स करना शुरू किया था, जबकि मैंने एक दशक बाद, यानि 28 की उम्र में ।
बीते समय में औरतों ने मुझे शर्म महसूस कराई है, मुझे असफल बुला कर, क्योंकि मुझे उन्हें ठीक से स्पर्श करना नहीं आता था । "तुम इतने अटपटे तरीके से क्यों पेश आते हो?"
मैं जैसे उस पल के इंतज़ार में रहता जब मेरी एक्स भी मुझे यूँ अपमानित करेगी, पर वो पल कभी नहीं आया । एक बार जब उसने बिस्तर में एक नयी तकरीब ट्राइ करने की कोशिश की, मैं उसपर चिल्ला पड़ा, जिस से वो रो पड़ी । मुझे जलन हो रही थी कि उसे बिस्तर में ऐसा कुछ पता है जो मुझे नहीं। मैंने अपनी जलन को कंट्रोल करने की कोशिश की पर इस प्रयास में विफल रहा । इतने सालों से पाली शंकाएँ यूँही तो नहीं चली जातीं । उसने समझने की कोशिश भी की, कि मैं क्यूँ कर मामले को पेचीदा बना रहा हूँ, पर इस सब पर बात करने से भी मेरी शंकाएँ लौट आतीं, और मैं ये करने को तैयार नहीं था । फिर उसने मुझसे मेरी जलन के बारे में बात करने की कोशिश बंद कर दी और मुझसे ब्रेक अप कर लिया ।
अब मैं थेरपिस्ट से सलाह ले कर अपने आत्म विश्वास को फिर जगाने की कोशिश कर रहा हूँ । अब भी अपनी एक्स के बारे में सोचता हूँ, तो मुझे जलन होती है, पर अब मेरे सर में वो शोर थोड़ा कम हुआ है । पर दो महीने उसके बगैर बिताने के बाद ही मुझे ये समझ में आया कि मेरी जलन उसके सेक्षुयल एक्सपीरियेन्स से नहीं थी, बल्कि अपनी कामुकता को लेकर उसके भावनात्मक आत्मविश्वास से । मुझे सेक्स से प्यार था और उसे, सेक्स के दौरान अपने आप से ।
मैं अपनी गर्ल फ़्रेंड के गहन किस्म के संगीतकार मित्र से जलता था।
पहले मैंने इस आदमी की ओर ख़ास ध्यान नहीं दिया, पर आख़िरकार मैं उस से कुढने लगा ।
सागर, 29, पुरुष, विषमलैंगिक
मैं हमेशा मालिकाना प्रवृत्ति का रहा हूँ । मुझसे कहा गया है कि ये अच्छी बात नहीं, पर ये मेरा स्वाभाव है । 3 साल पहले मैं अपनी बेस्ट फ्रेंड को डेट कर रहा था और मुझे वाकई लगता था कि सब कुछ एक दम बढ़िया रहेगा । बस मैं यह भूल गया था कि वो किस कदर मिलनसार है। वो हर वक्त इंड़ी फिल्म और पार्टी में जाती रहती और मैं घर बैठे टी. वी. देखता रहता ।
इन तफ़रीयों में उसका प्रिय पार्टनर उसके कालेज का एक दोस्त था। उनके बीच जैसे एक संगीतात्मक कोड था, चूँकि उन्होंने बड़े होते हुए एक ही किस्म का संगीत सुना था । वो (उसका दोस्त) जिन संगीतकारों का ज़िक्र करता, उनमें आधे से ज़्यादा का मैंने नाम तक नहीं सुना था । - रामों और चार्ली पार्कर और जाने कौन कौन । मैं केवल उन पुराने किशोर कुमार गानों का प्रेमी था जिन्हें मैंने अपने पापा के साथ सुना था ।
पहले तो मैंने उस लड़के पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया, लेकिन मैं आख़िर उससे कुढने लगा । एक बार मैंने अपने को धकेला और ज़बरदस्ती एक एलेक्ट्रॉनिक आर्टिस्ट के संगीत आल्बम के लांच पर चला गया । ऐसा लगा जैसे आप लॅप टॉप पर किसी को लाइव काम करते हुए देख रहे हो । पर वो और उसका दोस्त खूब मज़े ले रहे थे । मुझपर जलन कीएक लहर सी उठी और मैं चुपचाप उन्हें बिना इत्तिला किए, वहाँ से चला गया ।
जब मैंने उससे शिकायत की, वो कुछ अचरज में लगी । लेकिन जब भी वो मुझे शामिल करने की कोशिश करती, यूँ लगता वो मेरी भावनाओं को ठेस ना लगे, बस इस लिए ऐसा कर रही है। तो मैं वापस उसके दोस्त से जलने लगा, हालाँकि उनके बीच कुछ भी रोमांटिक नहीं चल रहा था। बस यही कि वो उसके साथ वो सब शेर करती थी जो उसे पसंद था- मुझे बेहद सताती और गुस्सा दिलाती थी ।
मेरा जलना, जल कर खिसियाना, आख़िर इस सब से वो परेशान हो ही गयी, और हम छोटी छोटी बातों पर झगड़ने लगे । आख़िर उसने मुझसे ब्रेकअप भी कर लिया पर इससे हमारी दोस्ती पर कोई आँच नहीं आई ।
बस हमें ये समझ में आ गया कि बेस्ट फ्रेंड होकर मैं उसकी ज़िंदगी के और लोगों से कम जलता हूँ ।
गनीमत है कि रेडियोहेड के अगले अलबं निकालने पर मुझे दिमाग़ खराब हो जाने का ढोंग तो नहीं करना होगा।
अपने पार्टनर के आकर्षक सहजता के जलता हूँ मैं ।
आदमियों को तीन तिगाड़ा सिचुयेशन में मेरा पार्टनर ज़्यादा पसंद आता है, ये बात मुझे गवारा नहीं ।
करण, 18, पुरुष, समलैंगिक
मुझे तीन तिगाड़ा का हिस्सा होने का ख़ौफ़ था, पर मेरे बाइसेक्षुयल - उभयलिंगी- बॉय फ़्रेंड को इसमें बड़ी रूचि थी । हम एक ओपन रिश्ते में है, इसलिए हमें खुली छूट है कि एक दूसरे के अलावा हम किसी के साथ भी संभोग कर सकते हैं । मेरा पार्टनर बेहद ख़ूबसूरत है, कालेज की कई लड़कियाँ उसके इर्द गिर्द मंडराती हैं।
कुछ उसके साथ घर जाती हैं, कुछ नहीं। इस सब से मुझे कोई परेशानी ना थी, जब तक ये तीन तिगाड़ा की बात ना छिड़ी ।
मैंने मान जाने का और ये प्रयोग करने का निश्चय किया, हालाँकि मैं इसके लिए तैयार नहीं था । मेरा बाय्फ्रेंड उम्र में मुझसे दो साल बड़ा है और अपने बिस्तर में एक से ज़्यादा आदमी या औरत होने के प्रस्ताव के कम भयभीत भी । मैं तो पूरी तरह से आतंकित था, पर मैं अपने पार्टनर को खुश करना चाहता था । यही हाल उस आदमी का भी था जिसे वो घर लाया।
मेरे बायफ्रेंड का मेहमान तो मुझे उतना छूने या चूमने तक तो तैयार नहीं था जितना वो मेरे पार्टनर को छू- चूम रहा था । मुझे इतनी जलन हुई, इतना गुस्सा आया, पर मैंने कुछ नहीं कहा ।
दूसरी बार जब मेरा पार्टनर एक लड़की घर लाया तो मैं चिल्लाया "क्या तुम भूल गये हो कि मैं गे/समलैंगिक हूँ?"
मुझे ये सब अपमानजनक लगा और फिर से जलन हुई ।
पर ये केवल शारीरिक बहिष्करण नहीं था, जो मुझे जला रहा था । मुझे इस बात से जलन थी कि मेरा पार्टनर मुझसे कितना ज़्यादा पसंदीदा है । वो लोग भी जिनके साथ वो अकेले में सेक्स करता, उस से लंबी बातें करते। ये मेरे साथ कभी नहीं हुआ था ।
फिर अपने ही बॉय फ़्रेंड से यूँ जलने पर अपनी बेवकूफी खली भी । तो एक दिन, एक जलन भरे विश्लेषण के बाद, मैंने इस बारे में उस से बात करने की ठानी । वो एक दम से समझ गया और उसने आदमियों को घर लाना बंद कर दिया । पर उससे मेरी जलन ख़तम नहीं हुई ।
ये तो लगातार इस पर बात करके, और अपनी भावनाओं का सामना करके आज मैं पहले से काफ़ी अच्छा हूँ, मैं खुद भी एक तीन तिगाड़ा किस्म की व्यवस्था के बारे में भी सोच सकता हूँ । पर इस बार शर्तें मेरी होंगी ।
मेरा बॉयफ्रेंड की पहचान इतनी आसानी से सिस जेंडर (जब एक व्यक्ति की लिंग पहचान उनके जैविक सेक्स से मेल खाती है) है, की मुझे जलन होती है
मुझे भी उस पृष्टि की तालाश है, जो उसे मिलती है
अमेया, 25, ट्रांस (जब एक व्यक्ति की अपनी लिंग पहचान उनके जैविक सेक्स से मेल नहीं खाती है), समलैंगिक
ट्रांस पुरुष होकर डेटिंग करना मेरे लिए आसान नहीं रहा है । पार्टियों में लोग मुझे अजीब नज़र से देखते और मेरी पीठ पीछे बातें करते। सब लोग एक दूसरे से फ्लर्ट करते पर जाने क्यूँ, मुझसे नहीं । पर फिर मुझे वो मिला जो अभी मेरा पार्टनर है और इस मुलाकात से सब कुछ बदल गया. हमारे प्रेमालाप के दिनों में, उसकी नज़र ने मेरे ट्रांस होने पर फोकस ना करके, मेरे अस्तित्व पर ध्यान दिया ।
इसलिए मेरे लिए उसे ये बताना कि मैं उससे इतना जलता हूँ, बहुत मुश्किल है। सिस पुरुष होने के नाते, उसे स्वीकृति पाने में कोई परेशानी नहीं है । मैं उसे कैसे बताऊँ किकई बार बहिष्कृत होने के बाद, मैं बहुत आशंकित हो गया हूँ ।
ऊपर से लोगों की प्रतिक्रियाओं से परेशानी और बढ़ती है । एक बार उसने अपने सहकर्मियों को मेरा परिचय ये कह कर दिया कि मैं उसका बायफ्रेंड हूँ तो उन्होंने कुछ अजीब तरह से उसे देखा था, जैसे कह रहे हों, " तुझे और कोई नहीं मिला क्या? " ।
मैं इस सब को झेल पाने के लिए अपने को याद दिलाता हूँ कि आख़िर मेरे पार्टनर ने उनसे ऐसे बर्ताव की माँग तो नहीं की थी । मैं अपने आप से कहता हूँ कि मुझे उससे अच्छा पार्टनर नहीं मिलेगा : सिर्फ़ इसलिए नहीं कि वो मुझे, मैं जैसा भी हूँ, स्वीकार करता है, पर इसलिए भी कि वो मुझे मेरी लैंगिकता या मेरी लैंगिक पहचान के परे देखता है । फिर भी, मैं वो पृष्टि ढूँढता हूँ, जो उसे मिलती है । मैं उससे इस बारे में बात नहीं करता क्योंकिडरता हूँ कि कहीं उसे खो ना दूँ । घर मैं लगातार पार्टी रखने से ( जो हमारी फैशन इंडस्ट्री में आम बात है) एक अच्छी बात ज़रूर हुई है। मैं कुछ और ट्रांस जनों से मिला, मैंने उनसे अपनी भावनाओं के बारे में बात की और ये समझा कि यूँ महसूस करना एकदम स्वाभाविक है ।उन्होंने ट्रांस लोगों में कामुकता के बारे में कई किताबों के नाम बताए और उन्हें पढ़ने की सलाह दी, इससे मेरा अपने चुनावों पर और आत्म विश्वास बढ़ा, और अपने सबसे अहम चुनाव, यानि कि उसपर ।
पहले तो मैंने ही पॉलीआमोरी (ऐसा दस्तूर जिसमें कोई विभिन्न कामुक रिश्तों का हिस्सा बन सकता है, और सब भागीदार लोगों की सहमती होती है ) की ज़िद की, और फिर अपनी पार्टनर की प्रवाहिता से जलने लगा ।
मैं खुद चेनल सर्फिन का हिमायती हूँ, पर फिर भी, मैं खुद प्राईंम टाईम प्रेमी होना चाहता हूँ
साहिल, 29, पुरुष, विषमलैंगिक
मैं सात साल रूस में रहा और वहाँ की डेटिंग संस्कृति ने रिश्तों पर मेरा नज़रिया बदल दिया । रूस की औरतें अपनी नीयत को लेकर बड़ी स्पष्ट होती हैं, और वहाँ पॉली आमॉरुस रिश्ते में होना, काफ़ी आम बात है । सो मैंने भी इसे आजमाया और एक किस्म की तरलता के साथ, एक ही समय में कई लोगों को डेट किया। अगर रूस में मेरा कोई मुख्य पार्टनर भी होता, इस सब पर ड्रामा बिल्कुल नहीं होता। जब मैं पिछले साल वापस बंगलूरु आया, यहाँ की संस्कृति के साथ काफ़ी अड़जस्टमेंट करना पड़ा । मुझे मेरे एक दोस्त के ज़रिए एक लड़की मिली जिसे मैं डेट करने लगा, क्योंकि वो पॉली अमॉरुस थी और इस मामले में हमारी समझ मेल खाती थी । कमाल ही हो गया। मुझे ऐसी भारतीय औरतों से मिलने में तब तक परेशानी हो रही थी, जो सेक्स को ले कर इतनी खुली हों।
पर हुआ यूँ कि मुझे इस बात का भान ही नहीं था कि मैं खुद किस कदर गहरी तरह से परंपरागत हूँ । मेरे अलावा एक और लड़का था जिसके साथ सेक्स करना उसे बहुत पसंद था। वो दोनों एक ही सॉफ्टवेर कंपनी में काम करते थे। मुझे तब तक इस बात पर कोई आपत्ति नहीं थी जब तक मुझे ये नहीं पता चला कि वो मुझसे ज़्यादा उसके साथ समय बिताती है ।
मैं एकदम जल-भुन गया। वो उससे भावनात्मक रूप में भी करीब होने लगी और उसका साथ उसे बहुत पसंद था। वो साथ पिक्चर देखने जाते और शहर में ड्राइव पर जाते।
मैं जिन पॉली रिश्तों में रहा हूँ, उसमें आपका एक मुख्य पार्टनर होता है और फिर आपके अन्य पार्टनर होते हैं । मुझे यूँ लगने लगा कि मैं उसका मुख्य पार्टनर नहीं रहा- वो, जो उसका सहकर्मी रह चुका था, मुख्य हो चुका था ।
जब मैंने उससे इस बारे में बात करने की कोशिश की, वो हँस कर टाल गई । पर मैं फिर भी जल रहा था । मैं समझ गया कि मैं कामुक रूप से तो प्रवाही था,पर भावुक रूप से ज़्यादा नहीं ।मैं उसका सारा लाड़ खुद के लिए चाहता था, और मैं उसका मुख्य पार्टनर होना चाहता था । अपने पिछले रिश्तों में हमेशा मेरा कोई मुख्य पार्टनर रहा था, जैसे मेरी नैया का लंगर ।
उसके बिना, इस रिश्ते में, जलन हावी हो गई ।
हम जल्दी ही एक दूसरे से अलग हो गये । उस लड़के की वजह से नहीं, पर हमारी एक दूसरे में रूचि ना रही ।अजीब बात ये है कि ब्रेक अप के बाद भी मैं इस बात को सह ना पाया कि उसने उस लड़के के लिए मुझे साइड में कर दिया था । मैं इस वक्त ये समझने की कोशिश में हूँ कि मैं पॉलयारमोरी के चलन पर कहाँ खड़ा हूँ, ख़ासकर पॉलयारमोरी में भावनात्मक जलन के पहलू पर। मैं नहीं चाहता कि किसी और के साथ ये जलन वाला कथानक फिर से बने ।
मर्द, मन और जलन: पाँच आदमी कुछ अनोखी जलन का अपना तजुर्बा बताते हैं
जलन की भावना के अनोखे स्वरूप जो आदमी महसूस करते हैं, और कैसे ये अपनी कामुकता पर उनके अपने विचारों पर असर करते हैं ।
चित्रण: सोमदत्त सरकार
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