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अंडकोष के कैंसर के लिए खुद की जांच कैसे करें।
१ अपने हर टेस्टिकल को अच्छी तरह से देखिए और इसके लिए आप अपने पिनिस/शिश्न को बाहर की तरफ खींच कर रखें
२ इसके बाद अपने दोनों टेस्टिकल्स को दोनों हाथों के अंगूठे और उंगलियों से हाथ में लेकर आराम से धीरे-धीरे घुमा-घुमाकर कर देखें
३. अच्छी तरह से देखें कि उनके आकार में कोई बदलाव तो नहीं आ गया या कहीं उनके आसपास या उन पर कोई एक्स्ट्रा मास तो नहीं इकट्ठा हो गया।
लोगों को ऐसा लगता है कि कैंसर वाले ट्यूमर में दर्द होता है, लेकिन आम तौर पे ऐसा नहीं है।
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परखने का सबसे अच्छा टाइम
जब आप नहा रहें हों या नहा चुके हों, क्योंकि उस समय स्क्रोटम की स्किन या चमड़ी सबसे ज्यादा रिलैक्स्ड होती है। इस चेकअप को हर महीने करना चाहिए।
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क्या सामान्य है?
एक टेस्टिकल का दूसरे टेस्टिकल से बड़ा या छोटा होना और एक टस्टिकल का दूसरे टेस्टिकल से ज़्यादा नींचे झूलना भी बिल्कुल नॉर्मल है।
एपीडीडायमीस (ट्यूब के लच्छे, जो हर अंड. कोष के पीछे और ऊपर होते हैं) को कैंसर वाला आकार समझ लेने की गलती करना आम बात है।
एपीडीडायमीस अपने से जुड़े हुए अंडकोष के मुकाबले, मुलायम और ऊबड़ खाबड़ होता है।
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टेरिंटक्यूलर कैंसर / अंडकोष की थैली का कैंसर का लक्षण:
१. अंडकोषों पर या उनके आसपास में अतिरिक्त मास का जमा होना
२. अंडकोषों का सिकुड़ना
३. अंडकोष या अंडकोष की थैली में सूजन होना या उनका आकार बड़ा हो जाना
४. अंडकोष की थैली में पानी या पस का जमा हो जाना
५. अंडकोष की थैली का भारी हो जाना
६. निचले पेट या पेडु या जांध और पेट के जोड़-वाली जगह में हल्का दर्द होना
७. अंडकोष/अंडकोष की थैली में दर्द होना या किसी भी तरह की परेशनी होना
८. निचली कमर में दर्द होना
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स्तन कैंसर चेक
१. स्तन चेकिंग इन तीन तरीकों से करें १) लेट के; २) हाथों को सर पे ऊपर उठा के; ३) कूल्हों के पास हाथों को रखख के
२. महसूस करने की कोशिश करें, कि कहीं मांस तो जमा ना हो गया हो और निप्पल और ब्रेस्ट की चमड़ी में कोई बदलाव ना हो गया हो।
३. घडी की सुई की दिशा में अपना हाथ घुमाएं और हर बार, उस ही तरीके से घुमाएं।
४. दोनों निप्पल को निचोड़कर देखें कि उसमें से कुछ निकलता तो नहीं।
५. स्तन उठा के देखें, कि नीचे जो उतार चड़ावा मेंड़ है. वो दोनों तरफ बराबर है, या नहीं
६. चेक करने के लिए हमेशा अपनी बीच की तीन उँगलियों का मुख्य हिस्सा इस्तेमाल करें, न कि उँगलियों के छोर, स्तन को अलग अलग तरह से दबा के देखें।
लोगों को ऐसा लगता है कि कैंसर वाले ट्यूमर में दर्द होता है, लेकिन आम तौर पे ऐसा नहीं है।
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स्तन कैंसर के लिए खुद को चेक कब करें ?
स्व परीक्षण करने का सबसे सही समय है, नहाने के बाद। अगर आपके महीने आते हैं, तो वह समय चुनें जब आपके स्तन ज्यादा मुलायम न हों।
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छाती का कैंसर के लक्षणः
१. आपके ब्रेस्ट पर बिना दर्द के किसी मास के टुकड़े का उभर आना या ब्रेस्ट का ही गाढ़ा हो जाना
२. ब्रेस्ट की स्किन पर गड्डा पढ़ना, पपड़ी आना, लाल होना या मांस की परत का झड़ना
३. निप्पल्स का लाल हो जाना उनकी पपड़ी उतरना या उनका अंदर की तरफ मुड़ जाना
४. निप्पलस को दबाने पर किसी भी तरह के लिक्विड का निकलना (पस या पानी)
सामान्य क्या है ?
दोनों स्तनों के आकार में फर्क, और एक का छोटा, एक का बड़ा होना, सामान्य है।
महीने के चक्र के चलते, अलग अलग समय पे स्तन, मुलायम हो सकते है।
गलत ब्रा, हार्मोन्स, चोट, यहाँ तक कि शरीर में पानी भर जाने ( वाटर रिटेंशन) की वजह से भी, कभी कभी स्तनों में दर्द हो सकता है।
उम्र के साथ साथ स्तन देखने और छूने में अलग लगते हैं।
खुद चेक करने के बाद के बाद चिंता हो गयी या कुछ समझ नहीं आ रहा है ?
अपने डॉक्टर को दिखाएँ। जनरल फिजिशियन भी चलेगा।
जेंट्स लोग यूरोलॉजिस्ट के पास जा सकते हैं, और लेडीज लोग, गायनकोलॉजिस्ट । स्त्री रोग विशेषज्ञ के पास जा सकते हैं ।