सेक्सी सेक्सी दिन मज़ेदार, बल्कि लाजवाब हो सकते हैं। और अगर आपका बदन साफ़ रहे, तो आपको और भी मज़ा आ सकता है। और सेक्स करने के बाद कोई झटके भी नहीं लगेंगे! चलो सीखें अपने प्राइवेट पार्ट में खुजली, खिच खिच और खुजलाहट से कैसे बचना है। साफ़ रहने के लिए ये कुछ सुझाव:
सभी लिंगों के लिए कुछ सुझाव
रोज़ नहाओ।
क्यों? क्योंकि रोगाणु (germs) शरीर पर दिन रात इकठ्ठा होते रहते हैं! हमारी त्वचा से भी पसीना और शरीर के नैसर्गिक तेल निकलते हैं। अगर इन्हें बढ़ने दिया जाए तो कीटाणु (bacteria) के साथ मिलकर ये शरीर में बदबू या त्वचा का इंफ़ेक्शन बढ़ा सकते हैं।
नहाते वक़्त, अपने प्राइवेट पार्ट- गुप्तांग- धोने में और वक़्त बिताओ।
क्यों? हम सब में, गुप्तांग का क्षेत्र (genital area) ढेर सारे छोटे छोटे मोड़ और दरारों से भरा है l कीटाणु और शरीर से निकला पसीना और अन्य तेल पदार्थ बड़ी आसानी से इन जगहों में जमा हो सकते हैं। और इन कोनों तक हम आसानी से नहीं पहुँच पाते। तो इन्हें धोकर साफ़ रखना और भी ज़रूरी हो जाता है।
सिंथेटिक नहीं बल्कि सूती (cotton) जैसे नैचुरल कपड़े से बनी ढीली चड्डी पहनो।
क्यों? ऐसा करने से गुप्तांग पसीने से तर नहीं हो जाते। और पसीना नहीं होने से कीटाणु/ बैक्टीरिया और बू दोनों पर रोक लग जाती है।
आप चाहें तो गुप्तांग के एरिया में वैक्स या शेव कर सकते हो, लेकिन ऐसा करने से वो एरिया और साफ़ नहीं हो जाएगा।
कुछ लोग गुप्तांग की एरिया और आकर्षक बनाने के लिए उसे शेव या वैक्स करते हैं l या फिर वो ऐसा इसलिए करते हैं कि उन्हें लगता है कि बालों के कारण बू बढ़ती है। लेकिन हो सकता है कि ऐसा करने में फ़ायदे कम और हानि ज़्यादा हो। क्यों? जघन के बाल (pubic hair) हानिकारक कीटाणु और वायरस को शरीर में घुसने से रोकते हैं। शेव या वैक्स करने से त्वचा को जलन हो सकती है और त्वचा को नुक्सान हो सकता है।
अगर आप वैक्स करना भी चाहो तो अच्छे पार्लर में वैक्स करवाओ या घर पर दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले (रीयूज़ेबल) वैक्सिंग स्ट्रिप से वैक्स करो। रीयूज़ेबल वैक्सिंग स्ट्रिप से वैक्स करने के बाद उन्हें अच्छे से धो लेना। या फिर डिस्पोज़ेबल (ऐसे वैक्सिंग स्ट्रिप जो सिर्फ़ एक बार इस्तेमाल किए जा सकते हैं) वैक्सिंग स्ट्रिप ही इस्तेमाल करो। वैक्स करने के बाद कुछ दिनों के लिए टाइट चड्डी नहीं पहनना बेहतर होगा।
अगर आप शेव करते हो, तो ध्यान देकर शेव करो। नया, तेज़ धार वाला रेज़र इस्तेमाल करो - कम धार वाला रेज़र कभी नहीं चूँकि उससे आपको चोट लग सकती है। चोट लगने से आपको बहुत दर्द तो होगा ही लेकिन चोट में इंफ़ेक्शन भी हो सकता है। जैसे वैक्सिंग में बताया गया, कुछ दिनों के लिए टाइट चड्डी मत पहनना। इससे इनग्रोन बाल (त्वचा के अंदर उगने वाले, तकलीफ़देह बाल) उगने की संभावना कम हो जाती है।
सेक्स करने के बाद जल्द ही बदन धो लेना।
सेक्स होते ही बाथरूम भागने की ज़रुरत नहीं, ओर्गाज़म- चरम आनंद- का भी तो लुत्फ़ उठाओ। पर सेक्स करने के कुछ देर बाद अपने गुप्तांग की जगह ज़रूर धोना। क्यों? सेक्स करते वक़्त शरीर से ढेर सारे रस निकलते हैं और उस जगह में जमा हो जाते हैं, ख़ासकर जब आपको सेक्स में बड़ा मज़ा आ रहा हो। अगर आप इन्हें और साथ में निकले पसीने को धोते नहीं तो अजीब तरह के कीटाणु जमा होने से आपको इंफ़ेक्शन हो सकता है।
अगर आप सेक्स टॉय इस्तेमाल करते हो, तो सेक्स के बाद उन्हें धो लेना।
क्यों? क्योंकि शरीर से निकले रस और कीटाणु उन पर जमा होते हैं। इन्हें बिना धोए रख देने से इन पर फ़ंगस या दूसरे कीटाणु आ सकते हैं। अगली बार इन खिलौनों का इस्तेमाल करने पर इंफ़ेक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
औरतों के लिए गुप्तांग स्वच्छ रखने के सुझाव
अपनी योनि (vagina) साबुन से मत धोना।
पानी की तेज़ फुहार (douche) या स्त्रियों के स्प्रे (feminine spray) या परफ़्यूम से भी नहीं। क्यों? आपकी योनि ख़ुद को साफ़ करती है! उसमें अच्छे कीटाणु होते हैं जो ये काम करते हैं (और आपको ख़मीर [yeast] और कीटाणु से होने वाले इंफ़ेक्शन से सुरक्षित रख सकते हैं)। साबुन से ये अच्छे कीटाणु धुल जाते हैं, और इससे आपकी योनि का बारीकी से नियंत्रित pH का संतुलन बदल जाता है। सिर्फ़ गर्म पानी से काम चल जाएगा।
याद रहे कि आपके प्राइवेट पार्ट से एक ख़ास बू आना एकदम मामूली बात है। हाँ, मछली जैसी बू आना ख़मीर के इंफ़ेक्शन का लक्षण हो सकता है, लेकिन उसके अलावा कोई भी बू ठीक है!
सेक्स करते वक़्त, मुख मैथुन (oral sex)/ गुदा मैथुन (anal sex) और योनि मैथुन (vaginal sex) के लिए अलग कंडोम इस्तेमाल करो।
क्यों? आपके गुदा और मुँह दोनों में योनि से अलग कीटाणु होते हैं। इन कीटाणुओं का योनी में चला जाना अच्छा नहीं । गुदा में छोटी मात्रा में मल पदार्थ भी हो सकते हैं, जिनका आपकी योनि के साथ कोई लेना देना नहीं है।
सेक्स करने की थोड़ी देर बाद पेशाब करने की कोशिश करना।
ये ज़रूरी नहीं कि सेक्स के तुरंत बाद आप बाथरूम जा भागो (हाँ, ज़ोर से पेशाब लगी हो तो ज़रूर जाओ)। लेकिन थोड़ी देर बाद पेशाब करना अच्छी बात है और हाँ, जब लगे, तो कर लो! पेशाब को अंदर दबाए बिलकुल मत रखो।
क्यों? सेक्स करते वक़्त, गुप्तांग और मुँह के कीटाणु मूत्रमार्ग (urethra) में चले जाते हैं। इससे आपको मूत्रमार्ग का इंफ़ेक्शन (UTI) हो सकता है, जो बहुत दर्दनाक हो सकते हैं। सेक्स के बाद पेशाब करने से ये इंफ़ेक्शन होने का ख़तरा कम होता है।
अगर आप टॉयलेट पेपर इस्तेमाल करते हो, तो सामने से शुरू करो और पीछे तक पोंछो।
जैसे बच्चों को बताते हैं, सुसु से शुरू करते हुए पॉट्टी तक पोछो। क्यों? इससे मल पदार्थ या गुदा के रोगाणु योनिमुख (vulva) तक नहीं पहुँचते। याद रहे कि योनिमुख काफ़ी संवेदनशील होता है और उसमें ख़ुद के कीटाणु होते हैं। वहां नए कीटाणु ले जाना अच्छा नहीं होगा।
आपका सैनिटरी नैप्किन हर तीन से चार घंटे बदलो।
और अगर आप टैम्पॉन इस्तेमाल करते हो, तो उसे हर चार से आठ घंटे बदलो। अगर आप माहवारी का कप (menstrual cup) इस्तेमाल करते हो, तो उसे दिन में कम से कम दो बार खाली करो। क्यों? जमा ख़ून में कीटाणु बढ़ सकते हैं। इससे टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (Toxic Shock Syndrome) जैसी गंभीर परेशानी हो सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है।
मर्दों के लिए गुप्तांग स्वच्छ रखने के सुझाव
गुप्तांग की जगह सूखी रखो।
टॉयलेट जाने के बाद, या नहाने या स्विम्मिंग करने के बाद, आपका शिश्न (penis) ध्यान से धोकर सुखाओ। क्यों? कीटाणु और फ़ंगस ऐसी जगहों में पनपते हैं जहां अँधेरा होता है और जो गीली होती हैं। शिश्न सूखा रखने से जॉक्स इच (jock’s itch) जैसा इंफ़ेक्शन नहीं होता - जो खुजलीदार क़िस्म का एक दाद (ringworm) है।
अपने शिश्न पर पाउडर, डीओडोरंट या कर्कश साबुन मत इस्तेमाल करना - इनसे त्वचा में जलन हो सकती है।
शिश्न के ऊपर की चमड़ी/ फ़ोरस्किन (foreskin) के नीचे भी धोना।
सयाने मर्दों को नहाते वक़्त, फ़ोरस्किन धीरे से पीछे खींचकर, शिश्न का आगे का भाग धोने की आदत डालनी चाहिए। सिर्फ़ गरम पानी से धोना भी काफ़ी है। क्यों? फ़ोरस्किन के नीचे स्मेग्मा (smegma) इकठ्ठा होते रहता है। यह एक सफ़ेद सा, तेलयुक्त पदार्थ है जो त्वचा की मरी हुई कोशिकाएं (cells), त्वचा के तेल और नमी से बना होता है । फ़ोरस्किन धोने से स्मेग्मा निकल जाता है। स्मेग्मा से बदबू आ सकती है और उसमें कीटाणु भी पनप सकते हैं, और इसलिए उसे बढ़ने ना देना ज़रूरी है।
जिन मर्दों का ख़तना (circumcise) किया गया है , उनके लिए भी ये ज़रूरी है कि शिश्न के आगे का हिस्सा ध्यान से धोएं ।
स्नान के आख़िर में ढेर सारे पानी और साबुन से गुदा साफ़ कर के, उसे सुखाओ।
क्यों? इस तरीके, पहले गुप्तांग के और हिस्से साफ़ किये जाते हैं l आखिर में गुदा साफ़ करने से मल पदार्थ और कीटाणु शिश्न और मूत्रमार्ग में नहीं जाते।
और अंडकोष और गुदा के बीच की जगह भी को भी अच्छे से धोना न भूलें, ताकि वहां से बू ना आए।
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