चलो यह तो मान लेते हैं कि शरीर के बाल हम में सभी प्रकार की भावनाएँ उत्पन्न करते हैं। अगर आपको उन शानदार भावनाओं के बारे में पढ़ना हैं जो शरीर के बाल होने से और ना होने से हम में उत्पन्न होती हैं, तो आप हमारा यह गज़ब का सर्वे देख सकते हो। हममें से ज़्यादातर लोगों का बालों के साथ प्यार और नफ़रत का रिश्ता है: अगर हमें ख़ुद पर बाल पसंद नहीं आते, हमें शायद हमारे जोड़ीदार पर बाल पसंद आते हैं; जबकि कुछ लोगों का अपने बालों से बड़ा लगाव होता है, कुछ और औरतों के उस्तरे के विज्ञापन में बॉलीवुड की अभिनेत्री जैसे नग्न रहना पसंद करते है। और कुछ लोगों को इसकी कोई परवाह नहीं होती। पर क्या आपने कभी सोचा है: हमारे शरीर पर बाल आखिर होते क्यों हैं? शरीर के बालों का क्या उद्देश्य है? शरीर के बालों से हमारे स्वास्थ को कुछ मूल फायदे हैं। यह शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं (इस वज़ह से जब आपको ठंडी लगती है तब आपके बाल और आपके रौंगटे खड़े हो जाते हैं)। कुछ बाल, जैसे पलकें, नाक के बाल और भौहें, हमारे संवेदनशील अवयवों को पराई चीज़ों से सुरक्षित रखते हैं। लेकिन हमारी यौन ज़िंदगियों का क्या? हम यह तो जानते है कि शरीर के बालों के निकालने का मामला और आकर्षित दिखने से जुड़ा है। पर क्या हमें पता है कि शरीर के बालों का हमारी यौन ज़िंदगी से कोई नाता है भी कि नहीं? हमने विज्ञान से प्रश्न किया। ज़्यादा बाल? ज़्यादा संवेदना? डॉक्टर मेडेलीन कास्टेल्लानो, जो यौन चिकित्सा में विशेषज्ञा हैं और जो sexmd.com चलाती हैं, कहती हैं कि शरीर के बाल संवेदनशील होते हैं, इसलिये वे आपका यौन सुख बढ़ाने में काम आ सकते हैं। हर बाल की पुटिका में एक नस का अंतिम भाग है, और जब आप बाल को हाथ लगाते हो, बाल से लेकर उस नस के अंतिम भाग तक एक संवेदना जा गुज़रती है। यह नस का अंतिम भाग बाल की पुटिका के अंदर होता है, ना कि चमड़ी पर, तो शरीर पर बालों का होना हमें ढ़ेर सारी संवेदनाएँ महसूस करवाता है। अब यह जानते हुए इस बात पर गौर कीजिए कि हमारे ५ मिलियन जाड़े, घने सिर्फ जघन के बाल हैं … तो फिर तो क्या कहने। शरीर के बाल और वह रहस्यमय फेरोमोन कुछ लोगों को यह शक है कि शायद काँखों और जघन में बालों का उगना फेरोमोन (pheromone) को फँसाकर उन्हें फिर छोड़ने से संबंधित है। फेरोमोने हवा में उड़ने वाले हार्मोन हैं जो स्तनपायी जानवरों में यौन इशारे पहुँचाने का काम करते है। फेरोमोन संभवतः कैसे काम करते हैं यह आपको इस विडियो में पता चलेगा। जब कि कई स्तनपायी जानवरों में फेरोमोन पहचाने गए हैं, इंसानों में वह मौजूद हैं कि नहीं, इस पर कोई सामंजस्य नहीं है। लेकिन इंसानों में भी शायद ये वही काम करते हों जैसे और जानवरों में, नहीं तो इतने घने काँखों और जघन के बाल होने का और कोई भारी कारण तो समझ नहीं आता। कृपया हम जघन के बालों के बारे में बात कर सकते हैं? हाँ, बिल्कुल. पिछले कुछ सालों में, इस विचार ने, कि जघन के बालों को छाँटने के बजाय पूरी तरह निकाल देना चाहिए, लोगों के मन में अपनी जगह बना ली है। कुछ लोग अपने जघन के बालों की यूँ छटाई करते हैं कि उनसे चित्र या अक्षर बन जाते हैं। यह एक मज़ेदार तरीका है अपने पार्टनर को चकित करने के लिए। इस प्रकार यह एक जैविक कामुक खिलौना बन जाता है। कुछ और लोग जघन के बाल पूरी तरह से निकाल देते है, चूँकि उन्हें जघन यूँ और आकर्षक लगता है। कुछ और लोग इन बालों को अलग अलग तरीकों से ‘स्टाइल’ देना पसंद करते हैं, जैसे कि “लैंडिंग स्ट्रिप” (और सच कहें तो और ढेर सारे तरीकों से यह स्टाइलिंग हो सकती है, अगर आपको यह तरीके देखने हैं, तो यह रहे)। कुछ लोग अपने जघन के बाल और संगीन कारणों के लिए निकालना पसंद करते हैं - जैसे कि अगर उनके जघन में जूँ हो जाती हैं। यह सिर की जूँ जैसी हैं और उन्हें निकालने के लिए शक्तिशाली दवाई लगानी पड़ती है। फिर भी, यह जानना अच्छी बात है, कि कामुक संवेदना को और शानदार बनाने के आलावा, जघन के बाल अपने आप में एक सुरक्षा कवच जैसे हैं। यह बाल कीटाणुओं और पराये कणों को संवेदनशील जननीय अवयवों तक पहुंचने से रोकते हैं। यह बाल जघन के क्षेत्र में नमी को भी नियंत्रित करते है, “ उसे चमड़ी से दूर चूसने से”। इस प्रकार यह बाल यीस्ट के इन्फेक्शन होने से रोकते हैं और वह जगह संतुलित और सूखी रखते हैं। यानी जघन के बाल काफ़ी काम के है। तो जघन के बाल निकालें या नहीं? माना कि हमारे शरीर पर बाल किसी वजह से होते है, फिर भी उन्हें निकालना इतनी उग्र बात नहीं है। उदहारण के तौर पर, रौंगटे खड़े होने से शरीर में गर्मी का जो संचार होता है, उसकी मात्रा बड़ी कम है। और शायद आज की तारीख में, हम हमारे प्रेमियों को काँखों और जघन में छिपे रहस्यमय फेरोमोन के बजाय, दूसरे तरीकों से भी आकर्षित कर सकते हैं। शरीर पर बाल होने से जघन पर या शरीर में कहीं और, कामुक सुख बढ़ता है या घटता, इस बात का कोई ठोस वैज्ञानिक सबूत अब तक नहीं मिला है। असल में, ए ओ आय के बॉडी हेयर - डू यू केयर? सर्वे के नतीजे हमें यह बताते हैं कि कामुकता और शरीर के बालों का नाता कई दफ़े दिमाग में बनता है। कुछ लोग मानते है कि शरीर के बाल निकालने से हम और स्वच्छ, और स्वास्थ्यकर और कम बदबूदार बन जाते हैं। लेकिन यह सच नहीं है। अगर आप ख़ुद को साफ़ सुथरा और स्वास्थ्यकर रखते हो, तो शरीर के बाल उस सफ़ाई में कोई बाधा नहीं डालेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो, आपको शरीर के बाल रखने हैं या निकालने, यह एक वैयक्तिक मामला है, जो संस्कृतिक मान्यताओं से प्रभावित है। अगर आप शरीर के बाल निकाल रहे हो तो यह बातें ध्यान में रखना शरीर के बाल निकालने के कई तरीके हैं:
- अल्पकालीन तरीके - मोम लेपन, मुण्डन, धागाकरण या क्रीम लगाकर उन्हें निकालना, जो कम कीमती तरीके हैं और जो आप ख़ुद कर सकते हो या पार्लर में करवा सकते हो।
- दीर्घकालीन तरीके - इलेक्ट्रोलिसिस, जो एक - एक बाल को गरमी या रसायनिक ऊर्जा के ज़रिये निकालता है: या लेज़र से बाल निकालना, जहाँ बाल की पुटिका को लेज़र की किरण से धड़काया जाता है - इन तरीकों से बालों को हमेशा के लिए निकाला जा सकता हैं। यह तरीके काफ़ी कीमती हैं और सिर्फ़ डॉक्टर द्वारा ही कराए जा सकते हैं।
तो अगर आप बाल निकाल रहे हो तो यह चीज़ें ध्यान में रखना:
- अगर आप शेव कर रहे हो: नया और अच्छी धार वाला रेज़र इस्तेमाल करना, जंग लगा हुआ और कम धार वाला रेज़र कभी मत इस्तेमाल करना, चूंकि यह आपके चमड़े को काटकर आपको गहरे इनफ़ेक्शन दे सकते हैं। जिस दिशा में बाल उग रहे हैं उसी दिशा में शेव करना ताकि आपके अंदर की ओर बढ़ने वाले दर्दनाक बाल ना निकलें या आपको इनफ़ेक्शन ना हो।
- अगर आप मोम से बाल निकाल रहे हो: हरदम मोम को अपनी बाहों के एक छोटे हिस्से पर लगाकर जाँच लो, ताकि आप यह जान सको कि आपको कोई एलर्जी या चिड़चिड़ी प्रतिक्रिया नहीं हो रही है। अगर आप ख़ुद से मोम लगा रहे हो, तो अपने चमड़े को गरम मोम से जलाना मत। अगर आप किसी पार्लर से वैक्स करवा रहे हो, तो यह जाँच लेना कि सभी औज़ार साफ़ सुथरे हैं और वैक्स लगाने की कपड़े की पट्टियां बासी नहीं हैं।
आप जो भी करो, सुरक्षित रहना, जानकार रहना, और ये निश्चित कर लेना कि आप वाकई ऐसा करना चाह रहे हो: ये वह नियम हैं जो हर बार काम आते हैं।