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सात खून माफ़ से लेकर खून-खराबा तक: वह सभी तरीक़े जिनसे लोग बेवफ़ाई का सामना करते हैं!

कुछ कहानियां उन लोगों कीं जिन्हें अपने प्रेमियों की बेवफ़ाई के बारे में पता चला, उसके पश्चात क्या हुआ और उसके बारे में उन्हें अब क्या लगता है।

 इश्क़ और वफ़ा - प्यार और वफ़ादारी - हरदम हाथों में हाथ डाले चलते हैं। फ़िल्में तो यही बताती हैं, और रूमानी उपन्यास भी इसका ऐलान करते हैं। लेकिन, लव, सेक्स और धोखा भी कभी कभार अनपेक्षित त्रिकोण बनकर एक साथ आते हैं। हम में से कुछ लोग कहते हैं कि हम कभी किसी को धोखा नहीं देंगे - फ़िर भी धोखा देते हैं। हम में से कुछ लोग कहते हैं कि हम बेवफ़ाई बरदाश्त नहीं करेंगे - फ़िर भी बरदाश्त करते हैं। हम में से कुछ लोग कहते हैं ठीक है, कि बेवफ़ाई हुई हो तो स्थिति संभाल लेंगे और फ़िर उन्हें पता चलता हैं कि वह ऐसा नहीं कर पाए। असल में होता क्या है जब अपना प्रेमी वफ़ादारी का दिया हुआ वादा तोड़ता है, चाहे वह वादा उसने ज़ाहिर रूप से दिया था या नहीं? क्या हम सब वफ़ादारी के बारे में सच में एक समान सोचते हैं? यह रही कुछ कहानियां उन लोगों कीं जिन्हें अपने प्रेमियों की बेवफ़ाई के बारे में पता चला, उसके पश्चात क्या हुआ और उसके बारे में उन्हें अब क्या लगता है।   क्या एक ख़राब फल एक पूरे … समुदाय को बिगाड़ सकता है? दूसरे शख़्स के समुदाय से ही बैर कर लेना टिमोथी, ३०, शिक्षक, बेंगलुरु मेरी गर्लफ्रेंड और मैं दो साल से साथ रहे थे जब मैंने जाना कि वह किसी और से भी मिल रही थी। मैं उसे उसके जन्मदिन पर मिलने गया और मैंने तोहफ़ों पर बहुत पैसे ख़र्च किए थे। मुझे याद है उसे मिलने के बाद घर वापस लौटते हुए, चीज़ों से भरी एक बड़ी थैली हाथों में लिए, टेडी बैर इत्यादि चीज़ों के साथ, और यह सोचते हुए कि अब मैं उन सबका क्या करूंगा। मैं उस थैली को घर तो हरगिज़ नहीं ले जा सकता था। बस कुछ ही देर पहले उसने मुझे बताया था कि उसकी एक अच्छे मलयाली लड़के से पहचान कराई गई थी और वह उससे बातें कर रही थी और उससे शादी करने की सोच रही थी। मैं तमिल हूँ और ईसाई भी तो उसे लगता था कि उसके माता पिता को मैं पसंद नहीं आऊंगा। अगले दिन मैं इतना गुस्से में और हक्का बक्का था कि मुझे लगा कि आइंदा से मुझे किसी मलयाली से बात ही नहीं करनी थी। मेरे दो मलयाली ग्राहक थे, जो अच्छे ग्राहक थे। मैंने उन्हें फ़ोन किया और उनसे हमारा व्यापारी रिश्ता तोड़ा। आज तक, मैं कभी मलयाली ग्राहक के साथ काम नहीं करता क्योंकि वे मुझे मेरी पुरानी गर्लफ्रेंड की और कैसे उसने मेरा दिल तोड़ा इन दोनों बातों की याद दिलाते हैं।   ठीक है, तो उसने मुझे धोखा दिया … अब आगे बढ़ो! विवाह से पूर्व के यौन संबंध को स्वीकार करना राहुल, ३०, मार्केटिंग प्रोफ़ेशनल, बेंगलुरु मैं कॉलेज में एक लड़की के साथ था। वह मुझसे दो साल बड़ी थी। मैं जेब खर्च के लिए कुछ पैसे कमाने के लिए कॉल सेंटर में काम कर रहा था और उसने भी वहां काम करना शुरू किया। हमारे ऑफ़िस में ऐसा नियम था कि एक विभाग में दो लोगों का एक दूसरे को डेट करना मना था तो इसलिए मैंने मेरे बॉस को हमारे बारे में बताया। उसने मेरी गर्लफ्रेंड को दूसरे विभाग में सरका दिया। मेरे जन्मदिन पर, मेरे दोस्तों ने मुझे मेरे घर पर सरप्राइज देना चाहा। मेरा एक दोस्त मेरी गर्लफ्रेंड को मेरे घर ले आया। बाद में उसने मुझे बताया कि जिधर वह मेरी गर्लफ्रेंड से मिला था उधर तक मेरा बॉस मेरी गर्लफ्रेंड को छोड़ने आया था। मेरी गर्लफ्रेंड ने इस बात का कोई ज़िक्र नहीं किया। मुझे शक़ हुआ। एक दिन, हम चाय पीने ऑफ़िस की छत की ओर जा रहे थे जब उसे टॉयलेट जाना था और उसने उसका फ़ोन मेरे हाथ में थमा दिया। उसके फ़ोन से आवाज़ आई। मैंने देखा कि मेरे बॉस ने मैसेज भेजा था जिसे मैंने खोला। मैसेज में लिखा था “अच्छा, राहुल यहां नहीं है, यह अच्छा मौक़ा है, क्या तुम्हें ऊपर आना है?” मैंने उससे कुछ नहीं कहा। हम ऊपर छत पर गए और मेरा बॉस वहां था। जब उसने हमें देखा, वह इस अंदाज़ में वहां से चल दिया जैसे कुछ हुआ ना हो। मैंने मेरी गर्लफ्रेंड से कहा, “हे, मैंने तुम्हारे फ़ोन पर आख़िरी मैसेज पढ़ा।” उसने मैसेज पढ़ा और उसका चेहरा बदला। तब मुझे पता चला। उसे कुछ कहने की कोई ज़रुरत नहीं थी। उन दिनों मेरा ऐसा विश्वास था कि सेक्स शादी के बाद ही होता है। और इसके बावजूद कि मुझे चोट पहुंचाई गई थी और मैं ग़ुस्से में था, मेरी प्रतिक्रिया थी, “इस औरत ने मुझसे बेवफ़ाई की, इसलिए मैं इससे शादी नहीं करूंगा। मैं अगली के लिए इंतज़ार करूंगा।” लेकिन उस घटना के बाद जल्द ही मैंने किसी के साथ सेक्स किया। सामान्यतः तो निर्णय लेने में मैं इतनी जल्दबाज़ी नहीं करता लेकिन सेक्स करने का निर्णय … सामान्यतः, मैं ऐसा कुछ करने के पहले सौ बार सोचता। मेरे निर्णय पर बेवफ़ाई की घटना का कुछ असर रहा होगा चूँकि सिर्फ़ शादी के बाद के सेक्स का विचार मैंने छोड़ दिया था। यह बदलाव मेरे लिए काफ़ी महत्त्वपूर्ण था। अरे, बेवफ़ाई की तो सिर्फ़ बात हो रही थी। इतना संजीदा क्यों बनती हो? ना चाहते हुए क्षमा करना रुख़्साना, २७, वकील, बंबई मेरे तब के बॉयफ्रेंड के साथ मैं लंबी दूरी के रिश्ते में थी। वह लंदन में था, और मैं बंबई में। वह उसकी पुरानी गर्लफ्रेंड से लंदन में मिला, और उस समय वह नशे में था और वह लड़की, नहीं थी। वह मुझे पहले से कहता आ रहा था कि वह दोनों दोस्त थे और कभी कभार सेक्स करते थे, लेकिन उनका रिश्ता उससे गहरा नहीं था । उस लड़की को घर छोड़ते समय, मेरे बॉयफ्रैंड ने उसे चूमा। उस लड़की ने बदले में उसे नहीं चूमा। जिस दिन मैंने उसे पूछा था कि उनकी मुलाक़ात कैसी रही, उस दिन मुझे उसने यह सब बताया। उसने कहा कि मेरे गुस्से से वह नाराज़ था। उसे लगा कि मुझे समझना चाहिए था कि उसने जो कुछ भी किया वह एक अलविदा कहने जैसा था। मुझे लगा कि उसने मुझे धोखा दिया था और मेरा उस पर विश्वास थोड़ा कम हुआ। मैं गुस्सा थी और मुझे लगा कि उसे मेरे बारे में या हमारे रिश्ते के बारे में परवाह नहीं थी। सब कुछ ठीक लगने में मुझे कुछ समय लगा। मैंने उसे माफ़ कर दिया चूँकि मुझे पता नहीं था कि मैं और क्या कर सकती थी। मुझे ऐसा लगा कि उसे मेरी स्थिति की समझ नहीं थी। इसलिए, मैंने उसे माफ़ कर दिया, लेकिन मैं वह घटना भूली नहीं। उस घटना ने हमारे रिश्ते में शक का बीज बोया। उसके साथ सेक्स करना अक्सर एक भावुक अनुभव होता और जब ऐसा होता, उसकी बेवफ़ाई का साया हम पर मंडराता रहता। लेकिन कभी कभार, जब हम बिना भावुक लगाव के सेक्स करते, तब ऐसे लगता कि बेवफ़ाई ख़ास मायने नहीं रखती। उस घटना के बाद जब हमने पहली बार सेक्स किया, तब मज़ा आया, चूँकि उसके बाद, उसने मुझसे शादी की इच्छा व्यक्त की, इसलिए बाकी सारी बातें उस जोश में गायब हो गईं। लेकिन उसके बाद, हमने दो बार बातें की जहां उसने कहा कि चूँकि हम लंबे दूरी के रिश्ते में थे इसलिए उसे दूसरी औरतों के साथ सेक्स करने का मन होता था। मगर उसने वैसे किया नहीं। एक या दो बार, ऐसी बातचीत ने मुझे बड़ा ग़ुस्सा दिलाया और सेक्स के समय मैं बहुत आक्रामक बनी। लेकिन आख़िरकार मेरी उस बात में रूचि ना रही, चूँकि हर बार जब मैं उसका ज़िक़्र करती, वह कहता, “वह सिर्फ़ एक बातचीत थी। तुम उसे इतना महत्त्व क्यों दे रही हो?” मैंने उस बात को जाने दिया क्योंकि वह बात मेरे बॉयफ्रेंड से ज़्यादा मुझे परेशान कर रही थी और यह मुझे पसंद नहीं था। ‘आह’ से ‘जी नहीं’ तक पागलों सी बदलती हुई कामवासना प्रतीक, ३६, मीडिया प्रोफ़ेशनल, दिल्ली कम से कम तीन बार मुझे धोखा दिया गया है। असल में, उसी कारण मेरी शादी भी टूट गई। लेकिन पहली बार जब ऐसा हुआ और आख़िरी बार जब ऐसा हुआ, मेरी प्रतिक्रिया बहुत अलग रही। पहली बार, मैं शायद २२ साल का था। हाल ही में मैं दिल्ली रहने आया था और एक औरत के साथ काफ़ी गहरे रिश्ते में था। लेकिन जल्द ही, मुझे पता लगा कि उसके जीवन में कोई और भी था। लंबे अरसे के लिए मैं उदास रहा और मैंने बहुत ग़ुस्सा भी महसूस किया। मैं एक ऐसी स्थिति से गुज़रा जहां मैं ख़ुद को बताने लगा कि सभी औरतें वैसी थीं, जो मुझे अब लगता है बहुत बचकाना था। मुझे बदला चाहिए था और वह मैंने बहुत सारी औरतों के साथ सेक्स करके लिया। अगले ५२ सप्ताहों में मैंने ५२ औरतों के साथ सेक्स किया। मैं बहुत तरुण था और मुझे लगा कि ऐसा करने से उस औरत ने मुझे जिस तरह धोखा दिया था उससे मुझे राहत मिलेगी। लेकिन एक साल के निरर्थक सेक्स से, जो किसी तरह से भावुक नहीं था, मुझे समझ आया कि मैं सिर्फ़ खुद को चोट पहुंचा रहा था। अगली बार? दो साल पहले मैं इंटरनेट पर एक औरत से मिला और हमने डेटिंग करना शुरू किया। हम क़रीब डेढ़ साल साथ रहे थे जब मुझे पता चला कि वह दूसरे लोगों से भी मिल रही थी। यह जो चल रहा था उसके बारे में मेरी कुछ शंकाएं भी थी लेकिन हर बार जब मैं उससे सवाल करता, वह उसे ख़ारिज कर देती। एक दिन, उसका फ़ोन मेरे हाथ में था और मैंने कई रूमानी और कामुक मैसेज देखे। इसलिए मैंने उनके बारे में उससे पूछताछ की और हमने रिश्ता तोड़ दिया। बाद में, कई महीनों तक सेक्स में मेरी रूचि ना के बराबर थी और मैं निराशा के दौरे से गुज़रा। मैं कुछ नहीं करना चाहता था। आख़िरकार, मेरा मानसिक चिकित्सक भी मुझे ‘ख़ुद से कुछ करने’ को कहने लगा ताकि मैं फ़िर से चीज़ें महसूस करने लगूं। मैं सोचने लगा था कि मैं फ़िर से कभी सेक्स नहीं करूंगा। कि चैप्टर ख़त्म हो गया अब। इसलिए, उसके बाद जब मैंने पहली बार सेक्स किया, तब बहुत अलग अलग भावनाएं एक साथ महसूस की। सेक्स करते समय, पहले जितना मज़ा आ रहा था। उसके बाद सेक्स और ख़ुद को लेकर मेरी भावनाएं बहुत अच्छी थी। क़रीब ५% नकारात्मक भावनाएं भी कीं। यहां मेरी ज़िंदगी ने नया मोड़ लिया और बातें सुधरने लगी। लेकिन अब भी, मैं किसी बात पर सहजता से विश्वास नहीं करता, जिसके बारे में मुझे अच्छा नहीं लगता, क्योंकि वैसे तो मैं बहुत विश्वासी इंसान हूँ। और इसका असर मेरे किसी नए पनपते रिश्ते पर भी ज़रूर होता है। ग़लत समय पर कही बात, छोकरे! अपने शरीर को लेकर अनिश्चितता सुमीता, २७, पुणे मेरे बॉयफ्रेंड ने मुझे एक दिन यूं ही बताया कि उसे अपनी नाईट शिफ्ट में काम करने वाली लड़की सेक्सी लगती थी। मैं भौचक्का थी चूँकि शाम का समय था, हम छज्जे पर बैठे थे और माहौल रूमानी था। मुझे पता नहीं था मैं क्या कहूं। उस समय, मैं चार लड़कियों के साथ एक घर में रहा करती थी। उनमें से एक लड़की बहुत सुंदर थी और बहुत तकलीफ़देह भी थी और मेरा बॉयफ्रेंड उसे शायद एक बार और वह भी दो मिनिट के लिए मिला होगा। लेकिन हमारे झगड़ों की सभी कहानियां उसने सुनी थीं। छज्जे की घटना के दो दिन बाद, जब हम सेक्स कर रहे थे, उसने मुझे कहा कि उसे वह लड़की बहुत सेक्सी लगती थी। व्याकुल होकर और गुस्से में (आख़िर वह उस समय मेरे अंदर था!) मैंने उसे पुछा कि क्या वह उसके साथ सोना चाहता था। वह बोला हाँ, अवश्य। मैं फ़िर से अवाक् थी। अगले दिन मैंने उसे पूछा कि क्या उसने ऑफ़िस की लड़की के साथ सेक्स किया था, और उसने हाँ कहा। तब मैंने उसके साथ नाता तोड़ दिया। उस घटना के बाद, जब भी मैं सेक्स करती हूँ तब मैं इतनी चिंतित और तनावपूर्ण रहती हूँ कि मैं कैसी दिख रही हूँ। मैं हर बार इस सोच में रहती हूँ कि जिसके साथ मैं सेक्स कर रही हूँ, क्या वह ऐसी किसी मुझसे ज़्यादा सुंदर लड़की के बारे में सोच रहा है, जिसे मैं जानती हूँ। सब लोग बेवफ़ाई करते हैं, नहीं? वफ़ादारी में कोई विश्वास नहीं बचा अनुष्का, २५, लेखिका, बेंगलुरु हम दोनों के अलग होने के बाद ही मुझे पता चला कि मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे साथ बेवफ़ाई की थी। मैं २० साल की थी और वह २५ साल का, इसलिए उस समय वह मुझे अपने से बहुत बड़ा लगता था। वह दो औरतों के साथ मुझसे बेवफ़ा रहा था और यह बात काफ़ी समय तक चली थी। एक औरत के साथ वह सिर्फ़ सेक्स कर रहा था लेकिन दूसरे रिश्ते में सेक्स के अलावा और जज़्बातें भी मौजूद थी और उस बात का मुझ पर असर हुआ। कई क्रोधित एस.एम.एस. भेजने के बाद मैंने उसे मेरे सभी सोशल मीडिया अकाउंट से ब्लॉक किया। लेकिन दो साल बाद हम फ़िर साथ आए। उन दो सालों में, मेरे कोई महत्त्वपूर्ण रिश्ते नहीं बने लेकिन मैंने सेक्स ज़रूर किया। बेवफ़ाई का शिकार होने से सेक्स (दूसरे लोगों के साथ और बाद में उसके साथ) के बारे में मेरी राय पर नकारात्मक असर नहीं हुआ, लेकिन वफ़ादारी से मेरा विश्वास निकल गया। मैं मानने लगी कि लंबे अवधि के रिश्तों में आख़िरकार दोनों में से एक शख़्स बेवफ़ा होता है। ख़ुद सेक्स का भावुक, ख़ास और घनिष्ठ होना ख़त्म हो गया। मुझे लगा कि उन दिनों मैं पागलों जैसा प्यार भरा सेक्स कर रही थी जबकि दूसरी ओर से वह सब शायद एक ढोंग था। जैसी करनी, वैसी भरनी बेवफ़ाई को गले लगाना आयुषी, २५, निर्यात कंपनी में काम करती है, इंदौर वह मेरा पड़ोसी था और २०१० में हमने डेट करना शुरू किया। २०११ में, हमारे एक पारस्परिक दोस्त ने मुझे बताया कि मेरा बॉयफ्रेंड तीन साल से किसी दूसरी लड़की के साथ रिश्ते में है। मैंने उस लड़की से बात की और हम दोनों ने उससे पूछताछ की। उसने इंकार किया कि मैं और वह कभी साथ थे। एक महीने बाद, मैंने उसे मुझसे बात करने की भीख मांगी और हम फ़िर से साथ हो लिए। ६ महीनों बाद, हममें शारीरिक संबंध शुरू हुए। सिर्फ़ लोट लपाटा, कोई सेक्स नहीं। तब से मैं किसी और रिश्ते में नहीं रही हूँ। उसके प्रति मेरी अब भी भावनाएं हैं। हम अब भी शारीरिक संबंध रखते हैं। हम दोनों में जो है उसे आप रिश्ता नहीं कह सकते, लेकिन वह एक रिश्ते से कम नहीं। वह अब भी उस दूसरी लड़की के साथ है। वह कहता है कि वह लड़की उसे अपने साथ रहने के लिए मजबूर कर रही है, जिसपर मैं विश्वास नहीं करती। जब मुझे दूसरी लड़की के बारे में पता चला था, मैं यह बात स्वीकार नहीं कर पाई कि मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरे बजाय उस लड़की को चुना और मैं उसे फ़िर से हासिल करने के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार थी। उस समय, मुझे उससे मिलते रहने में कुछ ग़लत नहीं लगा। अब, जबकि मैं ख़ुश हूँ कि वह मुझे मिलता है, हम फ़िर भी उसके दूसरे रिश्ते को लेकर झगड़ते हैं। जब हम सेक्स कर रहे होते हैं, मुझे इस बात का बुरा नहीं लगता कि वह किसी और के साथ भी है। लेकिन बाद में, मैं उस ख़याल से जानकर दूर रहती हूँ। लेकिन मुझे अपना कोई अपराध बोध नहीं लगता चूँकि जब मैंने उस लड़की को अपने बॉयफ्रेंड के बारे में पूछा था तब वह अपनी बात की इतनी पक्की थी कि उसने कहा था, “मुझे पता है कि वह मुझे चुनने वाला है”। सच कहें तो मैं उसका कहना सहन नहीं कर पाई। मैं इस बात से ख़ुश हूँ कि वह लड़का मेरे साथ रहकर उस लड़की से बेवफ़ाई कर रहा है। मुझे लगता है कि उस लड़की के लिए यही योग्य है। अब बस भी करो पूरी तरह से आगे बढ़ने की ख़्वाइश लियो, २७, दिल्ली हम ६ साल से साथ हैं। माना, कि जिस रात मैंने उसकी बेवफ़ाई के बारे में जाना मैंने उससे संबंध तोड़ दिए, और उसके बाद के एक महीने तक मैं ग़ुस्सा था । लेकिन अब, मुझे लगता है हमने बात करके आगे बढ़ना चाहिए। हमारी शादी होने वाली थी। देखते हैं क्या हम हमारा रिश्ता सुधर सकते हैं। यह बात स्पष्ट है कि बेवफ़ाई का हर बार किसी नियततरीक़े से हम जवाब नहीं देते। कई प्रकार के ज़वाब हो सकते हैं। बेवफ़ाई की परिभाषा भी हर एक शख़्स के साथ और उनके अनुभव के साथ बदलती है - क्या बेवफ़ाई सिर्फ़ शारीरिक होती है या भावुक भी? बेवफ़ाई का एक निर्धारित जवाब नहीं है, भला हमें पहले जो भी लगे कि हम किस तरह से इस पर प्रतिक्रिया देंगे।
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