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कार्ड पर लिखा है:
वो चीज़ें, जिनकी डेट पे उम्मीद करने की हिम्मत ही न रही ।
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कार्ड पर लिखा है:
"अगर हम किसी आदमी के साथ डेट पे हैं, तो हम यह उम्मीद ही नहीं रख सकते कि उसको मेरी ज़िन्दगी में दिलचस्पी होगी और वो मेरे बारे में और जानना चाहेगा। ज़्यादातर तो बस हम ही सवाल पूछते रहते हैं । अगर वो पूछते भी हैं, तो बस वही पूछते हैं, जो मैंने उनसे पूछा हो। अपने मन से कुछ सोचने की तो ज़हमत ही नहीं उठाते।"
कार्ड पर लिखा है:
"मैंने यह उम्मीद करना छोड़ दिया है कि लोग मुझे सीधा बताएँगे कि वो मुझसे दोबारा मिलना नहीं चाहते । आमतौर पे लोग यूं बर्ताव करने लगते हैं जैसे आप दोनों मिले ही नहीं, या कुछ इस तरह का बहाना बनाते हैं जिससे पता चलता है उनको दिलचस्पी नहीं है। हम चाहते है कि कभी तो हमें कोई यूं बोले ' तुम बहुत अच्छे हो, लेकिन तुम वो नहीं, जिसकी मुझे तलाश है ' . सीधी सादी, इज़्ज़त से बात।"
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कार्ड पर लिखा है:
"मैंने उम्मीद करना छोड़ दिया है कि लोग मिलके, हफ्ते भर के अंदर वापस टेक्स्ट करेंगे । अक्सर टेक्स्ट करने का तो सवाल ही नहीं ।"
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कार्ड पर लिखा है:
"मैंने यह उम्मीद करना छोड़ दिया है कि मर्द मुझमें एक सिस औरत की जगह कुछ और देख पाएंगे । वो वही सब करेंगे जो वो एक आम विषमलैंगिक रिश्ते में करते हैं। मैंने इस बात की उम्मीद तक करनी छोड़ दी है, कि वो हॉट और मज़ाकिया होंगे।"
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कार्ड पर लिखा है:
"हमने तो इस बात की उम्मीद करनी ही छोड़ दी कि हम किसी दिलचस्प इंसान से मिल पाएंगे । या कि इससे कुछ ठोस निकल के भी आएगा, जैसे एक मज़बूत पक्का रिश्ता, या डेटिंग के समय अच्छा एक मज़ेदार वक़्त ही। वो भी नहीं होता। बस मर्द हर चीज़ को लेके, हम पे अपना नज़रिया थोपने लगते है।"
कार्ड पर लिखा है:
"हमें बिल का पूरा पैसा देने की उम्मीद नहीं है क्यूंकि अब लगभग हर लड़की अपना हिस्सा देना चाहती है। जिस तरीके से हम बड़े हुए है, उससे तो यह काफी अलग है। लेकिन मेरा बटुआ इसका शुक्रगुज़ार है।"
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कार्ड पर लिखा है:
"जब हम डेट पे जाएँ, तो हम चाहते हैं, कि हम मज़े लें, न कि सामने वाले का मनोरंजन करने की ज़रूरत और दबाव महसूस करते रहें। हम यह नहीं चाहते कि हम ही जान पहचान बढ़ाने और खुशनुमा आकर्षक बनने की कोशिश करते रहें। हम चाहते हैं कि सामने वाला भी कोशिश करे। हम चाहते हैं कि हमें भी कोई मोहित करने की कोशिश करे।"
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कार्ड पर लिखा है:
"जब हम किसी औरत / femme (यानि खास तरह से औरताना अंदाज़ों वाली समलैंगिक औरत) / AFAB (यानि जिसे जनम पे बदन के आधार पे औरत करार किया गया हो) के साथ डेट पे जाएँ, तो पहली ही डेट पे खुद के सारे दुख उनपे लादने से घबराना नहीं चाहते। जिस भी किसी क्वीयर डेट पे हम गए है , हमें अपनी दुःख भरी बातें की हैं । और सच कहे तो , हमें यह पसंद है। इस आदत ने हमें अपने नाज़ुक पहलुओं के साथ सहज होना सिखाया है । नहीं तो लगता था कि ये नाज़ुक पहलू ही तो हमारे दुश्मन हैं, ही ही ही ।"
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कार्ड पर लिखा है:
"हम पहले ही डेट में उस ' चिंगारी ' की उम्मीद नही करते । और जवान थे तो हमें लगता था कि तुरंत ही आकर्षण होना चाहिए , लेकिन अब हमें एहसास हुआ कि आकर्षण तो होता ही रहेगा और यह इस बात पे निर्भर नहीं करता कि पहली डेट कैसे गयी। और जो चिंगारी बाद में जलती है, अक्सर उसका तो मज़ा ही कुछ और होता है।"