पिछले साल मेरे साथ कुछ अजीब-सा हुआ। एक लड़का, जिससे मैं सच्चा प्यार करती थी, उसने मेरा दिल कुछ ऐसे तोड़ा, मानो मैं उसके लिए कुछ थी ही नहीं । इसका असर? मैं कोई दस-एक दिन बिस्तर से उठ नहीं पाई। मैं इस क़दर रोई कि रोते-रोते मेरा गला बैठ गया और मैं दो दिनों तक किसी से बात करने के क़ाबिल नहीं रही। सात महीने पहले उसने मुझे ब्लाॅक कर दिया। मेरे ऑसू रुक ही नहीं पाए। मेरे दिल में अभी भी ऐसा दर्द रह गया है, जिसे सहना मुश्किल हो जाता है। और मेरे दिमाग़ में अब भी इतने सवाल हैं।
Y और मेरी मुलाक़ात Bumble के ज़रिये हुई थी, तब, जब वो मुंबई से मेरे शहर में काम पे आया था। पाँच महीनों तक व्हाट्सएप पर उसकी ज़िन्दगी और हाँ! उसके लिंग पर! गपशप होती रही। आख़िर हम लखनऊ के एक होटल के कमरे में मिले। उसने कहा कि वो मुझे पसंद करता है और उसके दिल में मेरे लिए जगह है। उसने ये भी कहा कि ये सब जो हो रहा है, यूं ही हो जाने वाले सेक्स से कहीं ज़्यादा मायने रखता है। फिर भी, जब मैंने उससे कहा कि मैं उससे प्यार करने लगी हूँ, उसने मुझे ब्लॉक कर दिया। अपने आत्मसम्मान को भूल, मैंने इसके बाद भी उसे कई SMS भेजे। ज़ाहिर सी बात है, उसका कोई जवाब नहीं आया। मुझे लगा कि इस मामले का 'The End' , किसी भी हालत में, ठीक तरीके और तमीज़ से ही होना चाहिए।
मेरे दोस्तों ने मुझसे कहा कि वो बाकी मर्दों की तरह ही कूड़ा करकट जैसा था। मुझे इस बात को मान लेना चाहिए और इस को उस कहानी का 'The End' समझना चाहिए। पर दिल है कि मानता नहीं - दिल जो चाहता है वो चाहता है। और मेरा दिल जवाब चाहता था। मैं जानना चाहती थी कि उसने मुझसे ये क्यों कहा कि उसके दिल में मेरे लिए जज़्बात हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। उस वक़्त हम दोनों के बीच एक ज़बरदस्त सेक्सुअल तनाव-सा था और हम दोनों एक दूजे से कुछ ज़्यादा ही जुड़ गए थे। पर उसने मुझसे कहा था कि हम दोनों का सम्बन्ध सेक्स से आगे भी बहुत कुछ है । सच कहूँ, हम दोनों ने सेक्स किया ही नहीं । हाँ, किस बहुत किया। ऐसे जोश से मानो हमें लग रहा था कि आज ही सब कर लो, कल किसने देखा है। आप सोच रहे होंगे कि चंद चुम्बनों को लेकर इतना हल्ला क्यों मचाया जा रहा है ? बताती हूँ l पर पहले मुझे अपने बारे में आपको कुछ बता देने दीजिए।
मैंने अपनी रोमांटिक ज़िन्दगी की शुरूआत देर से की। काफ़ी देर से। मैं 30 के आसपास की हूँ और मैंने ढंग से कभी किसी को डेट नहीं किया है। हाँ, मैं लोगों से जुड़-सी जाती हूँ, मुझे एकतरफ़ा मोहब्बत भी हो जाती है। मगर किसी से भी मेरा कोई रिश्ता नहीं बना । यूं तो Y और मैं किसी फ़ाॅर्मल रिश्ते में नहीं जुड़े थे, मगर मुझे काफ़ी कुछ फ़ाॅर्मल रिश्ते सा ही लगा। वो एक शब्द है न जिसे हम आजकल काफ़ी इस्तेमाल करते है... आज जब हम हर रिश्ते को अलग अलग लेबल देने लगे हैं l ऐसा रिश्ता 'परिस्थितिवश' कहलाता है (मैंने आपसे कहा था ना कि मैंने रोमांटिक ज़िन्दगी की शुरूआत ही देर से की, इसलिए मुझे ग़लतियों का एहसास देर से होता है) l
अगर Y मुझसे ये कह देता कि जो कुछ हो रहा है, ख़ास मायने नहीं रखता, यूँ ही है, तो ये बात मुझे निराश तो ज़रूर करती, मगर ये अच्छा होता । फिर मैं उससे कभी मुलाक़ात भी नहीं करती। ज़िन्दगी के मामले में मैं लापरवाह सही, पर सेक्स के बारे में, सचमुच सीरियस हूँ। 30 साल की हूँ, फिर भी कभी सेक्स नहीं किया है, तो सीरियस तो हूँगी ही। और मैं अपनी पर्सनाल्टी को इस मामले में बदलना नहीं चाहती। कोई इसे नाॅर्मल माने या ना माने, मुझे लगता है ये एकदम जायज़ है । मैं यूं सहज महसूस करती हूँ।
और तब, Y का आना हुआ और उसके साथ सब कुछ तेज़ी से आगे बढ़ने लगा। मुझे लगा मानो कोई जादू-सा हो गया हो। वो एक बात लिखता, तो मैं दूसरी बात लिखती और बहुत जल्दी मुझे ये एहसास हुआ, कि मैं ये सिलसिला कभी भी ख़त्म नहीं करना चाहती हूँ।
इसी वजह से, Y वो पहला लड़का बना, जिसे मैंने नंगी तसवीरें भेजीं। मुझे ये ग़लत नहीं लगा, क्योंकि Y ने पहले ही मुझसे कहा था कि वो मुझे पसंद करता है। मैं तो उसे पसंद करती ही थी। हमारी पहली मुलाक़ात जैसे सोचा था, वैसी ही, बढिया-सी थी। उसने खुद कहा, हमारा साथ बिताया समा, उसकी ज़िन्दगी की “ दूसरी सबसे बेहतरीन डेट थी” (सबसे बेहतरीन डेट उसकी एक्स वाइफ़ के साथ हुई थी। ) हमने सिर्फ़ एक दूसरे के हाथ थामे और एक-दूजे को गले लगाया। कोई जल्दबाज़ी नहीं की । यूं धीरे धीरे आगे बढ़ना अच्छा लग रहा था।
उसी होटल में हम कुछ और बार मिले। हम दोनों ने एक दूसरे को सीने से लगाया और बाँहों में बाँहें डालकर सोए भी। वो मेरे बगल में सोया था l मैंने होटल की खिड़की से छनकर अंदर आती हुई सुबह की रोशनी को उसके चेहरे पर पड़ते देखा । मेरे ख़याल से मैं उस पल उससे प्यार कर बैठी। मगर प्यार हुआ ही था ,कि सब कुछ ख़त्म भी हो गया। मैंने अपने को ज़िन्दगी में कभी इतना अकेला नहीं महसूस किया । मेरे दोस्तों ने कुछ समय के लिए मेरी बात सुनी और मेरा ढाढस बंधाया मगर फिर उन्होंने ऐसी तीखी बातें कहीं... मैं अपने आप से ये पूछने लगी कि क्या ये लोग सच में मेरे दोस्त हैं ? हालाँकि इसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराना चाहिए। वे सभी या तो शादीशुदा थे या फिर लम्बे समय से किसी रिश्ते में बंधे हुए थे। उनमें से एक ने ये तक कहा था “तुमने दस साल देर कर दी” |
अपनी सिचुएशन समझ पाने के लिए मैंने बेचैनी में अपने सबसे अच्छे दोस्त, यानी गूगल, की मदद ली। मैंने टाइप किया ‘उसने मुझसे छल क्यों किया’ और फिर जो पहला वीडियो सामने आया, मैंने उसपर क्लिक कर दिया। मेरे सामने भूरे बालों वाली एक सुन्दर महिला आई। उसने अपने सामने कुछ पत्ते रखे थे l उसका दावा था कि उन पत्तों से, किसी जादुई फ़रिश्ते के ज़रिए जवाब आएगा। उसने मुझसे उन चार पत्तों में से एक पत्ता चुनने को कहा, ऐसा पत्ता, जो मेरे हर उस सवाल का जवाब दे देगा जो मैं जानना चाहती थी। अब सुनो वो जवाब , और ये भी कि मुझे उन्हें सुनकर कैसा लगा:
“ओह, हो सकता है पहले किसी ने उसे प्यार में इतना ज़बरदस्त धोखा दिया हो कि वो दोबारा फिर से प्यार करने से डरता हो।” (ओ हाँ,सही… वो एक तलाक़शुदा इंसान है।)
"ओह… मैं देख सकती हूँ कि उसने तुम्हें ब्लॉक किया हुआ है" (धत्त तेरे की)
"मैं देख सकती हूँ कि यहाँ पर सिंह राशि की शक्ति तुला राशि के साथ दिखाई दे रही है" (अरे ! ये तो वाकई हमारी राशियां हैं )
"मैं अलगाव और दूरियां देख सकती हूँ|" (ओ अच्छा)
"चिंता मत करो, मैं उसकी ओर से कुछ ही हफ़्तों में एक ऑफर आता हुआ देख पा रही हूँ।" (सच में ??)
मैंने तुरन्त ही भविष्य बताने वाले उन कार्ड को क्लिक किया जिसपे ऐसे शीर्षक थे, जैसे ‘ इस कनेक्शन का भविष्य क्या है ’, ‘क्या वो फिर आएगा ‘, ‘ क्या वो स्वीकार करेगा ‘, कोई संपर्क नहीं, ‘ वो क्या सोच रहा है ‘ , वगैरह-वगैरह। सभी पत्तों ने कहा कि उसके दिल और आत्मा की गहराई में उतरो और मुझे बताओ कि वो कौन-सी बात है, जिसे वो अनकहा छोड़ गया है।
दो हफ़्तों के बाद, मैंने अपने आप को नेटफ्लिक्स और प्राइम की रंगरलियों के बजाए, उन भविष्य बताने वाले वीडिओज़- tarot- में डूबा हुआ पाया। वहां राशियों के ज़रिए वो सारे टाॅपिक्स थे, जिनपर मैं और खोजबीन करना चाहती थी।
‘ लिब्रा (Libra) वो तुमसे प्यार करता है, बस वो ये जता नहीं रहा, ‘ ‘ नहीं, अभी कुछ भी ख़त्म नहीं हुआ है। अभी इस कहानी में बहुत कुछ बाकी है। ‘ ‘ लिब्रा, वो पूरी तरह से तुम्हारा है” और जाने क्या क्या। नेटफ्लिक्स के पीछे कौन जाता, जब दूर-दराज देशों के लोग मेरी मदद के लिए बैठे थे ?
दो हफ़्ते पूरे होते-होते मैं ये जान गई कि ‘ Ace Of Cups ‘ (कप के इक्के) का क्या मतलब होता है। जब ‘ क़िस्मत का पहिया (Wheel Of Fortune) ‘ मुझे मेरी रीडिंग में दिखा, तो मैंने ये भी जाना कि ‘ Six Of Cups (कपों का छक्का) का मतलब मेल-मिलाप होता है l ‘ Two Of Cups (कपों की दुक्की)आया तो समझो जन्म-जन्मांतर का नाता । इस बात को और भी पुख़्ता करने के लिए मैंने पेरिस के छोटे-से अपार्टमेंट में रहने वाली एक औरत से प्राइवेट सलाह ली। जब मैंने उसको Paypal के ज़रिये 40 डॉलर भेजे (जो कि डिस्काउंट रेट था, ‘मेरी सबसे भरोसेमंद प्रशंशक के लिए ‘ यानी मेरे लिए ) lउसके तीन दिनों के बाद मुझे अपने mailbox में एक वीडियो मिला। उस वीडियो में सुंदर-सी, नीले धारीदार कपड़ों की उस 20 से 30 के बीच की महिला ने वो सबकुछ कहा, जो मैं सुनना चाहती थी। ‘ इस सम्बन्ध में मैं भरपूर सम्भावनाएं देख रही हूँ। बिलकुल, तुम दोनों बहुत जल्द एक साथ होगे। ‘
भगवान् जाने उस वीडियो को मैंने कितनी बार देखा। एक रात, जब मैं शायद उस वीडियो को 67876वीं बार देख रही थी, तो अचानक मेरे दिमाग़ में कुछ कौंधा। धत्त तेरे की। मैं समझ गयी, यूं तो मैं भी भविष्य बतला सकती हूँ । मैं उन 78 पत्तोंको अच्छे से जान गयी थी। अगर मैं अपने बालों को नीला और हरा रंग लूं , मेरा भविष्य बताने का काम एक क्लिक से चालू हो सकता है।
ये आईडिया आते ही मैंने अपनी दोस्तों को अपने घर बुलाया। एक-एक करके लड़कियों ने अपनी लव लाइफ और अपनी नौकरी (ज़्यादातर लव लाइफ) के बारे में अपने सवाल दागे। और मुझे उन्हें जवाब देने के लिए, सिर्फ़ उन पत्तों को फेंटकर उनमें से एक पत्ता निकालना पड़ा । मेरे दोस्त ये देख के हैरान रह गए कि मैं करीब हर सवाल का सही सा जवाब कैसे दे रही थी l वो कहने लगे कि मैं इस काम में इतनी एक्सपर्ट हूँ, मुझे इससे अपनी कमाई करनी चाहिए, बढ़िया कमाई होगी।
मैंने अपने Instagram या Tweeter पर कुछ भी अपलोड नहीं किया, मगर ये बात इस तेज़ी से फैली कि क्या बताऊँ। दोस्तों के दोस्त तक ये जान गए कि मैं ज्योतिष विद्या सीख रही हूँ और मुफ्त सलाह दे रही हूँ। मेरा फ़ोन लगातार बजता रहा l फ़ोन उठाती तो दूसरी तरफ से किसी जवान औरत का सवाल होता, कि क्या ‘ वो मुझे फिर से लिखेगा या नहीं..’ दुखी लड़कियों के सवाल मुझपर बरस पड़े। जैसे कि ‘ क्या कोई दूसरा डेट होगा ?’ ‘क्या वो मुझे वापस कॉल करेगा ?’ ‘क्या वो मेरे लिए उसको छोड़ देगा ?’ ‘क्या वो कभी जान पाएगा कि उसने मुझे चोट पहुंचाई है ?’ और मेरा पसंदीदा सवाल - ‘ मुझे चोट पहुँचाने के जुर्म के लिए किस्मत उसे सज़ा देगी या नहीं?’
मैंने सभी सवालों के जवाब दिए l तब तक, जब तक टैरो/tarot के वो पत्ते फटने -मुरझाने लगे l उनपर वो प्यारी तसवीरें धुंधली होने लगीं। मैंने उस वक़्त तक उन पत्तों को फ़ेंटा, जबतक मुझे ये लगने लगा कि मेरे अनुमान 95 % गलत होने लगे हैं l ये सब करते करते मुझे ये बात ज़रूर समझ में आयी कि मुझसे सवाल पूछने वाली लडकियां अक्सर ऐसे रिश्तों में थीं जहां उन्हें निचला दिखाया जा रहा था,उनकी इज़्ज़त नहीं की जा रही थी, उन्हें प्यार नहीं मिल रहा था ।
उन पत्तों का तो ये कहना था कि गहरा प्यार है, पर साथ में कमिट करने, यानी निभाने से दूसरा डर रहा है । पर सच्चाई कुछ और कह रही थी। जब मर्द ऐसा बयान करते हैं कि उन्हें हमारी परवाह नहीं है, तो हमें उनकी बात मान लेनी चाहिए। तो मैंने अपने पत्ते फ़ेंक दिए, और उन्हें वो बात बता दी, जो कि सच थी। "न बहन, वो फ़ोन नहीं करने वाला। उसे ब्लॉक करो और अपने आप पर ध्यान दो । तुम तो कमाल की हो, ऐसे कचरे में अपने को मत फंसाओ । ' मुझे इस बात पे अचरज हुआ कि केवल औरतें मुझे टैरो रीडिंग के लिए फोन कर रही थीं ।
टैरो कार्ड्स/ भविष्य के पत्तों को पढ़ने वालों से मेरी कोई नाराज़गी नहीं है। हो सकता है मैं ही भविष्य को अच्छे से पढ़ नहीं पा रही थी। पर जब कोई उनसे अचानक बिन कुछ बताये संपर्क तोड़ देता था, तब उन औरतों को जो दर्द सहना पड़ता था, उसपर ध्यान देना भी तो ज़रूरी है । इस आघात से उनके मन में कितने सारे सवाल दौड़ने लगते थे, वो ( एक समय पर मैं भी तो ऐसे ही थी ) कोई जवाब के लिए इस तरह तडप जातीं थीं, कि किसी भी बात पर यकीन कर लेतीं। हो सकता है कि ऐसा करने से, हमारे सबसे मुश्किल दिन कट जाएँ, लेकिन दर्द से अपने वो निवारने के लिए इससे आगे बढ़ना होगा।
और उस शख्स का क्या जिसने मुझे भविष्य पढ़ने वालों की कतार में सबसे आगे ठेल दिया था ? अब मुझे इसका जवाब भी मिल गया है । और वो ये है कि वो एक घटिया ***!! इंसान है।
मंजरी सिंह लखनऊ की एक लेखिका हैं। इस लेख को लिखते हुए वो आग-बबूला हो रही थीं। अपनी पूरी ज़िन्दगी में उन्होंने सपना संजोया कि उनकी ज़िंदगी में ऐसी लव स्टोरी हो जैसे कि ‘ आधुनिक प्यार ‘ वाले कॉलम में होती हैं, पर उन्होंने जो हासिल किया, वो बस ये था !!
हाए टैरो! मुझे बताओ- वो वापस आएगा क्या ?
टूटे दिल में पनप रहे सवालों के जवाब, मंजरी ने सहेलियों, रिश्तों और टैरो से हो कर, खुद में ही पाए
लेख - मंजरि सिंह
चित्र - एक्सोटिक डर्टबैग
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