ये कामोद्दीपक क्या है, क्या है कामोद्दीपक, कामोद्दीपक ना एन्ना, ऐसा कहा तुमने? यह एक ऐसा व्यंजन / भोजन है जिसके बारे में माना जाता है कि वो आपके सेक्स ड्राइव पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। (नहीं, यह वायग्रा नही है)।
हम देख रहे हैं कि आपकी आँखें ‘इंस्टेंट प्यार कैप्सूल’ के ख्याल से चमचमा उठीं हैं। किसकी आँखें नहीं चचमाएंगी? जिस भी सदी में आप रहते हों, आदमी ने हमेशा ये कल्पना की है कि प्यार की कोई ऐसी औषधि हो जो उसे अधिक आत्मविश्वास दे, ताकत दे और, ज़ाहिर है, चुटकी भर में आकर्षक बना दे।
प्रसिद्ध लेखिका इसाबेल ऐलेन्डे ने एक बार अपनी अदभुत किताब 'एफ्रोडाइट' के लिए कामोद्दीपक व्यंजनों की एक श्रृंखला तैयार की थी। कुछ खाद्य पदार्थ जिनके साथ उन्होंने प्रयोग किया: अंजीर और पनीर, प्याज सूप, मैक्सिकन-शैली में चिकन, गुआकामोले, और सैफरन और सेब से बनी हुई मिठाई जिसे ताजमहल कहा जाता है!
ऐलेन्डे एक कहानी बताती हैं जिसमें वे अपने एक वैज्ञानिक साथी के साथ इन व्यंजनों का परीक्षण वालंटियर्स पर करती हैं। जिन वालंटियर्स को पता था कि वे एक कामोद्दीपक खा रहे थे, वो अपने आपको सेक्सी महसूस करने लगे। वो अपने आस पास बैठे डिनर कर रहे लोगों को सेक्सी कहानियां सुनाने लगे और उनके कान पर हाथ फेरने लगे। जिन वालंटियर्स को नहीं पता था कि वे कामोद्दीपक व्यंजन खा रहे थे वे खुशी से भोजन कर, इसाबेल को धन्यवाद बोलकर अपने घर चले गए।
तो सवाल यह है कि कामोत्तेजक असल में कुछ काम करते भी हैं या नहीं? कुछ लोगों का मानना है कि इन खाद्य पदार्थों में शामिल यौगिकों की मदद से मूड बनता है। औरों का मानना है कि एक कामुक रात की प्रत्याशा और साथ में दम देता हुआ खाना, दोनों के सहारे से मन की संवेदनाएं जगती है। प्राचीन ज्ञान का कहना है कि हर संस्कृति में ऐसे विभिन्न खाद्य पदार्थ है जिन्हें कामोत्तेजक माना जाता है।
पश्चिम में, जब आप कामोद्दीपक का ज़िक्र करते हैं, तो ज्यादातर लोगों के मन में स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट और शैम्पेन की छवि आती है।( हम पश्चिम में नहीं है पर हमें इनसे कोई आपत्ति भी नहीं है)।
कामुक खाद्य पदार्थ से संबंधित भारत की अपनी एक लंबी परंपरा रही है। यह भी पता चला है कि कई कामोत्तेजक पदार्थ जो प्राचीन दुनिया में जाने जाते थे, वास्तव में भारत से थे। कामसूत्र, भारत की सबसे प्रसिद्ध प्रेम संबंधित किताब, के अंतिम अध्याय में अलग-अलग पौधों और उपकरणों का वर्णन है जिसका उपयोग सेक्स जीवन को निखारने के लिए किया जा सकता है।
यह आश्चर्य (और प्रसन्नता) की बात है कि आमतौर पर इस्तेमाल किये जाने वाले कई प्राचीन भारतीय कामोत्तेजक आपको आपकी रसोईघर में ही मिल जाएंगे।
हमने संध्या मूलचंदानी, भारतीय संस्कृति में प्रेमकाव्य की विद्वान और ‘कामसूत्र फ़ॉर महिलाएं ‘की लेखिका, से उन प्राचीन निर्देशों को समझाने के लिए कहा।
उन्होंने कहा कामसूत्र के कुछ मूल्य नियम हैं।
1.
कामोद्दीपक को इस्तेमाल मत करें अगर
- वह संदिग्ध लगता है
- आपको संदेह है कि वह समस्याएं पैदा कर सकता है
- वह जानवरों की हत्या से प्राप्त किया गया है।
कामसूत्र का मानना है कि ऐसा करना आपको नकारात्मक या अशुद्ध वस्तुओं के संपर्क में ला सकता है। लेकिन, हमें लगता है कि व्यावहारिक रूप से भी यह एक अच्छी सलाह है। तो, अगर आपके रूममेट की कजिन आपको कोई कार्बनिक जड़ी बूटी देती है जिसके बारे में आपने कभी नही सुना और उसके साथ कोई जादूभरी कहानी सुनाती है या कि आपके हांगकांग वाले चाचा सेक्स जीवन बेहतर करने के लिए आपको राइनो हॉर्न का पाउडर देते हैं तो आप शिष्टतापूर्वक मना कर दें। आप और राइनो, दोनो को इसकी जरूरत नहीं है।
2.
कामसूत्र के अभिप्राय को समझने की ज़रूरत है न कि सिर्फ लिखित शब्दों को। जैसा संध्या मूलचंदानी जी स्वयं कहती हैं, "कुछ कामोत्तेजक जिनका उल्लेख किया गया है, वास्तव में अजीब हैं।" जिन खाद्य पदार्थों की कामसूत्र सिफारिश करता है, उन्हें हमारी दिनचर्या में शामिल करने से स्वस्थ सेक्स जीवन की प्राप्ति होगी, ऐसा कहा गया है। जादुई गोलियां, जिनका तुरंत प्रभाव होगा। ये ऐसे खाद्य पदार्थों होते हैं जो शरीर में कई संतुलन बनाये रखते हैं और शरीर की जीवन शक्ति, शांति, अधिक या कम तापमान और संवेदनशीलता को बरकरार रखते हैं। ये यौन तरल पदार्थ के स्वाद में बदलाव लाने में भी सहयोगी होते हैं । बोले तो, आप इस आहार का नियमानुसार सेवन करें तो आप अपने आप को अधिक ऊर्जावान, खुश, संवेदनशील महसूस करेंगे और विभिन्न यौन गतिविधियों के लिए तैयार हो जाएंगे। सुनने में अच्छा लग रहा है ना?
ठीक है, तो चलिए उन प्राचीन भारतीय कामोत्तेजक वस्तुओं का विश्लेषण करते हैं जो आपकी रसोई में पड़ी है।
पियो ग्लॉसफुल
कामसूत्र के हिसाब से, हमारा पुराना फार्मूला यानी दूध और चीनी सभी कामोत्तेजक में अव्वल नंबर पर है।( यानी कि बॉलीवुड फिल्मों में सुहागरात के दृश्य हर तरह से संस्कारी हुए। )दूध के बारे में ऐसा माना गया है कि वो प्रभावशाली रूप से वृद्धि और यौन शक्ति को बढ़ाने में सक्षम है। और कामसूत्र के लगभग सभी कामोद्दीपक व्यंजन दूध, चीनी, और शहद पर ही आधारित होते हैं। यहां तक कि आज भी, भारत के कुछ हिस्सों में, दुल्हन अपने दूल्हे को सुहाग रात में दूध और बादाम का मिश्रण देती है, ताकि उस से उसके अभिनय में मदद मिले।
और कुछ फंडे लिए गए हैं वाजीकरण से (यानी वजी या घोड़े से), जो कि आयुर्वेद की एक शैली है। इसका दृष्टिकोण कामोत्तेजक की तरफ बहुत ही सहज है। वाजीकरण के हिसाब से, जो कुछ भी दूध, शहद, चीनी और तिल से बनाया गया है वो एक प्रभावी कामोद्दीपक है। और पंचामृतं, (यानी दूध, दही, चीनी, शहद, और मक्खन का एक मिश्रण), वह भीे प्रजनन और सहनशक्ति को बढ़ाता है। (क्या यह वही मिश्रण नहीं है जो हमें मंदिरों में दिया जाता है ??)। दूध पर आधारित सारी औषधियाँ काफी मीठी और सरल होती हैं. , लेकिन यहां भी अपवादजनक है। जैसा कि कामसूत्र में सुझाया गया एक उपाय कहता है "दूध चीनी के साथ पीयो / या बेहतर होगा अगर, बकरी या राम का अंडकोष/ उसमें उबला हुआ हो।" कोई बात नहीं सर , हम मानसिक शक्ति से मैनेज कर लेंगे!
सैफरन/ केसर
अगर आपको लगता है हम भारतीयों को दूध से कुछ ज्यादा ही लगाव है तो हम आपका परिचय मिस्र की प्रसिद्ध रानी क्लियोपेट्रा से कराते है जो दूध में स्नान किया करती थी। वह दूध में केसर (भगवा) मिलाती थी क्योंकि मिस्र का मानना था की केसर में कामोद्दीपक गुण होते हैं।
कामसूत्र क्लियोपेट्रा के केसर के प्रति विश्वास की चर्चा करता है। केसर, एक मनभावन खुशबू देने के अलावा, जब दूध में मिलता है तो स्त्री हो या पुरुष, दोनों को गहरी शांति और सुखद अनुभव देता है। ये अनुभव उन्हें एक शांतिपूर्ण वातावरण की ओर ले जाती है।
वैज्ञानिक प्रयोगों से ये भी पता चला है कि केसर पुरुषों में शुक्राणु गतिशीलता को बढ़ाता है जो कि पुरुष प्रजनन शक्ति को भी बढ़ावा देती है।
ऐस्पैरागस
आप सोचते होंगे कि ऐस्पैरागस एक विलायती सब्जी है जो कि फैंसी रेस्तरां में आपको परोसी जाती है। लेकिन काबिले तारीफ बात यह है कि ऐस्पैरागस कई सदियों से चलता आ रहा है और दुनिया भर के प्राचीनीयों द्वारा एक कामोद्दीपक माना जाता रहा है। कामसूत्र का मानना है कि एक महत्वपूर्ण रात से पहले शतावरी (जंगली ऐस्पैरागस) के पेस्ट का सेवन करना लाभदायक होता है। यूनानियों ने भी इसके कामोद्दीपक गुणों का उल्लेख अपनी प्रेम कविताओं में किया है। उत्तेजक गुणों के अलावा वो अधिक अमोनिया (जो शारीरिक थकान का कारण होता है) को भी कम करता है।
लहसुन
लहसुन? कामोद्दीपक? नहीं! अरे, हाँ भाई हाँ।
हर रसोईघर में पाया जाने वाला लहसुन अक्सर एक 'गर्म' जड़ी बूटी की तरह इस्तेमाल किया जाता है, जिससे आपमें यौन आक्रामक रूप ले लेता है (इसमें डायालील डाइसल्फ़ाइड है जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाती है)। सालों से लोगों का ये मानना रहा है कि यह यौन प्रदर्शन को बढ़ाता है, और इसलिए ब्रह्मचर्य समुदाय, जैसे कुछ बौद्ध सम्प्रदाय, इसका इस्तेमाल नही करते हैं। लेकिन एक महत्वपूर्ण रात से पहले लहसुन चबाना कुछ उल्टा परिणाम भी तो ला सकता है। फिर क्या हमें पहले लहसुन खाकर पागलों की तरह ब्रश करना चाहिए, हम असमंजस में हैं।(क्या पुदीना/मिंट उसके प्रभाव को रद्द करने में सक्षम होगा? अफसोस की बात है कि इस मामले में सारे ग्रंथ चुप हैं, इसलिए जो करना है हमें खुद ही करना होगा।
क्या आपके सैमसंग फ्रिज में प्राचीन भारतीय कामोद्दीपक यानी अफरोडीसीएक हैं ?
प्राचीन ज्ञान का कहना है कि हर संस्कृति में ऐसे विभिन्न खाद्य पदार्थ है जिन्हें कामोत्तेजक माना जाता है
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