कॉस्टर सेमेन्या, हॉर्मोन को लेकर गलतफहमियां और कुछ अटपटे, दोहरे मापदंड!
Is everything we think we know about gender wrong?
May 06, 2019
आपसोचरहेहोंगेकियेकॉस्टरसेमेन्याहैकौन? वहदक्षिणअफ्रीकाकीएक 28 वर्षीय,ज़बर्दश्तफुर्तीलीएथलीट है।दोबारओलंपिकस्वर्णपदकविजेताऔरतीनबारविश्वचैंपियनरनर (runner), सेमेन्या 800 मीटरदौड़वाली कम्पटीशनमेंभागलेतीहै।हालफिलहालमें, हरजगहउसकीचर्चाकोर्टऑफआर्बिट्रेशनऑफस्पोर्ट (CAS- Court of Arbitration of Sport) केदियेगएएकफैसलेकीवजहसेहै। CAS, स्पोर्ट्सकेदुनियामेंसबसेबड़ीअदालतहै।इसअदालतने भेदभाव से भरे पुराने रूल का फिर से समर्थन किया है, और कहाहैकिसेमेन्या, औरउसकेजैसीदूसरीमहिलारनरवीमेन स्पोर्ट्स (women sports) मेंभागनहींलेसकतीहैंक्योंकिवे 'पर्याप्तरूपसेमहिला' नहींहैं।क्याहुआ? पढ़ कर सांस फूलगई? यकीननहींहुआना? आपसोचरहेहोकि...क्या? ऐसासचमेंहुआ?जीहां! CAS काकहनाहैकिसेमेन्याकेशरीरमेंबहुतज्यादाटेस्टोस्टेरोन (testosterone) है।टेस्टोस्टेरोन - यानीवोहॉर्मोनजिसकोपुरुषोंकेसेक्सहार्मोनकेरूपमेंजानाजाताहै।हॉर्मोनकोइसतरहलिंगकाआधारदेना, ये कैसी बात हुई ! इसबेतुकेमामलेपरथोड़ीऔरबातकरतेहैं।हालाँकिसेमेन्याजैसीएथलीटोंमेंज्यादा टेस्टोस्टेरोनकाहोनाएकनेचुरलसीबातहै, लेकिनट्रैकएंडफील्डइवेंट्स (track and field events) केग्लोबलगवर्निंगबॉडी - इंटरनेशनलएसोसिएशनऑफएथलेटिक्सफेडरेशन (International Association of Athletics Federations- IAAF) - नेअदालतमेंतर्कदियाकिइससेउसको दूसरीमहिलाएथलिटकेमुकाबलेएकअनुचितफायदामिलताहै।मतलबकि, टेस्टोस्टेरोनकेअधिकमात्रामेंहोने सेवोएकतरहसेपुरुषोंजैसीहोजातीहै, औरइसलिएमहिलाकेरूपमेंकम्पटीशनमेंभागनहींलेसकती हैं। IAAF केनियमोंकेअनुसारअगरसेमेन्याजैसीमहिलाएँकिसीकम्पटीशनमेंभागलेनाचाहतीहैं, तोउन्हेंकुछख़ासदवाएँलेनीहोंगी।जैसेकिगर्भनिरोधकगोलियांयाप्रोस्ट्रेटकैंसर (prostrate cancer) कीदवाएं! इन्हेंखानेसेउनमेंटेस्टोस्टेरोनकालेवलकमहोजाएगाऔरवेमहिलाएथलीटोंकेरूपमेंखेलपाएंगी !!सेमेन्याने 2018 मेंसीएएस (CAS) मेंइननियमोंकेखिलाफअपीलकी, लेकिन 1 मई 2019 कोयेअपीलखारिज़करदीगई।सीएएस (CAS) केइसफैसलेसेबहुतसारेलोगदुखीक्योंहैं?टेनिसकीदिग्गजखिलाड़ीमार्टिनानवरातिलोवानेइसफैसलेको 'बहुतहीगलत' बतायाऔर कहा कि’ इस ख़याल का आधार ही गलत है’।औरवोअकेलीनहींहैंजिनकायहमाननाथा।कईवैज्ञानिक (scientist),बायोएथिसिस्ट (bioethicists), चिकित्साशोधकर्ता (medical researchers) मानवाधिकारकेग्रुपऔरकई साथीखिलाड़ियोंनेजेंडरटेस्टिंगकीआमतौरसेआलोचनाकीहै।ख़ास तौरसेहालहीमेंलिएगएइस सीएएस (CAS) केफैसलेकीभीनिंदाकीहै।ऐसाक्योंहुआ, उसकेयहकुछकारणहैं।यहफैसलाआई.ए.ए.एफ (IAAF) जैसेस्पोर्ट्सबॉडीजकोजेंडरपुलिस (Gender Police) कीतरह कामकरनेकीआज़ादीदेताहै।"एथलेटिक्समेंदोवर्गीकरण (classification)हैं - एकउम्रकाऔरदूसरालिंग (जेंडर) का।हमदोनोंकीपूरीतरहसेसुरक्षाकररहेहैं।" IAAF केअध्यक्षसेबेस्टियनकोएनेमीडियाकेसामने, 2 मई 2019, कोयेकहाथा।अदालतनेकहाकि IAAF द्वारासेमेन्याजैसीएथलीटोंकोअपनेटेस्टोस्टेरोनकेलेवलकोकमकरनेकेलिएड्रग्स लेनेकोकहनाभेदभावपूर्णतोहै, लेकिन "महिलाएथलेटिक्सकीनिष्ठा" कोबनाएरखनेकेलिए "ज़रूरी" भीहै।हाँ, अदालतवाकई ऐसी बात कह डाली है- कि निष्ठाकोबनाएरखनेकेलिएभेदभावज़रूरीहै!गौरसेदेखोतोइसपूरीघटनामेंबहुत गंभीर किस्म की तरफदारी की गयी है।महिलाओंकोकैसादिखनाचाहिए, उन्हेंक्या करनाचाहिएऔरउनकेलिएक्यासहीहै, इनबातोंकीवकालतकरतेहुएभीमामलेकोऐसेपेशकियाजाताहै जैसेऐसी बातें करना बड़ा नार्मल है।सेमेन्याकोएकमहिलाएथलीटकेहिसाबसेज़्यादाहीमस्क्युलर (muscular), ज्यादाहीमर्दानाबतायागया। (2015 मेंसेमेन्याकेऊपरबनाईगयीडाक्यूमेंट्री "टूफ़ास्टटूबीएवुमन" – Too Fast To Be a Woman, जरूरदेखें।बात को यूं बयान करने से किमहिलाएथलेटिक्सकी 'निष्ठा' कोबचानेकेलिएउसकेजैसीएथलीट्सकोकम्पटीशनमेंभागलेनेसे रोकनाचाहिए, सेमेन्याऔरउसकेजैसीदूसरीमहिलाएथलिटकोधोखेबाज़औरबहुरूपियेकेरूपमेंपेशकिया जा रहा है ।येयूं पेश करता है जैसे कि वे महिला के भेष में पुरुष हों lइसकी जड़ औरतों को लेकर एक खतरनाक सोच है। हालांकि देखा जाए तो स्पोर्ट्स बॉडीजद्वारामहिलाओंकेऊपरकियेगएजेंडरटेस्टकेभेदभाव से भरे इतिहास में, ये बस एक छोटी कड़ी है।सेमेन्याकीस्थितिबयांकरनेकेलिएकईशब्दोंकाइस्तेमालकियाजारहाहै, जिसमें 'हाइपरएंड्रोजेनिज़्म' (hyperandrogenism- एकमेडिकलस्थिति जिसमें शरीर में एंड्रोजेंस बढ़ जाते हैं lएंड्रोजेंस- ख़ास होर्मोनेस हैं l औरतों में ज़्यादा होने से शरीर में बाल बढ़ सकते हैं, या वेट बढ़ सकता है या फिर पीरियड्स में प्रॉब्लम आ सकती है)- महिलाकेशरीरमेंहार्मोनटेस्टोस्टेरोनसहितएण्ड्रोजन (androgens) कीमात्राकाज़्यादाहोना- शामिलहै। (androgen- जिसकेहोनेसेपुरुषोंवालेलक्षणशरीरमेंज्यादादिखतेहैं) इसे "डिफरेंसेसइनसेक्सडेवेलोपमेंट- Differences in Sex Development" याडी.एस.डी (DSD) भीकहागयाहै।औरकुछलोगतो (अभद्रभाषामें) यहभीअनुमानलगारहेहैकियेइंटरसेक्स (intersex) कामामलाहै।लेकिनदूसरीकईमहिलाएथलीटसामनेआयीहैंऔरउन्होंनेभीबतायाहैकिउनकीकंडीशनभीसेमेन्याजैसीहै।तोक्यायहसहीहैकिऐसीमहिलाओंकोउसचीजकेलिएसज़ादीजा रही हैजोकिअसलमेंपूरीतरहसेप्राकृतिकहै?आज, हाइपरएंड्रोजेनिज्म (hyperandrogenism) वालीमहिलाएथलिटजो IAAF केअंदरकिसीभीग्लोबलट्रैक औरफील्डइवेंट (global track and field event) मेंभागलेनाचाहतीहैं, वेमेडिकलहस्तक्षेपकेबिनामहिलाके रूपमेंकिसीभीकम्पटीशनमेंभागनहींलेसकतीहैं। 2013 में, विकासशील (developing) देशोंकीचारमहिलाएथलीटहार्मोनथेरेपी (hormone therapy) औरलैंगिक (genital) सर्जरीकेलिएफ्रांसगईंताकिवेकम्पटीशनमेंभागलेनाजारीरखसकें।ऐसासुनागयाहैकिटॉपभारतीयधावकदुतीचाँद, जिनकेटेस्टोस्टेरोनकालेवलभीज्यादाथा, उन्होंनेभी 2015 में CAS में IAAF के नियमोंकोचुनौतीदीथी।उन्हेंहार्मोनथेरेपीऔर "फेमिनाइसिंगसर्जरी (औरत वाले गुणों को बढ़ाने वालीसर्जरी)" काऑफरदियागयाथा।पयोष्णीमित्रा, जोकिजेंडरकीशोधकर्ताहैं, औरदुतीचाँदकीलड़ाईमेंउनकीमददकररहीहैं, नेकहाकि ये प्रतिक्रियाएं वाकई में लिंग को अपाहज बनाने के ऐसे हिंसक तरीके हैं जिन्हें समाज ने पूरी तरह से अपना लिए हैं (institutionalized genital mutilation)" ।हालांकि CAS नेअपनेफैसलेमेंयेमानाहैकिडी.एस.डी (Disorders of sex development- DSD) एथलीटों केऊपरहार्मोनउपचारकरनेसेखतरनाकसाइडइफेक्ट्सहोसकतेहैं।लेकिनइसकेबावजूद, उनकाअभीभीयही कहनाहैकिकोमपेटिशनमेंभागलेनेकेलिएमहिलाओंकोइससेगुजरनाहीपड़ेगा।इसफैसलेकाअसरबाकी सभीमहिलाखिलाड़ियोंपरभीपड़ेगा, क्योंकियेदूसरीस्पोर्ट्सबॉडीजकेलिएएकउदहारणकीतरहकामकरेगा।IAAF केअनुसारटेस्टोस्टेरोनकी 'सही/एक्सेप्टेड' मात्राक्याहै?2011 में, IAAF नेएकनियमकीघोषणाकी।उसकेहिसाबसेहाइपरएंड्रोजेनिज़्म(hyperandrogenism) वालीमहिलाएथलीटकम्पटीशनमेंभागनहींलेसकतीहैं, अगरउनकेखूनमेंटेस्टोस्टेरोनकीमात्रा 10 नैनोमॉसप्रतिलीटर (nmol/L) सेज्यादाहो। 2012 में, IOC नेभीइसनियमकोअपनालिया।लेकिनअब, IAAF नियमोंकेतहतमहिलाओंकोअपनेटेस्टोस्टेरोनकेस्तरको 5 nmol/L सेभीकमरखनाहै। IAAF केअनुसार, ज्यादातरमहिलाओंमें, जिनमेंऊंचेवर्गकीएथलीटभीशामिलहैं, नेचुरलटेस्टोस्टेरोनकास्तर 0.2 से 1.79 nmol/L होताहै (पुरुषोंमेंआमतौरपरयहस्तर 7.7 और 29.4 nmol/L केबीचरहताहै)।अच्छा, तोक्यापुरुषोंमेंभीटेस्टोस्टेरोनकीएक 'सही/एक्सेप्टेड' मात्राहोतीहै?अगरआपकोलगताहैकिजेंडरटेस्टिंगपुरुषोंऔरमहिलाओंदोनों पर एक सामान लागू होती है, तोमाफकीजिये,लेकिनमुझेआपपरहंसीआरहीहै!अगरकिसीपुरुषएथलीट्मेंटेस्टोस्टेरोनलेवलकाफीज़्यादाभीहो, तबभीयेनहींमानाजाताहैकिउसकोदूसरेपुरुषप्रतियोगियोंकेमुकाबलेअनुचितफायदामिलरहाहै। 2009 में GH-2000 नेकुछऊंचेवर्गकेएथलीट्सपरएकरिसर्चकिया।इसेआई.ओ.सी (IOC) औरयूरोपीययूनियनद्वाराग्रोथहार्मोनरिसर्चसोसाइटी- Growth Hormone Research Society- केमाध्यमसेफण्डकियागयाथा।इसरिसर्चमेंपायागयाकिपुरुषोंऔरमहिलाओंकेटेस्टोस्टेरोनकीमात्रामेंएकज़ाहिरसाओवरलैप/परस्परताहै।टेस्टकिएगएलगभग 16.5 प्रतिशतपुरुषोंमेंटेस्टोस्टेरोनकीमात्रा 8.4 nmol/L सेनीचेथी, जबकि 13.7 प्रतिशतमहिलाओंमेंउसकास्तर 2.7 nmol/L सेऊपरथा।कईलोगोंनेबतायाहैकिमहिलाओंमेंटेस्टोस्टेरोनकीजाँचकरनाएकतरफाफैसलाहै।कि ऐसा करना तरफदारी ही है।उदाहरणकेलिए, तैराकमाइकलफेल्प्स, जोएकऐसेएथलीटहैंजिन्होंनेजिस-जिसकम्पटीशनमेंभागलिया, हरजगहवर्ल्डरिकॉर्डबनाया।फेल्प्सकेटखने/एल्बोमेंडबल-जॉइंटहैऔरउनकाशरीरउनकेप्रतिद्वंद्वियों (competitors) केमुकाबलेकाफीकममात्रामेंलैक्टिकएसिड (lactic acid - दुग्धाम्ल) पैदाकरताहै।लेकिनइसकीवजहसेनाहीकभीउन्हेंकम्पटीशनमेंभागलेनेसेरोकागयाऔरनाहीकभीइसबातकाकोईमुद्दाबनायागया।“अगरकिसीएथलीटकाशरीरऐसाहो, जिसमें 99 प्रतिशतलोगोंकेमुकाबलेटेस्टोस्टेरोनकीमात्राज्यादाहै, तोउसेअनुचितफायदेकीतरहक्योंदेखागया? जबकिएकदूसराशरीरजिसमें 99 प्रतिशतलोगोंकेमुकाबलेलैक्टिकएसिडकीमात्राकमहै, उसकोउचितमानागयाहै? नेचुरलतरीकेसेहोनेवालीशरीरकीकौनसीप्रक्रियाएंऔररासायनिकमिश्रण (chemical compounds) ठीकहैं, औरकौनसेनहीं, येकौनतयकरेगा!” स्पोर्ट्सब्लॉगएसबीनेशन (Sports Blog Nation) मेंकिममक्कौले (Kim McCauley) नेलिखा।भारतीयखेलप्राधिकरण (Sports Authority of India- SAI) केपूर्वमहानिदेशक (ex-director general) जिजीथॉमसन, जिन्होंनेदुतीचाँदकेमामलेकासमर्थनकियाथा, कहतेहैं: “एथलीट्उसैनबोल्टकेपैरसामान्यलोगोंकेमुकाबलेकाफीलंबेहैं।वे 100 मीटरकीदौड़ 41 छलांगमेंपूरीकरलेतेहैं।उनकेसाथदौड़नेवालेप्रतिद्वंद्वीकोयेदूरीतयकरनेमें 45 छलांगलगतेहैं।तोक्याहमेंबोल्टकेभागलेनेपरप्रतिबंधलगादेनाचाहिए?"लेकिनक्यायेसबसाइंसकीसाबितकीहुईधारणाओंकाहिस्सानहींहै? नहीं l IAAF काऐसेनियमोंकोमानलेना, सिर्फइसलिएक्योंकिकईलोगइसकासमर्थनकररहेहैं, किसीभीतरहसेवैज्ञानिकनहींहै।येएककिस्मकामनगढंत, बेबुनियादसाइंसहै।येएकआमसोचहैकिहाइपरएंड्रोजेनिज़्म'(hyperandrogenism) महिलाओंकोस्पोर्ट्समेंएकविशेषफायदादेताहै।दरअसलइसकेसमर्थनमेंकोईपुख्तासबूतभीनहींहै।स्पोर्ट्सवैज्ञानिकटिमनॉक्सजैसेकईलोगोंनेकहाहैकिसेमेन्याएकअच्छीएथलीटहै। उन्होंने साथ साथ ये भी कहा कियेकभीनहींदिखाहै किअपनेसाथीएथलीटसकेमुकाबलेउन्हेंकोईबड़ाफायदामिलाहो।उनकाप्रदर्शनबिल्कुलउसीतरहकारहाहैजैसेदूसरीमहिलाएथलीटोंका।तोफिरबसउनकोहीजांचकेआमदायरेमेंक्योंअलगरखागयाहै, येबातअभीतकसाफनहींहै।आई.ए.ए.एफ. (IAAF) कीइससोचकीआलोचनाकईवैज्ञानिकोंनेकीहै| इंटरनेशनलस्पोर्ट्सलॉजर्नल (International Sports Law Journal) नेफरवरी 2019 मेंएकआर्टिकललिखा, जिसमें IAAF केआंकड़ोंमें "भारीखामियों" कीओरइशाराथा।उसआर्टिकलनेबतायाकिइनखामियोंकीवजहसे "ग़ैरभरोसेमन्दरिजल्ट" आयेजिससे "विज्ञानकीनिष्ठापेएककालाधब्बा" लगगया।उसमेंकहागयाकि IAAF केटेस्टोस्टेरोनसम्बंधितनियम "एकबेबुनियादवैज्ञानिकआधारपरदिएगएथे"।हाइपरएंड्रोजेनिज़्मवालेएथलीटोंकोमिडिलडिस्टेंसदौड़मेंफायदाहोताहै ?!- IAAF केइसतर्ककोदूसरेलोगोंनेभी "पूरीतरहसेबेबुनियाद" मानाहै।GH -2000 नेएकजांचकी, जिसकेप्रमुखजांचकर्तापीटरसोंकसेनथे।उसमेंबतायागयाकिसामान्यपुरुषोंऔरमहिलाओंकेबीचटेस्टोस्टेरोनकाजोअंतरमौज़ूदहै, वहअंतरऊंचेवर्गकेएथलीटोंमेंलागूनहींहोताहै।क्योंकिऊँचेवर्गकेएथलीटोंमेंओवरलैपकीसंभावनाहोतीहै।सोंकसेननेबी.बी.सी (BBC) कोबताया, "इसबेवकूफीभरेनियमकेकारण IAAF एकदमहीगलतदिशामेंजा रहा है।"दीवर्ल्डमेडिकलएसोसिएशन (The World Medical Association- WMA) नेअपनेसदस्योंसेकहाहैकिवे IAAF केनियमोंकापालननाकरें, क्योंकिवोनियम ‘सिर्फएकहीजांचसेइकट्ठाकियेगएतर्क’ परआधारितहैं।औरतोऔर WMA ने कुछ यूं कहा है कि WMA केसोचविचार, उसकीनैतिकताकेबारेमेंहमेंजोभीसमझमेंआयाहै, IAAF केनिर्देशउसकेबिल्कुलहीविपरीतहैं।तो IAAF येकहनाचाहरहाहैकि "पुरुषसेक्सहार्मोन" जैसेकिटेस्टोस्टेरोनएकअनुचितफायदादेताहै।लेकिनकिसमेंकौनसेहार्मोनहै, याकौनसेहार्मोनपुरुषकेलिएबनेहैं औरकौनसेहॉर्मोनमहिलाकेलिएबनेहैं, येबंटवाराकैसेकियाजासकताहै?1920 केदशकतक, यहमानाजाताथाकिमहिलाओंमें, अंडाशय (ovaries) केवल "औरत" वालेहार्मोनपैदाकरतेहैंऔरपुरुषोंमें, वृषण/टेस्ट्स (testes) केवल 'मर्दों' वालेहार्मोनपैदाकरतेहैं।इनहॉर्मोन्ससेवोलक्षणबनतेहैंजिन्हेंहम "सेकेंडरीसेक्सविशेषताएं" कहतेहैं।यानीकियुवावस्थाकेदौरानविकसितहोनेवालीविशेषताएंजिससेइंसानएकआदमीयाएकऔरतकीतरहदिखनेलगताहै।महिलाओंमें, स्तनऔरचौड़ीकमरजैसीविशेषताएंदिखनेलगतीहैं, जबकिपुरुषोंमेंआमतौरपरआवाजमेंभारीपन, चेहरेपेबाल, हड्डियोंकाकड़ापनऔरमांसपेशियोंमेंबढ़ोतरीहोतीहै। 'औरत' वालेहार्मोनकोएस्ट्रोजनऔर 'मर्द' वालेहार्मोनकोटेस्टोस्टेरोनकानामदियागयाहै।लेकिनयहजल्दीहीपताचलगयाकिपुरुषऔरमहिला, दोनोंहीदोनोंप्रकारकेहार्मोनपैदाकरतेहैं।फिरभी, हॉर्मोनकाकिसीएकख़ासजेंडरसेजोड़ेजानाएकआमसोचबनगयीहै। जबकि ऐसा नहीं है।कैटरीनाकार्काज़िस, जोकिस्टैनफोर्डयूनिवर्सिटीमेंजैव-विज्ञानीहैं, औरटेस्टोस्टेरोन - एनअनऑथोराईसडबायोग्राफी (Testosterone: An Unauthorised Biography) कीसह-लेखिकाहैं, वोकहतीहैंकिटेस्टोस्टेरोनको "पुरुषसेक्सहार्मोन" कहनागलतहै।क्योंकिऐसाकहनाएकतरहसेइसबातपरइशाराकरताहैकियेहार्मोनपुरुषोंमेंहीपायाजानाचाहिए।औरमहिलाओंकेशरीरमेंइसकाहोनाएकतरहसेनाज़ायजहै।लेकिनमहिलाओंकेस्वस्थशरीरकेलिएभीटेस्टोस्टेरोनकीज़रूरतहोतीहै।दरअसलयेहार्मोनसिर्फजेंडरमेंफर्ककोबतानेकेलिएपैदानहींहोताहै। "[टेस्टोस्टेरोन] कीज़रूरतकईदूसरीचीजोंकेलिएभीहोतीहै।इसकीभूमिकासिर्फजेंडरकेफर्क, प्रजननसंरचनाओं (reproductive systems) औरशरीरविज्ञान (physiology) तकहीसीमितनहींहै", ऐसाकार्काज़िसकहतीहैं।कार्काज़िसकायहभीकहनाहैकिटेस्टोस्टेरोनकोखासकरपुरुषोंसेजोड़नाएकतरह की सोच है, ये विज्ञान नहीं है।परेशानीतोयेहैकिजेंडरकोलेकरआमविचारअक्सरगलतहोतेहैं, लेकिनसमयकेसाथवोजड़पकड़चुकेहोतेहैं।औरदेखाजाएतोयेसोचसिर्फपुरुषयामहिलासेक्सहार्मोनतकहीसीमितनहींहै।अपनीकिताब, सेक्सइटसेल्फ: दसर्चफ़ॉरमेलएंडफीमेलइनदह्यूमनजीनोम (Sex Itself: The Search for Male and Female in the Human Genome) में, इतिहासकारऔरविज्ञानकीफिलोसोफरसाराहरिचर्डसननेबतायाहैकि X और Y क्रोमोसोम्सकोजेंडरकेसाथ जोड़ना कितनागलतऔरबेबुनियादहै। X कोमहिलाक्रोमोजोममानाजाताहै, और Y कोपुरुषक्रोमोजोम।इसजड़पकड़चुकीसोचकोबदलनेकीज़रूरतहै! मानाजाताहैकिमहिलाओंमेंक्रोमोजोमकासंयोजन XX केरूपमेंहोताहै, औरपुरुषोंमें XY केरूपमें।येसोचनाकिसिर्फबेबुनियादबल्किगलतभीहै।इसलिएजब 1985 मेंस्पेनिशहर्डलर (hurdler- बाधादौड़कीखिलाड़ी) मारियाजोसमार्टिनेज-पैटिनोकोबोलागयाकिउनकोएकमहिलाहोनेकीमान्यतानहींमिलसकतीहैक्योंकिउनमे X और Y दोनोंक्रोमोसोमहैं, तोउन्हेंअपनीखोयेसम्मानऔरजगहकोपानेकेलिएसालोंतकलड़नापड़ा।औरजबतकयेलड़ाईखत्महुई, तबतकउन्होंनेएथलीटकेरूपमेंअपनेसबसेकीमतीसालखोदिएथे।लेकिनउन्होंनेयेसाबितकरदियाकिउनकेशरीरमें Y क्रोमोसोमकाहोनाएककभी कभी होने वालाजेनेटिकसिंड्रोमथा।औरभलेहीउनकेखूनमेंटेस्टोस्टेरोनकालेवलकाफीज्यादाथा, लेकिनउनकाशरीरइसकेप्रतिअसंवेदनशील (insensitive) थाऔरइसलिएउससेउनकेशरीरपरकोईफर्कनहींपड़ाथा।यानीकिउन्हेंकोईविशेषफायदानहींमिलरहाथा। (दलांसेट - The Lancet, नामकेसाप्ताहिकजर्नलमें, खेलोंमेंजेंडरप्रमाणीकरणपरउन्होंनेएकआर्टिकलसह लेखक के रूप में लिखा है।उसेजरूरपढ़ें।)कईलोगयहभीकहरहेहैंकिसेमेन्याजैसीमहिलाओंकेसाथऐसाव्यवहारजातिवादकेकारणकियाजारहाहै।कुछलोगोंकाकहनाहैकिसेमेन्याकोपरेशान (IAAF करीबएकदशकसेइनकेपीछेपड़ीहुईहै) सिर्फइसलिएनहींकियाजारहाहैक्योंकिवहजेंडरकेसंबंधमेंएकरूढ़िवादीसोचपेखरीनहींउतररहींहैं।बल्किइसलिएभीक्योंकिवोगोरी औरतों को लेकर जो एक आदर्श बनाया जाता है, उसमें फिट नहीं आतीं।कुछकामाननाहैकिसिर्फउनमहिलाओंकोनिशानाबनायाजारहाहैजोविकासशील (developing) देशोंसेआईहैं।इंटरसेक्स (मध्यलिंगी) एक्टिविस्टऔरइंटरसेक्सजस्टिसप्रोजेक्ट (Intersex Justice Project) केसंस्थापक, पिजोंपडोनिसनेकहा, "मुझेलगताहैयहसबइसलिएहुआक्योंकिकॉस्टर ‘गोरी’महिलाओंसेकाफीतेज़दौड़तीहैऔरवोउनकोधूल चटादेतीहै।" कुछलोगयहभीमानतेहैंकिव्यक्तिगतकारणोंसेभीसेमेन्याकोनिशानाबनायाजारहाहै।क्या IAAF कासेमेन्याकेसाथयेव्यवहारएकअकेलाऐसामामलाहै?नहीं, यहएकआदतहैजोकाफीसमयसेमौजूदहै।एकप्रथाजोसालोंसेचलीआरहीहै।- 1936 में, अमेरिकीएथलीटहेलेनस्टीफेंसपरबर्लिनओलंपिक्समेंमेडलजीतनेकेबादआरोपलगायागयाथाकिवहएकपुरुषहैं।कईअजीब-अजीबटेस्टकेबादहीउन्हेंमहिलाघोषितकियागया।- 1946 में, IAAF नेमहिलाएथलीटोंकेलिएयेअनिवार्यकरदियाकिउनकोअपनेमहिलाहोनेकाप्रमाणपत्रदेनापड़ेगा।दोसालबाद IOC नेभीयहीनियमअपनालिया।- 1966 में, IAAF नेयूरोपीयएथलेटिक्सचैंपियनशिपमेंसभीमहिलाएथलीटोंकाएकऐसापरीक्षणशुरूकिया, जिसमेंडॉक्टरोंकाएकपैनलएथलीटोंकेजननांगों (genitals) कानिरीक्षणकरताथा।कुछदोसालचलनेकेबादइसनियमपेरोकलगायागया।- 1967 में, अंतरराष्ट्रीयओलंपिकसमिति (International Olympics Committee- IOC) ने Y क्रोमोजोमकाटेस्टकरनेकेलिएएथलीटोंकेचीकस्वाब्स (cheek swabs- गालकेअंदरकातत्वजिससे DNA टेस्टहोसकताहै) लेनाशुरूकिया।औरबादमें, IAAF नेभीऐसाकरनाशुरूकरदिया।पोलैंडकीओलंपिकएथलीटतेज़धावक/स्प्रिंटरईवाक्लुबुकोव्स्का 1967 मेंउसटेस्टमेंफेलहोगईं।उन्होंनेइसफैसलेकोचुनौतीतोदी, लेकिन IOC और IAAF नेउसेनहींमाना। 1968 में, उन्होंनेएकबच्चेकोजन्मदिया।तबजाकर, उससाल, इनपरीक्षणोंमेंबदलावकियागया।लेकिनदूसरीसातमहिलाएं 1972 सेपहलेइसटेस्टमेंफेलहोचुकीथीं।
- 1988 में, IAAF वापस विसुअल (visual) टेस्ट्स कराने लगा।
- आखिरकार IAAF ने 1992 में, और IOC ने 1999 मेंहरतरहकेजेंडरटेस्टकोखारिज़किया।लेकिनयेअधिकारअपनेपासरखाकिअगरकहींकोईसंदेहपैदाहोतोटेस्टकियाजायेगा।- 2006 में, भारतीयधावक/रनरसांथीसौंदराजनने 2006 केएशियाईखेलोंमेंजीतहासिलकी।लेकिनजेंडरटेस्टमें 'फेल' होगयीं।हालांकिबादमेंउसफैसलेकोबदलागयाऔरवोटेस्टमेंपासहुई, फिरभीइसपूरीघटनाकाउनकेकरियरपरबहुतबुराअसरपड़ा।यहांतककिकईबारउन्होंनेआत्महत्याकरनेकीसोची।भारतीयखेलअधिकारियोंनेउनकेशरीरकीजांचकीथीऔरबिनाअसलीकारणबताएउनकेब्लडसैम्पल्सभीलिएथे। (एथलेटिक्ससाउथअफ्रीका, जोकिसेमेन्याकेदेशमेंएथेलेटिक्सकीगवर्निंगबॉडीहै, नेभी 2009 मेंयह झूठ कहकरउनकाजेंडरटेस्टकरवायाकियहबसएकऔपचारिकडोपटेस्टहै।)- भारतीयखेलप्राधिकरण (The Indian Sports Authority of India- SAI) नेचांदकोभीटेस्टमेंफेलकरदियाथा। 2014 मेंउनकीजानकारीकेबिना SAI नेउनकाहाइपरएंड्रोजेनिज़्मकाटेस्टकियाथाऔरउसकेआधारपरउनकोआनेवालीअंतरराष्ट्रीयप्रतियोगिताओंमेंभागलेनेसेरोकनेकीकोशिशभीकीथी।चांद, CAS मेंउसनियमकेखिलाफखड़ेहुईं ।इसकेबाद IAAF केनियमोंकोदोसालकेलिएरोकभीदियागयाथा। “मेरेअंदरजोकुछभीहैवहनेचुरलहै।मैंनेडोपनहींकियाहै।तोमुझपरयामेरेजैसीदूसरीमहिलाएथलीटोंपरकिसीतरहकाप्रतिबंधनहींलगनाचाहिए," चाँदनेकहाथा।- यहांहमेंएशियनगेम्सकीस्वर्णपदकविजेतापिंकीप्रमाणिककेकेसकोभीनहींभूलनाचाहिये।शांतिसौंदराजनवालीघटनाकेबादउनकेजेंडरपरसंदेहहोनेकेकारण, उन्हेंखेलसेबाहरकरदियागयाथा।औरकुछसालबादउन्हेंऔरगहरेसदमेसेगुजरनापड़ा : जब उनकेऊपरबलात्कारीहोनेकाआरोपलगा था, उस ही दौरान उनकावोवीडियोपब्लिककर दिया गया, जिसमेंडॉक्टरउनकी जांचकररहेथे।जेंडरटेस्ट्स, सबसेपहलेतो, एकबेबुनियादवैज्ञानिकसोचपरआधारितहै।दूसरा, उनकेकारणलंबेसमयतकउनमहिलाओंनेअपमानसहाहै, जिनकेजेंडरपरसंदेहकियागयाहै।इसतरहकीसोचकाउनपरबहुतहीबुराअसरपड़ाहै।औरतबक्या होगा अगरआपएकट्रांसजेंडर (विपरीतलिंगी- transgender) हैं? क्याआपकोस्पोर्ट्समेंकरियरबनानेकीउम्मीदछोड़देनीचाहिए?नहीं, हालांकियहअलग-अलगदेशोंकेस्पोर्ट्सबॉडीज (औरअलग-अलगतरहकेस्पोर्ट्सबॉडीज ) परनिर्भरकरताहै, औरइसपरभीकिउनकेअपनेनियमक्या-क्याहैं? 2003 से 2016 तक, IOC केनिर्देशोंकेतहत, अगरकिसीकम्पटीशनमेंभागलेनाहै, तोट्रांसजेंडरएथलीटोंकोसेक्सरीअसाइनमेन्टसर्जरी (sex reassignment surgery) औरकमसेकमदोसालतकहार्मोनथेरेपीसेगुजरनापड़ताथा।सेक्सरीअसाइनमेन्टसर्जरीऐसीसर्जरीहोतीहैजिसमेंउनअंगोंकोविकसितकरनेपेध्यानदियाजाताहैजोएकट्रांसजेंडरमें पुरुषयामहिलामेंसेजिनकेलक्षणज्यादाहो, उसतरहउनकाशरीरबनायाजासके।2016 कीबातकरेंतो, अबसर्जरीकीजरूरतनहींहै।लेकिनटेस्टोस्टेरोनलेवलको 10 nmol/L सेनीचेबनाएरखनेकेलिएपुरुष-से-महिलाट्रांसजेंडरएथलीटोंकोकमसेकमएकसालकेलिएहार्मोनकीदवाइयांलेनाअनिवार्यहै।महिला-से-पुरुषट्रांसजेंडरएथलीटोंकोहार्मोनलेनेकीकोईजरूरतनहींहै।रिटायरहोचुकेमिक्स्डमार्शलआर्टफाइटरफॉलनफॉक्स, साइक्लिचैंपियनराशेलमैककिनोनऔरडुथलॉन (duathlon- रनिंगऔरसाइकिलिंगस्पोर्ट्स) एथलीटक्रिसमोसियरसफलट्रांसजेंडरएथलीटोंकेउदाहरणहैं।तोअबकेस्टरसेमेन्याकाक्याहोगा?स्विसफेडरलट्रिब्यूनल (Swiss Federal Tribunal) मेंअपीलकरनेकेलिएउसकेपास 30 दिनकासमयहै।औरऐसीखबरहैकिवोउसमेंअपीलकरनेजारहीहैं।लेकिनएपीन्यूज (AP News) काकहनाहै, "आजतकशायदहीकिसीजजनेवर्ल्डस्पोर्ट्सकोर्टकेफैसलेकेखिलाफकोईरायदीहो।"एकबयानमें, सेमेन्यानेकहा: "मुझेपताहैकि IAAF नेहमेशामुझपरहीखासरूपसेनिशानासाधाहै।एकदशकसे IAAF नेमुझेकमज़ोरकरनेकीकोशिशकीहै, लेकिनअसलमेंइससबकेकारणमैंऔरभीमज़बूतहोगयीहूँ। CAS काफैसलामुझेरोकनहींपायेगा।मैंएकबारफिरउठूंगीऔरदक्षिणअफ्रीकाऔरदुनियाभरकीयुवामहिलाओंऔरएथलीटोंकोप्रेरितकरतीरहूंगी।”जेंडरकोऔरअच्छीतरहसेसमझनेकेलिएआपनीचेदिएगएलिंक्स/links कीमददलेसकतेहैं।हॉर्मोन्सकीजानकारी:साराहरिचर्डसनद्वारालिखा-सेक्सइटसेल्फ: दसर्चफ़ॉरमेलएंडफीमेलइनदह्यूमनजीनोम- Sex Itself: The Search for Male and Female in the Human Genomeचयनिकाशाह, राजमर्चेंट, शल्समहाजन, स्मृतिनेवेटियाद्वारालिखा -नोओटलॉज़इनदजेंडरगैलेक्सी- No Outlaws in the Gender Galaxyरेबेकाएमजॉर्डन-यंग, कैटरीनाकारकाज़िसद्वारालिखा- टेस्टोस्टेरोन: एनअनऑथोराइजडबायोग्राफी- Testosterone: An Unauthorised Biographyदजेंडरब्रेडपर्सन- The Genderbread Personजीइमानसेमलारद्वारालिखा-कॉस्टरसेमेन्याबनाम IAAF- बीलीविंगदैटटेस्टोस्टेरोनइज़असुपरह्यूमनहॉर्मोनइज़अमस्क्लिनिस्टमिथ- "Caster Semenya vs IAAF: Believing that testosterone is a superhuman hormone is a masculinist myth"