बंगलोर ( चलो, बेंगलूरु )  नाम के शहर में 
इंधुजा नाम की कोई थी जो कि कुछ ज़्यादा ही व्यस्त थी ।  
पेड़ों पे चढ़ना , बाइक चलाना और ऐसी नौकरी करना जो उसको काफी पसंद थी।  
और एक दिन ( वो 23 की थी ) उसके माँ बाप को लगा, अब वक़्त आ गया है और झट से शादी के लिए प्रचार दे डाला।  
' अपनी सॉफ्टवेयर बेटी के लिए हमें दूल्हे की तलाश है ' 
इंधुजा का जवाब  : बंगलोर वालों , एक दिक्कत है।  

(इंधुजा  बोल रही है ) : प्रॉब्लम 1 : सारी चीज़ें गलत थीं  ।  प्रचार में एक घरेलु लड़की की फोटो है , जो कि मैं तो एकदम नहीं थी।  
प्रॉब्लम 2 : मैं सॉफ्टवेयर इंजीनियर नहीं हूँ।  मुझे छोटी कंपनियों को आगे बढ़ाना अच्छा लगता है।  मैं खुद को स्टार्ट अप को ' मज़बूत करने  वाली' मानती हूँ।  
प्रॉब्लम 3 : मेरा शादी करने का कोई इरादा ही नहीं था ।  और परंपरागत तरीके से तो बिलकुल भी नहीं।  सो मुझे इस बात पे गुस्सा आया।  बहुत गुस्सा।  
हाँ तो फिर, इंधुजा  बस एक चीज़ कर सकती थी , जो उसने किया।  

जी हाँ - उसने अपनी खुद की मैट्रिमोनियल वेबसाइट बना डाली।  
यह मैं नहीं हूँ ( साइट पे लिखा था  ) औरतों जैसी औरत बिलकुल नहीं हूँ।  शादी लायक चीज़ तो नहीं हूँ।  कभी लम्बे बाल नहीं करने वाली।  
जेंडर : लड़काना अंदाज़ पसंद करने वाली लड़की
आदर्श जीवनसाथी :  दाढ़ीवाला ( ज़रूरी नहीं ) आदमी जिसको दुनिया देखने की बहुत चाहत हो ।  जो अपने लिए कमाता हो और अपनी नौकरी से नफरत न करे।  माँ बाप से चिपका न रहे तो बहतर, जिसका मतलब यह भी कि लड़का ' पारिवारिक' न हो।  अगर बच्चों से नफरत करे तो और भी अच्छी बात है।  अच्छी आवाज़ और बढ़िया पर्सनालिटी हो, तो बात बन जाए।  और कम से कम 30 मिनट तक बात कर सके।  
जब आप विषमलैंगिक संस्कारों पे खरे नहीं उतरते तो आपको अलग रास्ता अपनाना होता है न ? Marry.Indhuja.com

इंधुजा  का सुझाव, उन लोगों  के लिए, जो उससे  शादी करना चाहें 
" अगर तुम्हें  लगता है कि तुम योग्य हो , तो मैं कहूँगी, तुम फिर से सोचो " 
" अगर तुम अपने इरादों कोले के पक्के हो , तो मैं सुझाव दूँगी कि यह वेबसाइट जा के अपने माँ -बाप को दिखाओं " 
" अगर अब भी पक्के हो , तो कल्पना करो मुझ जैसी के साथ जीवन कैसा होगा।  नहीं समझ आ रहा ? 'X' पे क्लिक करो और वो करो जो कर रहे थे।  
पक्का ? फेसबुक पे मेरे को मेसेज डालो  या ट्वीट करो।  
आगे क्या हुआ ? >>>

कोई मिला न मिला , पोस्ट को चाहने वाले काफी मिल गए।  
बिलकुल सही।  इंधुजा  का पोस्ट वायरल हो गया।  
350,000 लोगो ने देखा।  
11,000 लाइक फेसबुक पे 
1000 कमेंट और रिस्पांस 
40 रिश्ते/ चाहने वाले।  
इंधुजा  ने किसको  चुना ? 
इंधुजा  ने चुना : खुद को 
और इस बीच में , इंधुजा  का इनबॉक्स औरतों के संदेशो से भरे जा रहा था।  
इंधुजा  को औरतें इस तरह की चीज़ें लिख रही थी " तुमने मेरे मन की बात कह दी " 
मैं भी कुछ ऐसा करना चाहती थी , लेकिन मेरे माँ बाप नहीं करने देंगे 
इतने सारे लोग इससे इतना ज़्यादा  जुड़ रहे हैं और इससे जुड़ी हुई जो बड़ी दिक्कत  है, उसको देख-समझ  रहे हैं  , यह जान के अजीब सा लग रहा है।  
यह रूढ़िवादी भारतीय संस्कृति का हिस्सा है, जो मानता है कि औरतों को अँधेरा होने के बाद घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।  और वो निकली , तो मतलब अच्छे घर से नहीं है।  
इंधुजा  का सवाल ; ऐसे तो प्रोफाइल और वेबसाइट काफी हैं, लेकिन हम खुद को कैसे व्यक्त करें ? मैं बस यह दिखाना चाहती थी कि हम अपने असली रूप को सामने रख सकते हैं ।  
जवाब : ( कमैंट्स में डाल दो ) 
और इंधुजा  के माँ बाप ? - उनको कैसा लगा यह घोषणापत्र नुमा शादीनामा ? 
उसके माँ बाप का जवाब था - " यह सब क्या है " लेकिन उसकी माँ ने सारे कमेंट पढ़े।  
एक दिन उन्होंने पूछा ; " कन्ना, क्या किसी को पसंद करती हो ? कोई नहीं , बता दो हमें 
( अरेंज्ड नहीं तो लव भी चलेगा ? न ? ) 
इंधुजा  ने कहा : इस रट को कुछ टाइम के लिए बंद करो।  
और उन्होंने ऐसा किया यानी हैप्पी एंडिंग हो सकती हैं 
हर चीज़ जो फिल्मों में देखते हो , उस पर विश्वास मत करो।  
                        
                        
                        


