टिप 1: ये मान लो कि किसी को ढूंढना मुश्किल है।
(हानिकारक प०जिटिविटी मसले को और मुश्किल बनाती है)
“काश कि लोग उन संघर्षों को कबूल करते जिनकी वजह से सेक्स नहीं मिलता या संबंध नहीं बन पाते ह। क्वीयर लोग एक सीमित और परेशानियों से भरे डेटिंग पूल में डेट ढूंढने के लिए संघर्ष करते हैं। और अगरआप चुप चाप रहने वाले इंट्रोवर्ट हैं, तो फिर लोगों को ढूंढने के मौके भी कम मिलेंगे। अगर आप किताबी तरीके के सुंदर नहीं हो, तो और भी मुश्किल होगा। ऐसा होना तो नहीं चाहिए, लेकिन ऐसा है। या फिर आप सीधे तौर पर बदकिस्मत भी हो सकते हैं। आपको गुस्सा तो आएगा, लेकिन जिनकी डेटिंग लाइफ आपसे बहतर चल रही है, ये उसके पीछे की छिपी सच्चाइयाँ हैं।”
टिप 2: हस्तमैथुन करो
(आनंद कोई सांत्वना पुरस्कार नहीं हैं)
“सच कहूँ तो, मेरा मानना है कि शायद कोई भी आपको उतना अच्छा ऑर्गेज्म कभी नहीं दे सकता। हो सकता है कि आप वास्तव में उससे संतुष्ट हों। मैंने महसूस किया है कि जब आप सेक्शुअल तड़प में जल रहे होते हैं, उस टाइम पे सेक्शुअल दुःख बद से बदतर हो सकता है? इसलिए, हम पहले अपनी हवस खुद मिटाने की कोशिश करते हैं, फिर देखते हैं कि क्या हम उसके बाद भी दुखी हैं।”
टिप 3: सेक्स कोई प्रतियोगिता नहीं है
(कोई विजेता नहीं, इसलिए, आप हारे हुए नहीं हैं)
"आपको लगता है कि हर कोई आपसे ज्यादा सेक्स कर रहा है, बस इसलिए क्योंकि लोग उनके लाइफ में क्या चल रहा है, उसकी बात तभी करते हैं जब उसमें कुछ मसाला हो। अगर लोग डेटिंग से मिली निराशा, अकेले रहने या बिना सेक्स के काफी दिनों तक रहने के बारे में खुलकर बात करते, तो
आपको पता चलता कि ये किस हद तक आम बात है।”
टिप 4: सीन बदलने की कोशिश करो
(घूमने और संग जुड़ने के मजे लो)
“किसी दूसरे शहर में दोस्तों/परिवार से मिलने जाओ। कभी-कभी हमारे नार्मल वातावरण से अगर एक फिजिकल ब्रेक मिले, तो मूड बदलने में आसानी होती है। एक नए रूटीन में, या अलग लोग, जिनके साथ हम मौज-मस्ती करते हैं या सुकून पाते हैं, हमें परेशानी से बाहर निकलने में सहायता कर सकते हैं।”
टिप 5: बिना किसी आरिवरी मंज़िल पाने की तलब लिए, इश्कबाज़ी करो
(इससे स्कोरिंग का कुछ लेना-देना नहीं है)
“बिना मकसद के की गई छेड़खानी के कई फायदे हैं और ये आपको अपने बारे में अच्छा महसूस भी करा सकता है! मूड को बहतर करना है? किसी को देखकर मुस्कुराने और जवाब में मुस्कुराहट पाने से बेहतर कोई चीज़ नहीं। अपने पसंदीदा कपड़े पहनो या वो जिसमें आपको लगता है आप सबसे अच्छे लगते हैं, और क०फी पीने निकल पड़ो। जिन अजनबियों से मिलो, उन्हें देख मुस्कुराओ।”
टिप 6: सेक्स की किसी बुरी सलाह की वजह से अपना आत्मविश्वास मत खोने दो।
(बहुत सारा सेक्स और अच्छा सेक्स, दो अलग चीजें हैं)
"शायद ज्यादा सेक्स करने से हमारा क०न्फिडेंस बढ़ता है। लेकिन आख़रिकार हर कोई एक दूसरे से अलग होता है और आपको हर बार नए सिरे से सब सीखना होता है। एसेक्शुएलिटी एक सवाल सामने रखती है क्या वो इंसान जो पूरे साल में बस एक बार सेक्शुअल रिलेशन बनाता है, वो "सेक्स में बुरा" है? सेक्स में अच्छा कर पाना, ज्यादा सेक्स करने के बराबर बिल्कुल नहीं है। ये उससे भी ज्यादा पेचीदा है। मुझे लगता है कि 37 साल की उम्र में कुल तीसरी बार सेक्स करने वाला एसेक्शुअल इंसान शायद वैसा बर्बाद सेक्स नहीं करेगा जिसका हम सबको खौफ है। लाइफस्टाइल मैगज़ीन के नकली सेक्शुअल मनोबल पर भरोसा मत कर लेना।"
टिप 7: किसी बंधे हुए अंत की कल्पना में अटक मत जाओ
(कुछ अनुभव करके देखो न, भले ही वो कारगर न हो)
"हम सेक्स करके भी सेक्शुअल रूप से निराश हो सकते हैं। एक सिटुएशनशिप में आने से पहले मैं बहुत लंबे समय तक, एक रिश्ते में रही थी। मेरे लिए ये एक रिस्क था। मुझे लगा कि ये नए रिश्ते की रूप रेखा काफी धुंधली थी, कि इससे मेरी चिंता बढ़ेगी। और ये चिंता इस बात पे असर करेगी कि मैं सेक्शुअल रूप से इस रिश्ते को कैसे देखती हूँ। वही हुआ। जल्द ही मुझे ये एहसास हो गया कि यूं रोमांस में चीजों का स्पष्ट न होना, मेरे से नहीं संभलने वाला है। लेकिन, भले ही ये मेरी चाहतों से परे था, ये अनुभव कारगर रहा। क्योंकि इससे मुझे ये समझ में आया कि मेरी सेक्शुअल संतुष्टि इस बात पर निर्भर करती है कि उस रिश्ते में मुझे कितना सुरक्षित महसूस हो
रहा है। अब मुझे पक्के तरीके से ये पता चला कि भविष्य में मुझे क्या नहीं चाहिए था।”
टिप 8: किसी गम से बाहर निकलने के लिए डेट या हुक-अप मत करो
(हारने का डर हमें फिर से हार की तरफ ले जा सकता है)
"आपके कुछ ख़राब हुक-अप या दुखी करने वाले अनुभव होंगे, जैसे कि किसी का अचानक गायब होकर सारे कांटेक्ट खत्म कर लेना या आपके साथ लापरवाही भरा व्यवहार करना। सिर्फ अपनी हार की भावना से उभरने के लिए बार-बार डेटिंग/हुक अप में मत घुसो, ये सोचके कि इस बारसब सही होगा। हर डेट या हर हुक-अप को इम्तेहान मत बनाओ, जिसे पास करना ज़रूरी हो। थोड़ा टाइम दो, देखो अगर तालमेल बैठ रहा है, किसी को और जानने की ज़रूरत है- वो सब जो आपको असली सेक्शुअल अनुभव, या बोले तो आनंद, दिलाने में मदद करे।”
टिप 9: किसी लेबल की वजह से खुद को वो बनने से ना रोको जो आप बनना चाहते हो
(लेबल कोई लक्ष्मण-रेखा नहीं है)
"जिस बात हमें दुख हुआ, वो खासकर ये था कि कैसे समलैंगिक समुदाय के अंदर कई तरह के टैग, पुष्टि के लिए इस्तेमाल होते हैं, जैसे "ओह वो तो बेयर है", "वो तो बटम है"। ये टैग, जो शुरू में तो दूसरे इंसान को अपनी चाहतें बताने के लिए बनाए गए थे, आखिरकार मुझे एक बंधन से नज़र आये। यूं लगा जैसे कि किसी नाप तौल करने वाले माहौल में मुझे बरबस घुसा दिया गया हो। उससे निपटने के लिए, अपने बारे में मजबूत भावना को पकड़कर रखना जरूरी है। एक इंसान के रूप में हम क्या है और सेक्स के दस्तरख्वान पे मैं क्या-क्या पेश करते हैं, उसका अंदाजा होने से मुझे उस बंधन वाली भावना से निजात मिली।”
टिप 10: अपने तक ही सीमित मत रखो
(किसी दोस्त को फोन करो)
"मुझे ये समझ आया कि शादी के 14 साल बाद अपने पार्टनर से अलग होने के दर्द से उभरना, भले मुश्किल तो था लेकिन अपने दोस्तों के कंधों का सहारा लेना ज़रूरी भी था। ये महसूस करना कि मेरे आसपास दूसरे लोग भी हैं जो मुझसे प्यार करते हैं और मेरा समर्थन करते हैं, मुझे मेरे भविष्य या अकेलेपन की चिंता से दूर ले जाता है। हो सकता है ये सब रोमांटिक प्यार जैसा ना हो, लेकिन प्यार तो प्यार है, है ना?”