संध्या मुलचंदानी ने अपनी किताब, “द फ़ाइव ऐरोज़ ओफ़ काम: “/ काम देव के पाँच बाण में, मनमथा संहिता का अनुवाद किया है । किसी को नहीं पता कि ये कितने साल पहले लिखा गया, या कि ये किसने लिखा । फागुन को ये सुंदर सलाम, हर एक से यही कहता है, कि बसंत के मौसम में अपनी सेक्शुआलिटी को खुल के अपनाओ, नो रोक टोक से डरो, ना निंदा से । ये किताब कुछ यूँ लिखी गयी है, मानो कामदेव और उनकी पत्नी, रति, के बीच बातचीत हो रही हो ।
मनमथा संहिता के अनुसार डिल्डो/शिश्न के आकार का सेक्स टॉय कैसे बनाया जाए
कामदेव ने राति को डिल्डो बनाने का क्या ज्ञान दिया?
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