मैंने एक लड़की को किस किया और मुझे मज़ा आया! तो पढ़िए, 7 क्वीयर औरतों की किसी लड़की संग पहले किस की दास्ताँ
पहली चुम्बन की सुन्दर कहानियाँ !
चित्र: अमृता पाटिल
अनुवाद: प्राचीर कुमार
“मैंने एक लड़की को किस किया और मुझे मज़ा आयाl उफ़! उसका चेरी फ्लेवर का लिप बाम स्वादिष्ट थाl” किसी को टेलकम पाउडर की महक पसंद आयी, जैसे अदिति को(वो नब्बे के दशक ही है ना, इसीलिए!)l हमने कुछ क्वीयर महिलाओं से उनकी फीलिंग्स के बारे में पूछा l उस पल की फीलिंग्स, जब उन्होंने किसी लड़की को पहली बार किस कियाl कुछ के लिए यह एक बहुत धुंधली सी याद बन चुकी हैl कुछ के लिए, यह पहला पल था, जब उनके दिल में गिटार के तार नाच उठेl बहुतों के लिए यह वो पल था, जब उन्हें सेक्स को लेकर अपने झुकाव के बारे में कुछ समझ आयाl और एक के लिए यह किस अपनी शोषण और हिंसा से भरी शादी से निकलने का ज़रिया बनाl
एक ‘किस’ में कितना दम हो सकता है भाई? इन कहानियों से पता चल जाएगा, कि एक किस में कितनी ताकत होती है, रमेश बाबू !
“मेरे होंठ सूजे हुए थे और अगले पूरे दिन मेरे गाल ख़ुशी के मारे लाल हो रखे थे”
सलीमा, 22, लेस्बियन
टिंडर पर वो पहली शख्स थी जिससे मैं मैच हुई थीl हम कुछ दफा मिले भीl हम दोनों एक दूसरे के साथ कम्फर्टेबल थेl दोस्त की तरह ही, लेकिन एक दूसरे से फ़्लर्ट भी करते थेl पता नहीं कि हम लोग डेट कर रहे थे या नहींl हमने कभी एक दूसरे से यह नहीं पूछा कि क्या चल रहा है, बस चल रहा थाl
एक दिन जब वो घर पर अकेली थी, तो उसने मुझे घर बुलायाl मुझे अपने को हर्ट नहीं करना था, इसलिए मैंने सोचा कि मैं बिना किसी उम्मीद के उसके घर जा रही हूँ l पर फिर भी दिल के किसी कोने में उम्मीद की एक छोटी सी रोशनी तो थी हीl हमने सारा दिन साथ बितायाl दोपहर तक हम दोनों पी पा के टुल हो चुके थेl एक पॉइंट पर, हम दोनों डाइनिंग टेबल पर आमने सामने बैठे थे और एक दूसरे को देखे जा रहे थेl हंस रहे थे, शर्मा रहे थे और जाने क्या क्या दिल में हिचकोले चल रहे थेl मैं बेचैनी में बार बार टाइम देख रही थीl पता नहीं मेरे सर पर क्या सवार था, मैंने अपनी घड़ी निकाल दीl उसी वक़्त उसने मुझसे पूछा:
“क्या मैं तुम्हें किस कर सकती हूँ?”
“हाँ”
“मैं पहले ही बता दे रही हूँ, मेरी थोड़ी सी फटी पड़ी हैl”
“मुझे कोई डर नहीं लग रहा हैl लेकिन हाँ, मैं होश में हूँl”
मुझे उसके करीब जाने की कोशिश तो करनी चाहिए थी l उल्टा वो ही उठी और मेरे पास आई और फिर, उसने मुझे किस कियाl वो मेरा पहला किस था, इसलिए बड़ा ज़ोरदार थाl मैंने पहले कभी किसी को किस नहीं किया थाl लड़की को किस करना तो दूर की बात थीl मुझे यह सोच कर सही लगा कि उसके अन्दर मेरे लिए फीलिंग्स हैंl पर उसी के साथ मेरे दिमाग में यह बात भी चल रही थी कि क्या मैं सही कर रही हूँ? यह सही है? उसने मुझसे पहले औरों को भी किस किया था l जिससे मुझे थोड़ी इन्सेकुरिटी सी हुईl पर आगे जो हुआ, उससे मैं और चौंकी l मुझे लगा कि बात उस किस पर ख़त्म हो जायेगीl पर अभी तो पार्टी शुरू हुई थी l हम उसके बेडरूम में गए और सारी शाम एक दूसरे को किस ही करते रहेl जिसकी वजह से मेरे होंठ काफी सूज चुके थेl
अगले पूरे दिन मेरे चेहरे पर शर्म की लाली थीl मुझे क्लास में घुसते ही अपने दोस्तों को बताना पड़ाl क्योंकि उनको पूरी कहानी मेरे चेहरे पर दिख रही थीl मेरा चेहरा इतना दमक रहा थाl
“मेरा दिल बोझ से दबा हुआ था पर ऐसा लग रहा था कि मैं उड़ सकती हूँl उस किस ने पहली बार मेरे दिल में मस्ती की गिटार बजा दी l”
अदिति, 37, महिला
मेरे पहले किस की कहानी तब की है जब मैं आठवीं में थी l उस समय मेरे पास मेरी फीलिंग्स को बयान करने के लिए शब्द नहीं थेl पर मैं उन फीलिंग्स को महसूस कर रही थीl मुझे पता था कि मुझे लड़कियाँ पसंद हैंl मैंने एक नए, मराठी मीडियम स्कूल में दाखिला लिया थाl और पहले दिन से ही मुझे एक लड़की पसंद आ गयी थीl
यह सब मेरे लिए काफी स्वाभाविक था l उस लड़की के लिए मेरी फीलिंग्स पक्की थीं और मैंने उसे इसके बारे में बता भी दिया, पर उसने घास नहीं डालीl शायद वो खुद अपनी फीलिंग्स को समझने की कोशिश कर रही थीl क्योंकि उस शहर में ऐसी बात होना बिल्कुल ऐसा था, जैसे जादू का का सिनेमा से निकल कर, वहाँ उड़ कर आ जाना l उसे पटाने में मुझे 5-6 महीने लग गएl
छोटे शहरों में, दो लोगों का साथ में दिल की बात शेयर करने की जगहें बहुत कम होती थींl हमें एक दूसरे के घर रात में रुकने की आज़ादी थी, पर हमेशा कभी उसके, कभी मेरे परिवार वाले आस पास ही रहते थेl मेरे प्यार को जताने के लिए मेरे पास शब्द कम थे l मेरी फीलिंग्स की मदद से मैंने उसको एक ख़त लिखाl उसने काफी मनमुटाव के बाद ले तो लिया, पर उसने कहा कि वो उसे फाड़ देगीl और उसे मुझसे दुबारा बात भी नहीं करनीl मेरा दिल टूट कर बिखर गयाl पर मुझे लगता था कि उसके दिल में कुछ कुछ होता है मेरे लिएl कई बार मैंने उसे, मुझे घूरते हुए देखा थाl वो कुछ न कुछ बहाने करती थी, मेरी बगल में बैठने के लिएl और ‘गलती’ से मुझसे छू जातीl
दो हफ्ते के टार्चर के बाद, एक शाम जब मैं पड़ोस में खेल रही थी, वो मिलने आईl उसने अपना मन बना लिया थाl उसने कहा कि वो लैटर उसने नहीं फाड़ा थाl उसने उसे कई बार पढ़ा और वो भी मेरी लिए वैसा ही फील करती थीl पर उसे समझ नहीं आ रहा था कि इस सब का मतलब क्या हैl मैं वहीँ धम्म से बैठ गयीl मेरे पसीने छूट रहे थेl पता नहीं इसके आगे हमारी कहानी में क्या होने वाला थाl मेरे अन्दर से भी वैसी ही आवाज़ आई- इसका दी एंड क्या होगा? हमने थोड़ी देर बात की और उसने मराठी में कहा कि प्यार की कोई सीमा नहीं होती हैl अब जब मैं उसकी कही बात के बारे में सोचती हूँ तो समझ में आता है कि वो क्या कह रही थीl उसके कहने का मतलब था कि प्यार सभी दायरों से पार है, आदमी- औरत के दायरे से भी बाहरl और उसके बोलने के बाद हमने किस कियाl मेरा पहला किसl
मैंने हिम्मत दिखा कर पहल की l किस की बात करें तो जो टेलकम पाउडर वो लगाती थी, मुझे बेहद पसंद थाl( थोड़ा अजीब लगता है सुनने में, पर अब क्या कहूं, ये बात 90 के दशक की है और उस समय टेलकम पाउडर एक ख़ास चीज़ होती थीl वो खुशबूआपको अपनी ओर खींच लेती है, आपकी सारी इन्द्रियाँ भी तेज़ हो जाती हैं l है ना? उस महक से तो मेरे दिल की गाड़ी दो सौ की स्पीड से दौड़ने लगती थी l तब भी, जब वो मुझसे थोड़ी दूर खड़ी रहती ! मेरा दिल इतनी सारी फीलिंग्स से भरा हुआ था कि मुझे लग रहा था कि मैं उड़ने ही लगूंगीl मेरी स्किन चमक रही थीl वो जैसे जीसस क्राइस्ट की तस्वीरों में एक चमक नहीं होती है, वैसे हीl वो किस , मस्ती के समंदर में गोते लगाने का मेरा पहला अनुभव थाl क्योंकि मेरी ख्वाहिश पूरी हो गयी थीl
हम दोनों एक साथ बारह साल तक रहे l काफी सालों बाद उसने इस राज़ से पर्दा उठाया कि जब वो भी मुझे चाहती थी, तो दो हफ्ते तक मेरे दिल पर छूरियाँ चलाने में उसे क्या मज़ा आया था? उसने कहा , “मैं जानती थी कि तुमको पटाने में मज़ा आता है और अगर इतनी जल्दी हाँ बोल देती, तो तुम्हारे लिए बहुत आसान हो जाताl”
“उस किस के आगे अब सब फीका लगता है”
परमिता, 24. कभी आदमी अच्छा लगता है, कभी औरत दिल चुरा लेती, कभी ...
हम दोनों पड़ोसी थेl हर दिन जूनियर कॉलेज के बाद हम दोनों एक ही बस से वापस जाते थेl और सबसे पहले उसके घर जाते थेl बिना कुछ बोले, कामदेव के बाणों से बचते हुए (जो कि शायद मैं इमेजिन कर रही थी?), उसके कमरे में एक साथ टाइम बिताते थेl उसके बाद मैं घर चली जातीl जिस दिन मैंने उसको डेट के लिए पूछा था, उस दिन मैंने घर जा कर उसे मेसेज किया, “विल यू गो आउट विथ मी?” फ़ोन में नोटिफिकेशन की आवाज़ आई और उसने जवाब में हाँ लिखा थाl मैं पूरे आधे घंटे अपने रूम में ख़ुशी से चिल्लाई थीl
अगले दिन मुझे कॉलेज जाने में बहुत डर लग रहा था! हम दोनों की मुलाक़ात भी बड़ी अजीब सी हुईl मैं सोच रही थी कि अब तो किस होगाl लेकिन कब? पता नहीं ! कॉलेज के बाद उसके घर गएl तब उसने कहा कि वो मुझे बाथरूम में ले जाकर किस करना चाहती थी l शर्म के मारे तो मेरी जान ही निकल गयी थीl मैं चुपचाप थीl दुनिया की सबसे ज़्यादा शर्माने वाली लड़कीl उसके बाद वो भी चुप हो गयी और मैं भीl हर दिन ऐसे ही बीत रहा था – बातें कम, केवल मुस्कुराहटेंl
मेरे लिए वो बहुत ज़्यादा खूबसूरत थीl उसे पहले भी किस का अनुभव था, लेकिन मैं इस मामले में बिल्कुल ज़ीरो थी l तो मैं तो किसी भी हाल में खुद से पहल नहीं करने वाली थीl ऐसे ही एक दिन जब मैं उसके घर से निकल ही रही थी, उसने मुझे पुकारा, “पारो” l मैंने भी जवाब में “हां?” कहाl उस पल, मैं सब कुछ समझ गयी थीl l मेरे अन्दर की आग फट के बाहर आने को तैयार थीl उसने पूछा, “क्या मैं तुम्हें किस कर सकती हूँ?” जिसका जवाब मैंने हाँ ही देना थाl हम करीब आये और फिर कुछ अजीब सा हुआl वो किस अजीब सा थाl उसे किस भी नहीं कह सकते, वो इतने कम समय के लिए थाl उसने कहा,” वापस करें?” और हमने एक बार और किस कियाl मैं बस अपने धड़कते दिल की आवाज़ सुन पा रही थीl पर पता नहीं हमारे होंठों को क्या दिक्कत थीl हम तुरंत एक दूसरे से अलग हुए और मैं घर चली गयीl
अगले दिन, किस करना थोड़ा कम्फ़र्टेबल लगाl हम लोग साथ में लेटे थेl मेरा चेहरा उसके बालों से ढका थाl रूम दोपहर की आलसी पीली लाल रौशनी में भीगा हुआ था l और मैं उसके इतने पास थीl मैंने उसकी तरफ अपना सर घुमाया और उसने भी अपना चेहरा मेरी तरफ कियाl और बिना किसी हिचकिचाहट के हमने किस कियाl धीरे धीरे ही सही, पर मैं उसको फील करने लगीl वक्त का कुछ पता भी ना चलाl शायद घंटों बीत गएl उस किस के बारे में और क्या बोलूँ, अभी भी विश्वास नहीं होताl वैसे अन्दर तक हिला देने वाली फीलिंग दुबारा कभी फील ही नहीं हुईl उस किस की गर्मी के सामने अब सब सादी तरकारी सा लगता हैl
“लड़कों के साथ मुझे अच्छा नहीं लगता थाl पर यूँ कह सकते हैं कि उसके मुंह से निकली लार भी मुझे पसंद थी l मैं उससे प्यार करती थीl”
शक्ति, 24, ट्रांसमहिला, लेस्बियन
मेरी बदकिस्मती कि मेरा पहला किस एक लड़के के साथ थाl पर जैसे ही मैं ये समझी कि मैं लड़कियों के साथ ज़्यादा कम्फ़र्टेबल फील करती हूँ, मैं उस रस्ते ही आगे बढ़ी l एक औरत के साथ मेरे पहले किस की कहानी काफी मज़ेदार हैl
LGBT के सारे रंगों में रंगी हूँ मैंl जन्म से लड़का थीl स्कूल में दूसरे लड़कों से प्रेम प्रसंग भी ज़्यादा नहीं चल पायाl मैं अपनी बॉडी के साथ कम्फ़र्टेबल नहीं थीl तब मैंने अपने शरीर को बदल डाला, उस रूप में, जिसमें मैं फ्री महसूस करतीl कुछ टाइम मैंने बाईसेक्सुअलिटी के भी मज़े उठायेl लेकिन एक औरत के साथ मेरे पहले अनुभव के बाद, मुझे अपनी पहचान मिल गयीl
उससे मिलने से पहले से ही मैं लेस्बियन के रूप में पहचानी जाने लगी थीl वो पेरू से थी और इंडियन औरतें के लिए उसका दिल थोड़ा ज़्यादा धक् धक् करता थाl हमने डेटिंग एप्स और फेसबुक पर बातें कींl यह खतरनाक साबित हो सकता था, पर मुझे यकीन था कि वो असली है, फरेब नहीं l फिर एक सर्दी के मौसम में वो इंडिया आईl
उसने कहा, “मैं भारत में तुम्हारे सिवा किसी और को नहीं जानती हूँ, तो तुमको मेरी मदद करनी पड़ेगीl” उसने पूरा इंडिया घूमा और मैं उसकी गाइड थीl यूं तो मैं मुंबई के चप्पे चप्पे से वाकिफ थी, पर जब आप किसी के साथ घूमते हैं, तो आपको उन्हीं पुरानी जगहों में भी कुछ नया नज़र आता है l और हाँ- वो मेरा पहला किस थी l
हमने होटल रूम में किस कियाl मैं नर्वस थी कि कहीं यह मेरा फायदा तो नहीं उठा रही है? एक ट्रांसमहिला होने के नाते मैं एक बात पहले ही साफ़ कर देती हूँ- क्या तुम इंसान से प्यार करते हो या उसके बॉडी पार्ट्स से, जो तुमको मज़ा दे सकते हैं? मुझे किसी के साथ हमबिस्तर होने के लिए उसकी आत्मा से कनेक्शन बनाना बहुत ज़रूरी हैl ताकि बाद में मुझे कोई पछतावा ना होl
हम दोनों बिस्तर पर लेटे हुए थे और वो भी शायद बहुत व्याकुल थी, क्योंकि उसने कहा, “मालूम है हमें क्या करना चाहिए?” मैंने भी पूछा, “क्या?”
“मेक आउटl” जैसे ही मैंने हाँ बोला, वो मेरे ऊपर आ गयी, और मुझे किस कर लियाl और फिर मुझे पहली बार एहसास हुआ कि मैं किसी को पसंद करने का दिखावा नहीं कर रही हूँ l यह असली फीलिंग हैl दिल सेl वो किस नर्म, गर्म और असल थाl मैं ठहरी रही, ज़मी चलने लगीl फिर हम किस से भी आगे बढ़ेl काफी आगेl मैंने किसिंग के बारे में उससे बहुत कुछ सीखाl लेस्बियन्स के लिए किसिंग काफी गीलेपन से भरा होता हैl वो केवल होंठों तक सीमित नहीं रहताl वो किस शरीर के हर जगह जाता है l
लड़कों के साथ मुझे अच्छा नहीं लगता थाl लार चेहरे पर हर तरफ फ़ैल जाती थीl लगता था कि वो बस अपनी हवस के लिए मेरे साथ थेl लेकिन जब आप किसी से प्यार करते हैं, तो यह सारी चीज़ें आपको पसंद आने लगती हैंl तो मैं कह सकती हूँ कि मुझे उसकी लार भी पसंद थी, क्योंकि मैं उसे प्यार करती थीl जब वो वापस जा रही थी, तो उसने कहा था कि वो ‘गुडबाय’ सिर्फ इसलिए बोल रही थी, ताकि वो दुबारा ‘हेलो’ बोल सकेl उसने कहा कि वो एक दिन वापस आएगीl
“जो सुख और साथ होने की फीलिंग हम दोनों ने शेयर की, उससे उसे कठिन समय में काफी मदद मिली थीl मेरे जाने के कुछ महीनों बाद, उसने अपना बुरा वक़्त छोड़ कर आगे बढ़ने की भी हिम्मत दिखाई l”
हर्षिता, औरत, 50, मैं जो हूँ सो हूँ, किसी लेबल की जरूरत नहीं
सोलवाँ जन्मदिन आने से पहले ही मुझे अमेरिका भेज दिया गया था, हाई स्कूल की पढ़ाई करने l मैं एक अमेरिकन फॅमिली के साथ रह रही थीl मैं घर की मालकिन ‘के’ के काफी करीब आ गयी थीl क्योंकि वो ना सिर्फ मेरे रहने खाने का इंतजाम देखती थी, पर मेरा बहुत ख्याल भी रखती थीl
उसकी अपने पति से नहीं बनती थी और दोनों एक छत के नीचे होते हुए भी अलग ज़िन्दगी जीते थेl उसका पति नाईट शिफ्ट करता था और शाम को अक्सर घर पर नहीं रहता थाl हम दोनों घर में काफी समय बिताते थेl जिस वजह से वो मुझ से काफी चीज़ें शेयर करती थी- जितना कि एक सोलह साल की लड़की से की जा सकती हैंl
डिनर के बाद, बर्तन धोने और बच्चों को सुलाने के बाद, मैं वाइन की बोतल खोल कर, उसके रिकार्ड्स सुनती थीl उसके पास मेरे एक फेवरेट सिंगर का ज़बरदस्त कलेक्शन था l वो भी मेरे साथ सुनती और हम दोनों बातें करते थेl
एक बार उसने मुझसे कहा, “ओह, ये मेरा फेवरेट गाना हैl और पता नहीं उस वक्त मुझे क्या सूझी, मैंने उसे अपने साथ डांस करने के लिए पूछाl और फिर, जैसे वो होना ही था, हमने किस कियाl वो मेरा पहला किस नहीं थाl मैंने पहले भी लड़कों को किस किया थाl पर किसी औरत के साथ पहला थाl और मुझे ऐसा लगा कि मैंने पहले कभी किस ही नहीं किया थाl वो कोई लंबा या भावनाओं में बहा हुआ किस नहीं थाl काफी सौम्य और नाज़ुक किस था वोl मेरे तो दिल में गिटार बजने लगाl उसके बाद भी कोई हिचकिचाहट नहीं थीl अपन वापस डांस करने लगेl
पर उस किस ने मेरे अन्दर एक उम्मीद को पैदा कर दी कि इस रिश्ते की गुंजाइश हैl मेरे पास इस आकर्षण को जताने के लिए अलफ़ाज़ नहीं थेl मैं एक नार्मल, इंडियन मिडिल क्लास फैमिली से अमेरिका आई थीl सेक्स-वेक्स वहाँ खुल कर डिसकस नहीं होतेl समलैंगिकता पर बात का सवाल ही नहीं l मैं तो लड़कों के बारे में अनजान, नौसिखिया थीl पर इस मामले ने मेरे दिमाग में घर कर लिया l अब मैं अपनी क्लास और आस पास की औरतों को एक अलग नज़र से देखने लगी l
उस पल ने कई नये अनुभवों के दरवाज़े खोल दिए थेl कई बार, वाइन और म्यूजिक के बाद, हम दोनों हमबिस्तर भी होते थेl पर अब जब मैं वापस देखती हूँ, तो एहसास होता है कि हमारा रिश्ता कितना पवित्र थाl बेशक, उलझा हुआ था, पर उसमें कभी कडवाहट नहीं आईl हमारा रिश्ता हमेशा प्यार और - एक दूसरे के ख्याल का - रहा l
पर जब तक मैं हमारी लव स्टोरी आगे बढ़ाने के लिए कुछ कर पाती, मेरे जाने का समय हो गयाl काफी फ़िल्मी- पहले हाथ पकड़ा, फिर नज़दीक आये और फिर बिछड़ गएl
पर उसके साथ बिताये समय ने मेरी खुद से अन्तरंग मुलाक़ात करा दी थीl जहां सेक्स को लेकर फिक्स ख़याल होते हैं, वहाँ सब चीज़ें फ़टाफ़ट होती हैंl सौम्यता, नाज़ुकता, आकर्षण और छोटी छोटी बाटन का ज़्यादा मतलब नहीं बन पाताl पर ये सब वाकई बहुत मायने रखते हैंl
इन सब ने मेरी आँखें खोल दी थीl कि शारीरिक सम्बन्ध में भी प्यार, दया और इमोशंस होते हैंl कि मुझे अपना समय लेना चाहियेl सेक्स सिर्फ अपनी ताकत दिखाने का, या लेन देन का मामला नहीं हैl ये कोई रेस नहीं है, और ना ही ज़रुरत है कि इसका कुछ परिणाम ही निकलेl जोश का मतलब ये नहीं होता कि आप आक्रामक हो जाएँ, जैसा मैंने अक्सर लड़कों में देखा थाl इस तरह मुझे खुद को समझने के लिए काफी समय मिलाl
जब मैं पहली बार अमेरिका आई, जिन इंडियन रिश्तेदारों के यहाँ मैं सबसे पहले रही थी, उन्हीं के हाथों मेरा यौन शोषण हुआ था l मेरे लिए वो एक ऐसा ज़ख्म था, जिसे मैं हमेशा खुरेदती रहती थीl पर ‘के’ के साथ बिताया हुआ समय, हम दोनों के लिए मरहम बन गयाl जिसने प्यार की उम्मीद को फिर से जन्म देने के लिए दिल में जगह बना दी l
हमारी अभी भी बात होती हैl दो साल पहले उसने मुझसे कहा, जो सुख और साथ होने की फीलिंग हम दोनों ने शेयर की थी, उससे उसे कठिन समय में काफी मदद मिली थीl तपते रेगिस्तान में प्यासे को पानी मिलने के बाद जो शान्ति मिलती है, वैसी शान्तिl और इस रिश्ते ने अपने दुखी, प्रताड़ित जीवन के सच्चे रूप को देख पाने में भी उसकी मदद की थी l वो ये सोचने लगी कि यह सब बदला जा सकता हैl और मेरे जाने के कुछ महीनों बाद, उसने अपना बुरा वक़्त छोड़ कर आगे बढ़ने की हिम्मत दिखाईl
जब उसने यह बात मुझे बताई, ख़ुशी से मेरा गला भर आया था l इस बात से कि हम दोनों एक दूसरे के लिए सिर्फ दोस्त ही नहीं, सहारा भी थेl
“वैसे तो बिना म्यूजिक के मुझे बड़ा अटपटा सा लगता हैl बाकी लोगों की आवाज़ सुनकर अजीब सा लगता है l पर इस मामले में मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा कि म्यूजिक है की नहींl”
अनाम, 24, क्वीयर महिला
मैंने पहले भी कई लड़कियों को किस किया थाl हल्का सा होंठ परl सबकी सब उल्लू थीं एकदमl शराब पी कर अठखेलियाँ करती हुई बोलती थी कि ‘वी आर ड्रंक’l ये सब उनके लिए बिल्कुल बेवकूफी थीl पर उस सबका कोई मतलब नहीं थाl फिर यही किस उसके साथ हुआ जिसे मैं असल में लाइक करती थीl वो एक अलग ही अनुभव थाl मेरा पहला असली किस एकदम ‘ ओ माई गॉड’ वाला पल था, क्योंकि इसके पीछे की कहानी भी ज़ोरदार थीl वो मेरे साथ काम करती थी और मुझसे काफी बड़ी थी, लगभग 6-7 सालl मैं काम के चलते देर तक रूकती थीl हम दोनों टाइम पास करते थेl हम दोनों दोस्त थेl मुझे पता था कि मेरा उसपर क्रश है ... और अच्छा लगता थाl
एक बार एक ऑफिस पार्टी में, मैं पूरी तरह टुल्ल थीl और तभी मैंने उसे दिल की बात बताते हुए कहा कि मैं उसे लाइक करती हूँl उसने भी बताया कि वो मुझे लाइक करती थीl लेकिन वो वापस अपने होमटाउन शिफ्ट हो रही थी, हमेशा के लिए l हर एक क्वयीर प्रेम कहानी की शुरुआत की तरह, यह भी लॉन्ग डिस्टेंस कहानी होने वाली थी, क्यों? मैंने उसके लिए एक फेयरवेल पार्टी देने की सोचीl पूरे समय हम पार्टी में अकेले बात करने की जगह ढूंढते रहे, जो हो नहीं पायाl हम लोग बात को आगे बढ़ाना चाहते थेl आखिर में हम उसी के घर चले गएl सब कुछ बहुत तेज़ी से हुआ- हम लोग थोड़े ड्रंक थे ही और उसने शुरुआत की, क्योंकि मैं थोड़ी नर्वस थीl जब उसने मुझे किस किया तो मेरे दिल से आवाज़ आई, “ओह माई गॉड! तो ऐसा लगता है जब आप उसे किस करते हो, जिसको आप पसंद करते हो l” उसके तुरंत बाद दूसरा ख्याल आया, “ओह गॉड! हम दोनों के चेहरे एक दूसरे को छू रहे हैंl अब मैं क्या करूँlमुझे नहीं पता कि क्या मैं सही कर रही हूँl” लेकिन चूंकि मेरे ऊपर नशा सा छाया हुआ था, तो सब ठीक लग रहा थाl वो वाकई में अच्छा अनुभव थाl जिसको मैं पसंद करती थी और मेरी सबसे पहली पार्टनर के साथ, ये मेरा सबसे पहला किस थाl मुझे थोड़ा सरप्राइज भी फील हुआ कि कोई मुझे पलट कर पसंद करता हैl
वैसे तो बिना म्यूजिक के मुझे बड़ा अटपटा सा लगता हैl बाकी लोगों की आवाज़ सुनकर उबकाई सी आती हैl पर इस मामले में मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा कि म्यूजिक है की नहींl इसके बारे में बात करना थोड़ा अजीब है, क्योंकि अब मुझे वो बिलकुल नापसंद है ,मैं उसको बर्दाश्त नहीं कर सकती हूँl अब मैं किसी और के साथ हूँ जो मेरी अब तक की सबसे फेवरेट इंसान है l जब मैं मुड़कर देखती हूँ, तो सोचती हूँ, “ ओ माय गॉड! मैंने एक बदमिजाज़ लड़की के साथ काफी समय तक रिश्ता निभायाl मस्ती की, लेकिन शुरू में तो आपको सब कुछ पता नहीं चलता है ना!
“मैंने मना करते हुए कहा कि यह केवल दूसरी बार है कि हम मिल रहे हैंl मुझे कोई आईडिया नहीं थाl उसके बाद हमने मेक आउट कियाl”
कृष्णा, २५, लोग बोलते हैं कि उसे सेक्स से मतलब नहीं है, वो एसेक्सुअल है, पर उसका मानना है कि शायद वो लेस्बियन है
मैं चौबीस साल की थीl वो दोस्त की दोस्त थीl हालांकि हम टिंडर पर मिले थेl हम लोग शांति से सूरज को डूबते देख रहे थेl हमारा कोई ख़ास प्लान नहीं था l मैंने उसकी गोदी पर अपना सर रखा हुआ थाl वो मुझे गांधी के बारे में कोई कहानी बता रही थीl मेरा कुछ भी करने का इरादा नहीं था, पर यह भी सच है कि आँखों की गुस्ताखियाँ मैंने ही शुरू की थीl मैं जैसे बिन सोचे -जाने, उसका हाथ चूम रही थी और उसने सोचा कि बंदी को इंटरेस्ट हैl मैं रूम में चली गयी, बोल कर कि मुझे आराम करना हैl वो भी मेरे साथ आ गयीl उस समय तक मुझे कुछ पता नहीं चल पाया थाl फिर उसने मुझे किस कियाlमैं बिल्कुल चौंक गयी और उससे पूछा कि क्या माजरा है? उसने बताया कि काफी समय से उसका मुझ पर क्रश था और क्या यह बात मैं नहीं जानती थी?” मैंने जवाब ना में दियाl मैंने कहा कि यह केवल दूसरी बार है कि हम मिल रहे हैंl मुझे उसकी फीलिंग्स का कोई आईडिया नहीं था l उसके बाद हमने मेक आउट कियाl
उसे काफी एक्सपीरियंस थाl इसलिए मुझे काफी मज़ा आयाl थोड़ा धक्का भी लगा कि सारी ज़िन्दगी मैं इसे अवॉयड कर रही थी और अब मुझे बैठे बिठाए मिल गयाl कुछ ही मिनटों में मेरा ये कहना कि “हे भगवान! हे भगवान! नहीं!” ,“ओह! क्या मज़ा आ रहा हैl तो ठीक है फिर” में तब्दील हो गयाl
मेरी कोई फीमेल सेलब्रिटी क्रश नहीं थीl नाही मेरा किसी पर कोई क्रश था और ना ही मैं किसी लड़की को किस करने के बारे में सोचती थीl एक साल पहले मुझे मेरी प्रोजेक्ट में साथ काम करने वाली पसंद थी और हम लोग कॉफ़ी के लिए भी गए थे, बसl मैं बहुत ही बोरिंग लड़की हूँl लेकिन मुझे उम्मीद थी कि ऐसा किसी छुट्टी पर होगाl जो लड़की मुझे टिंडर पर मिलेगी, उसके साथ होगा, ये तो कभी न सोचा था l शायद किसी पहचान वाली के साथl अगर कोई दोस्त भी होती तो भी चलता थाl पर इसे तो मैं मुश्किल से जानती थीl और जब किस किया तो मैंने पी भी नहीं रखी थी l
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