८ मार्च अंतर्राष्ट्रीय औरतों का दिवस (International Women’s Day) है, और शायद आप भी अपने को इस मामले में थोड़ा थका हुआ पाएं l हम सभी को अक्सर यूं लगता है : इस दिन कई कंपनी और होटल और जेवर- कपडे की दुकानें कुछ यूं जोर शोर से स्पेशल ऑफर देती हैं कि ऐसे लगने लगता है कि ये दिन बस एक बाज़ारू मौका बन गया है इन सब के लिए l कि ये दिन जो कितनी ही औरतों के संघर्ष, या फिर स्त्रीवादी सोच और कल्पना के प्रतीक में ईजाद किया गया था, थोड़ा खोखला बन कर रह गया है l इन दिन के सही मायने को बरकरार रखने के लिए आप निजी कोशिश कर सकते हैं l स्त्रीवादी कल्पना के विभिन्न रूपों का जश्न मनाइये... याने नए तरीकों से सोचकर, दुनिया से नए किस्म के रिश्तों में जुड़कर, और नए तरीकों से इसपर भी सोचकर कि औरत होने के क्या माईने होते हैं, क्या हो सकते हैं l
इस महीने, एजेंट्स ऑफ़ इश्क़ आपको अलग अलग कहानियां प्रस्तुत करेगा, जिनसे पता चलेगा कि औरतें अपने अतीत और भविष्य के बारे में क्या सोच रही हैं.. अपने शरीर को लेकर, अपने कामुक और सेक्सुअल चाहतों के अनुसार अपनी चॉइस(choice) को लेकर, अपने लिए मुमकिन ज़िंदगी और चाहतों को लेकर l कुछ औरतों के लिए इसका मतलब रहा है अपने रिश्तोंको फिर से परखना: वो रिश्ते जो उन्होंने अपने प्रेमियों, या दोस्तों, या अपने आप या अपने शरीर के साथ बनाये हैं l कभी कभी इसका मतलब हो सकता है अपने धार्मिक विचारों को परखना l हो सकता है इसका मतलब हो, कि अपने लिए नए देवी और देव का खुद निर्माण करना! कभी कभी इसका ये मतलब भी हो सकता है कि अपनी इस सोच को विस्तृत करना कि औरत किस किस को कहते हैं. यानी नयी बिरादरी बनाना, नयी बिरादरी को स्वीकारना, ऐसी बिरादरी रचना जो औरों को साथ जुड़ने दे, जो लोगों को जोड़े l कभी कभी इसका मतलब हो सकता है कि इस बात के लिए लड़ना कि क़ानून और अधिकार यूं हों कि वो हर एक की आज़ादी और स्वालम्बन की इज़्ज़त करें l
इसके कई रूप हो सकते हैं : जैसे अपने बड़े होने पर कोई १७ वर्षीय क्या करने की कल्पना करती है.. या फिर ६० साल की महिला को कैसे अपने स्लेटी बाल प्यारे लगते हैं..
यानी आप तैयार हो जाइये, हमारे भड़कते दमकते मार्च के एजेंट्स से मुलाक़ात के लिए!
एक झरोंका, कि मार्च में क्या क्या दिखने वाला है
- हमारी सेक्स एट कॉमिक्स (Sex ett Comics) की एक नयी क़िस्त, जिसमें एक जवान मर्द हमें बताता है कि कैसे उसे अपने से बड़ी उम्र वाली औरत पसंद आती है l
- औरतें कामोन्माद ( ओर्गास्म- orgasm) हो जाने का ढोंग क्यों करती हैं? एक जवान औरत ये समझने की कोशिश करती है कि उसको अपने रिश्तों में ऐसा करने की ज़रुरत क्यों लगी l और कैसे उसने अपने इस बर्ताव को बदलने की कोशिश की l
- कलाकार और क्यूरेटर जयश्री अभिचंदानी बताती है कि वो कैसे ऐसी देवियाँ रचती हैं जिन्हें वो दुनिया में देखना
चाहती हैं l
- वीडियो की एक नई श्रृंखला जिनमें औरतें अपनी हसरतों के बारे में बात करती हैं देखना
- मीनोपॉज ( जब मासिक धर्म / पीरियड बंद जो जाता है) के बारे में एक कविता देखना
- एक स्पष्ट व्यक्तिगत कहानी ऐसी क्वीर स्त्री के बारे में, जिसे हम देखना-मिलना चाहेंगे l
तो एजेंट्स, आपको अंतराष्ट्रीय औरतों के दिवस की ढेर सारी बधाइयां l एक जाम औरत होने के उन भिन्न तरीकों के नाम l अभी के लिए हम आपसे विदा लेते हैं, एक मज़ेदार, तीखे महिलावादी गीत के साथ:
AOI में इस महीने: आप कैसी महिला होना चाहेंगी?
इस महीने हम औरत होने के कई मायनों के बारे में बात कर रहे हैं
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