एजेंट्स ऑफ इश्क में चारों तरफ प्यार ही प्यार है, प्यार की बात है, हर पल प्यार में ही बीतता है -- हम प्यार से प्यार करते हैं, उसपे पूरा विश्वास करते हैं और हम यह मानते हैं कि सिर्फ प्यार ही है, जो दुनिया बदल सकता है। हम प्यार को हर रोज़, हर पल, एक त्यौहार की तरह मनाते हैं, लेकिन फरवरी की बात तो और भी खास हो जाती है, क्योंकि फरवरी महीने के बीच में लिपटा आता है प्यार का दिन...यानी वैलेंटाइन डे ( Valentines day) ।और इस दिन की वजह से हम- सब, अपने - अपने प्यार को सब के साथ, एक साथ मनाते हैं।
तो इस महीने उन ढांचों की बात होती है जिनमें प्यार का बसेरा है, यानी के -- रिश्तों की बात ।
हम सभी चॉकलेट और फूलों के दीवाने हैं और दिल के शेप में बने हुए केक्स को भला कौन मना कर सकता है। पर क्या आपको नहीं लगता वैलेंटाइंस डे के इर्द-गिर्द जो प्यार की दुनिया बनाई गई है, उस दुनिया में वही घिसीपीटी लड़के - लड़कियों की प्यार की प्रेम-कहानियां ही ज़्यादा दिखती हैं ? आपको नहीं लगता कि प्यार को बस एक ही रूप में देखना
काफी बोरिंग है, और कि ये कुछ ज़्यादा ही किया जा रहा है? हम कैसे भूल सकते हैं कि वैलेंटाइंस डे प्यार का सेलिब्रेशन है । वही प्यार जिसे किसी भी बंधन में नहीं बांधा जा सकता, जिसे किसी भी सीमा में नहीं रखा जा सकता, जो अजीब भी हो सकता है ,अलग भी! और नया भी हो सकता है और मज़ेदार भी। यानी हर तरह से चौंकानेवाला !
तो इस महीने हम रिश्तों के बहुत पास जाकर उनपर बात करने वाले हैं के बहुत पास जाकर उनपर बात करने वाले हैं के बहुत पास जाकर उनपर बात करने वाले हैं । यह देखने वाले हैं कि इनके इतने भीतर तक होता क्या है ? और क्या है जो रिश्तों को रिश्ता बनाता है?
तो आखिर हमें पता कैसे चलता है कि कौन सा रिश्ता है जो अहमियत रखता है ? हम कौन से रिश्ते को गंभीर मानते हैं /सीरियस मानते हैं ? किस रिश्ते को हम ख़ास नहीं समझते हैं या हल्के में लेते हैं ? कौन से रिश्ते का हम सम्मान करते हैं ? और कौन से रिश्ते की हम परवाह नहीं करते ? और किस तरह से हम नए रिश्ते बनाने की तरफ आगे बढ़ते हैं - लेकिन, यहां पर सिर्फ उन रिश्तों की बात नहीं हो रही है जो सेक्सुअल हैं या रूमानी हैं, यहां पर पारिवारिक रिश्तों की भी बात हो रही है।
आख़िर हमें पता कैसे चलता है कि हम किससे ? कैसे ? कितना प्यार करते हैं ? आख़िर हम प्यार करते ही क्यों हैं ? ऐसा क्या है कि हम कटघरे में खड़े हो जाते हैं, और अगर जंग ही लड़नी पड़े तो उसके लिए भी तैयार हो जाते हैं। फिर चाहे इस जंग में हमारा घर- परिवार, हमारा समाज या फिर कानून ही हमारे खिलाफ क्यों ना हो जाए । इन सारे सवालों पर.. इन सारी बातों पर .. इन सवालों पर चर्चा करते हुए हमारे साथ होगी एजेंट्स ऑफ़ इश्क़ की ट्रेडमार्क बेहतरीन तसवीरें, इंटरव्यूज, रूह को तलाशते कई लेख, और कई मज़ेदार वीडियोस ।
एक और बात, आप हमें इंस्टाग्राम पर तो फॉलो कर रहे हैं ना ! अगर नहीं तो फटाफट कीजिए, क्योंकि पहला सप्ताह हमेशा की तरह सेक्स के नाम रहेगा।
और इससे जुड़े कई जरूरी फंडे आप इंस्टाग्राम स्टोरीज पर मिस नहीं करना चाहेंगे !
तो ज़रा देखते हैं, फरवरी में क्या - क्या होने वाला है, -
- आप प्यार में यकीन रखते हैं , रोमांस के लिए बाहें फैलाये रहते हैं लेकिन सेक्स के लिए नहीं ? और आपको असेक्सुअल कहलाना भी पसंद नहीं तब ?-- यह एक पर्सनल निबंध है ।
- कौन-कौन से संबंधों/रिश्तों को कानून ने हरी झंडी दिखा दी है --इस सर्वे को पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे।
- वैलेंटाइंस डे पर एक सरप्राइज, एक बहुत ही खास तोहफ़ा (अभी राज़ नहीं खोल सकते
- कलाकार अमृता पाटिल अलग-अलग तरह के रिश्तों के बारे में बात करेंगी, एक वीडियो में ।
- अलग-अलग तरह के रिश्तों/ संबंधों का एक ब्राह्मण ।
- एक निग़ाह, नए तरह के परिवारों का चुनाव ये भी कि लोग इन परिवारों को कैसे बनाने की कोशिश करते हैं ।