उस सड़क पर, जो इंदिरा नगर में है, अक्सर काम के बाद घर लौटने के लिए लेती हूँ, रति, फूल बेचने-वाली, बैठती है। वो अक्सर फुटपाथ पे बैठती है, चमेली को कुछ घंटे सुबह, कुछ घंटे शाम घागे में गूँथते हुए ।
जब मैं पहली बार उससे मिली थी, वो वैसी एक सुबह थी जब आसमान ने ओस का ज़ायक़ा लिया होता है। मैं उस के पास ही बने एक फुटपाथ पर बैठ अपने एक मित्र का इंतज़ार कर रही थी। वो अपने,रोज़ के एक ग्राहक, से बात कर रही थी और मैं उसके सामने फैले गेंदे और चमेली के फूलों को निहार रही थी।
“क्या इन्हें तुम के. आर. बाज़ार से लाई हो?”, मैंने हिंदी में पूछा।
“हाँ, के. आर. बाज़ार से। तुम वहाँ गयी हो ?,” उसने कन्नड़ में पूछा।
“मैं जाया करती थी, जब मैं कॉलेज में थी,” मैंने तेलगु में जवाब दिया।
“तुम तेलगु जानती हो,” उसने पूछा, एक मुस्कुराहट अपने चेहरे पर उकेरते हुए।”तुम कहाँ से हो? मैं पास के ही चित्तूर और उसने इतनी जल्दी- जल्दी बोलने शुरू कर दिया कि मैं कुछ समझ ही नहीं पायी। मैंने ,कुछ शर्मिदगी के साथ, उसे बताया कि मैं तेलगु में इतनी भी अच्छी नहीं हूँ, पर काश मैं होती।
“अरे! कोई बात नहीं,” उसने कहा, ‘तुम मुझसे बात करते-करते सीख सकती हो!”, तो हमने हिंदी और तेलगु की कुछ खिचड़ी सी बनाकर बात की, और मैंने उसे बताया कि मैं इंटर्न हुँ, यह बताते हुए मुझे बहुत शर्म आयी कि मैं बिना पैसे लिये काम कर रही हूँ, और कि मेरे माता-पिता मुझे हैदराबद से पैसे भेज रहे हैं, ताकी मैं बेंगलुरु रह सकूँ। वो दो दशक से बेंगलुरु में रह रही है । पहले वो लोगों के घरों में काम किया करती थी और अब फूल बेचती है।
वो उम्र के पचासवें दशक में थी, उसके बाल घुँघराले थे और उसके सिर में ऐसे खड़े दिखते थे जैसे कि उसने कोई मुकुट पहना हो, और जब वो बात करती थी उसके हाव-भाव एक कथकली नृत्यांगना के से होते थे, वो अपने सिर और आँखों को एक तरफ़ से दूसरी तरफ़ घुमाती - तो यूँ, मुझे किसी भी भाषा को जानने की ज़रूरत नहीं थी।
उसने मेरी बिछियाँ देखी और पूछा कि क्या मैं शादीशुदा हुँ। मैंने समझाया कि मैं इसलिए उसे पहनती हूँ क्योंकि वह जैसी दिखती है, मुझे पसंद है।,” उसकी तो त्योरियाँ ही चढ़ गयी,” वैसे, केवल शादी-शुदा औरतें ही पहनती हैं इसे। लेकिन तुम्हारी पायल बहुत अच्छी है।”, मैंने उसे बताया कि उसकी बिछियाँ भी अच्छी हैं- वे धुँधली हो चुकी चांदी की थीं , जिसके ऊपर लाल रंग के रत्न जड़े थे। मैंने जब उससे पूछा कि वो शादी-शुदा है, तब वो गंभीर हो गयी और उसने हाँ में जवाब दिया, लेकिन वो कई साल पहले भाग गया था ‘देखो’, उसने अपना दाँया बाज़ू दिखाया जिस पर एक छोटा सा नाम हरे रंग की स्याही से गुदा था,”लेकिन वो एक डरावना आदमी था ; एक दिन वो चला गया, और फिर मैंने उसे कभी नहीं देखा ।”
उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान आ गयी,”लेकिन एक दिन, मैं तुम्हें तुम्हारे चाचा जी से मिलवाउंगी।”
“वो कौन हैं,” मैंने पूछा।
उसने मुझसे उसके बाएं हाथ पर गुदे नाम को पढ़ने के लिए कहा। "वो, वहां पर खड़ा रहता था और मुझे देखता रहता था", उसने कहा, एक पेड़ की ओर इशारा करते हुए। "एक दिन, वह आया, मुझे अपना नंबर दिया, और मुझसे फोन करने के लिए कहा। लेकिन मैं भूल गयी," वह खिलखिला उठी "अगले दिन वह बहुत गुस्सा था! फिर उसने मेरा नंबर पूछा, और मुझे खाना ख़रीदकर दिया। तब से हम एक साथ हैं। "
"लेकिन, मुझे तुम्हें कुछ बताना चाहिए। पर तुम यह किसी को भी नहीं बताओगी," उसने कहा, फिर उसने आसपास देखा कि कहीं कोई सुन तो नहीं रह। "उसकी पत्नी और दो बच्चे हैं, इसलिए हम एक साथ नहीं रह सकते। लेकिन वह अपनी पत्नी से नफरत करता है, वह उसे उस से अच्छी तरह नहीं पेश आती।"
मेरा दोस्त बीच कहानी में ही आ गया और मुझे एक जल्दबाज़ी भारी अलविदा कहनी पड़ी। पूरा दिन मैं सोचती रही कि कितना आसान होगा, सिर्फ यह मान लेना कि वह आदमी उसका फायदा उठा रहा है- एक बूढ़ी अविवाहित महिला, जिसने अपने खुद के बूते पर एक बेटे को बड़ा किया है और अपने पैरों पर खड़ी रही है । लेकिन मैं इस कथाकार/कहानीकार के बारे में ऐसा नहीं सोच सकती थी। वह प्यार में थी; उसका नाम उसने अपने बाज़ू पर टैटू करवाया था। रात में उसे अपने घर में घुसने देना उसे मज़ेदार लगता था।
उसने मुझे अगले तीन महीने अपनी प्रेम कहानी के बारे में बताना जारी रखा। वह हमेशा मुझे प्यार करने के लिए कहती, लेकिन सावधान रहने के लिए भी। उसने मुझसे बताया था कि अगर कोई लड़का चलता हुआ मेरे बहुत करीब आ जाता है, तो वह दोस्ती से इतर इरादे रखता है, इसलिए मुझे उससे सावधान रहना चाहिए। कई सुबह, जब वह प्यार में रहने के उत्साह से भर जाती, तो मुझे मेरे बालों में लगाने के लिए फूल देती, और मुझे बताती किे प्यार कितना अद्भुत है।
उनका प्रेम प्रकरण अंततः खत्म हो गया। उसका दिल टूट गया था और वह गुस्से में थी, और मुझे नहीं पता कि क्या वे कभी फिर वापस एक हुए या उसका दिल इस ग़म से पार पा सका। लेकिन प्रेम में कुछ है, जिसने उसे जीवित कर दिया था, भले ही अंत दर्दनाक हुआ हो। उसे मुझे मेरे "चाचा" वाली कहानियों बताना बहुत पसंद था - वो हमेशा प्रेम के रोमांच के बारे में थीं, वोे चोरी-चोरी मिलने और देर रात उसेे बुलानेे के बारे में बताती थी। वह यह सब ऐसे बताती थी जैसे वह मंच पर खड़ी हो।
एक शाम, मैं मल्लेश्वरम की घुमावदार सड़कों के मध्य एक टैक्सी में थी। मैंने ड्राइवर से हिंदी में पूछा कि वह इससे पहले क्या करता था। उसने बताया कि वह सऊदी में एक चालक के रूप में काम करता था, जहाँ उसने अपने दोस्तों के साथ ज़्यादा कमाई की और उसे वहाँ रहना ज़्यादा प्रिय था । लेकिन उसे वापस आना पड़ा क्योंकि उसकी पत्नी और बच्चे चाहते थे कि वह घर पर ज़्यादा समय बिताए।
जब उसने शादी के बारे में पूछा, मैंने उससे कहा कि मैं बिल्कुल भी विवाह नहीं करना चाहती, और कि विवाह बहुत सारी ज़िम्मेदारियों का नाम है और ख़ुद को किसी दूसरे व्यक्ति के साथ बांधना है, बस। और मैं अपनी निजी जिंदगी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ इतनी साझा नहीं करना चाहती।
उसने रियरव्यू मिरर के ज़रियेे उसने मुझे देखते हुए कहा, "विवाह का मतलब इतनी ज़िम्मेदारियाँं है ..." वह पीछे हो गया और हम थोड़ी देर के लिए चुप हो गए। "क्या कभी तुम्हारा दिल टूटा है," उसने पूछा।
" वैसे नहीं," मैंने उसे बताया। “ मैं ख़ुश हूँ। मैं कभी किसी रिश्ते में नहीं रही हूँ; मुझे ऐसा करने का मन ही नहीं होता। "
"शायद, अभी नहीं," उसने कहा। "लेकिन आप बाद में अकेला महसूस करेंगी । शादी के विचार को पूरी तरह ख़ारिज मत करीये, ठीक है? क्योंकि आपको किसी और की भी ज़रूरत होती है और एक दिन आपको एक बच्चे की भी चाहत हो सकती है। "
मेरे दिमाग में कई दिनों तक उस की कही बातें घूमती रहीं। हो सकता है अकेले रहना उतना आसान नहीं जितना हम सोचतेे हैं। शायद यही कारण है कि हम में से कुछ को प्यार में, रिश्तों में आराम मिलता है। उस टैक्सी चालक ने बहुत कुछ खोया था, लेकिन केवल प्रेम कहानियाँ ही आपको उन के बारे में कुछ सिखाती हैं।
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एक बार, मैं कुक टाउन में एक खूबसूरत गोवा की महिला के घर में थी। वह एक तलाक-शुदा औरत थीं और उसका एक बच्चा भी था। एक अंग्रेजी कॉकर स्पैनियल, (कुत्तों की एक प्रजाति) जिसकी चमड़ी रोएँदार तथा सलेटी रंग की पट्टियां लिए थी, वो मेरी गोद में बैठा था, तब उसने मुझे बताया कि उसे एक पशु चिकित्सक से यह उपहार के रूप में मिला है; एक आदमी जो उसे बहुत प्यार करता था, लेकिन जिसका प्यार वह कभी उसे वापस नहीं कर सकी ।और एक बार फिर, टैक्सी चालक की कहानी की तरह, यह भी अकेलेपन की कहानी थी। मैं किसी रिश्ते में कभी नहीं रही, क्योंकि ज्यादातर समय, मैं अकेलेपन का आनंद उठाती हूँ। मैं समझ ही नहीं पाती हूँ कि केवल एक ही व्यक्ति प्यार का अभिप्राय कैसे बन सकता है, और इसीलिए मुझे लगता है कि मैं प्रेम कहानियों की तलाश में हूँ। मैं अजनबियों से प्रेम करती हूँ और जहाँ 'प्रेम कहानी' का हल्का सा भी ज़िक्र है, मैं वहाँ कूद पड़ती हूँ क्योंकि प्यार करना क्या है, मैं यह जानना चाहती हूँ ।
ऐसा नहीं है कि मैंने प्यार किया ही नहीं है। मैं अपने दोस्तों, मेरे कुत्ते और मेरे परिवार से इतना प्यार करती हूँ कि यही हमेशा संतोषजनक रहा है। मुझे वार्तालापों में प्यार मिल रहा है, और उस में, जो मैं दूसरे व्यक्ति के बारे में कभी-भी पूरी तरह से नहीं समझ सकती ।
नंदीदुर्ग रोड पर एक दिन एक वाहन चालक ने मुझे बताया कि वह विदेश में अंकों से जुड़ा कोई काम करता था। लेकिन वह वापस आया क्योंकि वह अपने माता-पिता को अपनी प्रेमिका से शादी करने के लिए मनाना चाहता था, जो एक उड़ान परिचर है।
मुझे उसे उसकी कहानी सुनाने के लिए, उसे हल्का सा इशारा भी नहीं करना पड़ा था। उसने मुझे बताया, "मुझे चीन में कुछ वर्षों के लिए प्रशिक्षित किया गया था।" "और मैं हर महीने एक ही उड़ान में हांगकांग से बैंगलोर की यात्रा करता था। हमने फोन नंबरों का आदान-प्रदान किया, और प्यार हो गया, मेरे माता पिता को यह पसंद नहीं कि वह काम के लिए इतनी तंग स्कर्ट पहनकर जाती है। वह कहती है कि वो अपनी नौकरी कभी-भी नहीं छोड़ेगी। मेरी मां ने उसे स्वीकार कर लिया है, पर मेरे पिताजी ने नहीं। "
मैंने उन्हें भाग जाने का सुझाव दिया, एक विचार जिसे जो उसे बहुत पसंद नहीं आया क्योंकि वह अपने माता-पिता (और कुछ भूमि जिसका वह उत्तराधिकारी है) को चाहता था । उसने मुझसे पूछा कि क्या मेरा कोई प्रेमी है । मैंने उससे कहा कि मुझे किसी के साथ होने की कोई इच्छा महसूस नहीं होती। उसने कहा, "लेकिन आपको प्यार करना चाहिए।"
जब उसने मुझे कब्बन पार्क में छोड़ दिया, मैंने उसे शुभकामनाएँ दी और उसने कहा, "मुझे लगता है कि दूसरे के साथ क्या हुआ है, हमें कभी पता नहीं चलेगा।" और हमने विदा ली।
उसके जाने के बाद, मैंने देखा कि अंत में वह कैसी 'गहरी बात’बोल गया, माना मैं उसकी बात पर हंस दी थी, लेकिन उसकी बात सच थी। हम दोनों अपने-अपने जीवन के साथ चलते रहेंगे, एक-दूसरे को भूल जायेंगे, और कभी यह नहीं जान पाएंगे कि किस के साथ क्या हुआ। और क्या, यह भी एक प्रेम कहानी नहीं है? शायद रोमांस की कहानी नहीं, लेकिन यह कहानियों का रोमांस ज़रुर है।
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एक बार मैं चर्च स्ट्रीट पर एक रोती हुई लड़की पर मेरी नज़र पड़ी । वैसे आमतौर पर मैं ऐसी परिस्थिती में किसी से बात करने में सकुचाती हूँ, पर वह इतना रो रही थी कि मुझ पर इस बात का इतना असर होने लगा कि मेरे अपने ही आँसू निकलनेे लगे। मैं उसके साथ बैठी थी, और उसने मुझसे कहा कि वह प्यार से नफरत करती है, उसे नफरत है उससे जो वह बन गई है। और प्यार "जान ले लेता है" लेकिन जैसे- जैसे हम बात करते गए, हमने खुद को हँसता हुआ पाया। मुझे इस लड़की के लिए जिसे मैं नहीं जानती थी, एक मजबूत स्नेह की लहर सी महसूस हुई और यह भी प्यार की ही तरह महसूस हो रहा था।
मैं आनंद करने के लिए इन प्रेम कहानियों की खोज करती हूँ। प्रेम से प्रेरित लोग कैसे हैं, और कैसे वे कभी-कभी प्रेम में विफल हो जाते हैं। हम कभी भी प्यार का सही वर्णन नहीं कर सकते हैं, लेकिन क्या हम कभी प्यार की बारीकियों को और प्यार करने की अपनी गहरी क्षमता को, कहानियों के बिना, समझ सकते हैं?
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मैं कब्बनपार्क में एक महिला से मिली, जो नियमित रूप से वहाँ आती थी। जब हमारी बात-चीत होने लगी, तो उसने मुझे (पान से भरे मुँह से) एक औरत के बारे में बताया जिसे उसने प्यार किया था। उसने इस महिला के लिए तमिल में ज़ोर-ज़ोर से गाने गाना शुरू कर दिया और उसकी सहेलियों के झुंड ने हंसना शुरू कर दिया ।
"आपका क्या है," उसने पूछा।
"मेरे कई प्रेमी हैं," मैंने मज़ाक किया।
लेकिन जब लोग मुझसे मेरी प्रेम कहानी के बारे में पूछते हैं, और जब मैं उन्हें बताती हुँ कि मेरा कोई प्रेमी नहीं है, तो वे, जो प्यार में हैं, बहुत निराश होते है।
मुझे लगता है कि मैं उन्हें बता सकती हूँ कि मैं प्यार में हूँ । मेरे पास उन्हें बताने के लिए अपनी खुद की एक प्रेम कहानी है, और यह बंगलूरु के साथ है। यह सड़क पर लैम्पों की रोशनी से बनती परछाइयों की नदी से है, मोल-भाव करवाते ऑटो ड्राइवरों से है, सुबह के आसमान, और पेड़ों से, जैसे वे खिलते हैं गुलाबी, पीले और बैंगनी रंगों में थोड़ी- बहुत देर के लिए, एक सादे हरे रंग की ओर लौटने से पहले। और यह प्यार है उनकी प्यार की कहानियों के कारण - जिससे मुझे आनंद मिलता है, क्योंकि प्रेम एक शब्दकोश से ज़्यादा कहानियों से परिभाषित होता है। और मेरी कहानी एक ऐसे शहर के साथ है जो मुझे वापिस प्यार करता है।
हालांकि मैंने अपने को, लंबे समय से, रिश्ते में ना होने को बहुत अजीब महसूस किया है। मैंने अजनबियों, दोस्तों, शिक्षकों, सहपाठियों सभी के लिए प्यार महसूस किया है। और एक समय था जब मैंने खुद को 21 साल की उम्र तक किसी से संबंध में रहने नहीं की अजीबयत से बचने के लिए, ख़ुद को किसी के बारे में सोचने के लिए मजबूर करने से भी परहेज़ नहीं किया । पर फिर से, प्यार मुझे अजीब तरीके से ढूंढ ही लेता है।
*नाम बदल कर
"आप नीली रोशनी में, सिगरेट पीते हुए अच्छे लग रहे हैं। मैंं आपकी एक तस्वीर बना दूँ। "
"प्लीज ऐसा कीजिए।एक बार एक लड़की ने सोचा कि मैं अच्छा लग रहा था, वह मुझसे प्यार करती थी, मैं उससे प्यार नहीं करता था। "
"क्या आपने कभी प्यार किया है?"
"इससे आपको कोई मतलब नहीं होना चाहिए।"
(कैप्शन: अनुराग बनर्जी द्वारा)
शिखा श्रीनिवास एक लेखिका और भावी फिल्म निर्देशिका हैं। हमेशा एक चौथाई जीवन संकट में फंसी हुई, जिस परिस्तिथि को वो मोदी के मेमेस या शिन चान की मदद से कुछ बेहतर कर सकती हैं। अनुराग बनर्जी बॉम्बे में स्थित एक स्वतंत्र फोटोग्राफर हैं। वह वर्तमान में अपनी पहली फोटोबुक 'लव इन बॉम्बे' पर काम कर रहे हैं।