कुछ प्राचीन इश्क़ के एजेंट अपना अधिक समय सेक्स के ख़यालों में बीताते थे | उन्हीं में से एक थे पुरुर्वास ,एक राजनीतिज्ञ| 'आकर्षित करना', उन्होंने एक कला के रूप में सीखी थी| वह एक मात्र नश्वर पुरुष रहे हैं, जिन्होंने उर्वशी नामक अप्सरा को आकर्षित किया| पुरुर्वास को “मनसिज सूत्रम” का श्रेय जाता है, जिसमें कि अच्छा सेक्स कैसे करें और औरत को कैसे सुख दें, इनपर विशेष सूत्र लिखे गये हैं |
संध्या मूलचंदानी का, अपनी पुस्तक “द फाइव ऐरोज़ ऑफ़ काम-द आर्ट ऑफ़ लव,सेक्स एंड डिजायर” में यह कहना है कि- “ यह सूक्तियाँ कामसूत्र के समान अवस्था और फोरप्ले (संभोग का आरंभिक खेल) पर बात नहीं करतीं | यह आधुनिक समय की किन्से रिपोर्ट की तरह हैं , यह हर पहलू पर चर्चा करती हैं: यौवन का आगमन, दो कामोत्तेजनाओं के बीच के सही मध्यान्तर, और ज़ी स्पॉट(सरदागर्दी)|”
तो लीजिये यहाँ कुछ नमूने दिए गए हैं, जो यह बताते हैं कि मौसम दर मौसम कैसे सेक्स किया जाए |
पुरुर्वास का काम पंचांग
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