पहले तो आनंद लूप पर गाने और संगीत सुनता है, फिर उनके नाम भूल जाता है और जब सेव नही कर पाता तो रोता है। वो मरने से पहले एक बुद्धिमान और देखभाल करने वाला व्यक्ति बनने की इच्छा रखता हैं।
बिना प्यार की शादी - क्या यह एक रिश्ता है या जिम्मेदारी
आनंद यादव की कविता
लेख – आनंद यादव
चित्रण – नूर शर्मा
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