सिर्फ लिखित देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये। दीपली तनेजा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बाल विकास में स्नातकोत्तर की डिग्री उपलब्ध की है। वह तीन कुत्तों और एक युवा की दादी हैं। उनकी लघु कहानियाँ द टाइम्स ऑफइंडिया कोची के ओणम स्पेशल सप्लीमेंट, कोची में (नब्बे के दशक में) प्रकाशित की गई थी। और अगस्त २००७ से वह दीपालितनेजा.ब्लॉगस्पॉट.कॉम पे ब्लॉगिंग कर रही हैं।
एक रोमहर की डायरी से, रोम-रोम की कुछ गंभीर कहानियाँ
शरीर के बाल हमें इतना परेशान क्यों करते हैं?
लिखित - दीपाली तनेजा
अनुवाद - नेहा झा
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