जब ये हुआ, पोर्न वीडियो से तब तक मेरा सामना नहीं हुआ था। शायद इसलिए मेरा एक मोटी लड़की होना मेरी कल्पना के आड़े नहीं आया। जिन औरतों के बारे में मैं पढ़ती, मेरी कल्पना में उनकी बॉडी मेरे जैसे होती।
मैं जब बारह साल की थी, तीन चीज़ों से ये साफ़ पता चल सकता है कि मैं कौन और कैसी थी: पहली बात, मैं एक बेसब्र सी बच्ची थी जिसे पढ़ने से नफरत थी, दूसरी, मुझे बड़े-बड़े शब्दों का मतलब नहीं पता था और तीसरी, मुझे शरीर को लेकर काफी उत्सुकता थी। मैं यह तो नहीं कह सकती कि आने वाले सालों में दूसरी और तीसरी बातें मेरे लिए कुछ ख़ास बदली, लेकिन मैं थोड़ा-थोड़ा पढ़ने ज़रूर लगी। ये कैसे हुआ, पढ़िए।
उन दिनों गर्मी की छुट्टियां सूरज ढलने तक पड़ोस के बच्चों के साथ खेलने में और उन किताबों को पढ़ने में बीत जाती थीं जिन्हें हम पुस्तक मेले से खरीदते थे। हमारे स्कूल के कैलेंडर में ये एक सबसे दिलचस्प हफ्ता होता था, जब ये मेले वहाँ लगते थे। मुझे बिल्डिंग के अपने दोस्तों को थैंक यू करना चाहिए, उनकी वजह से मुझे पढ़ने की आदत लगी। वो सब स्कूल के पुस्तक मेले से खरीदी गई किताबों पर घंटो चर्चा करते थे और इस तरह, मेरे अंदर पनप रहे FOMO (Fear of Missing Out- अकेले रह जाने का डर) ने ही मुझे पढ़ने की आदत डालने के लिए मजबूर किया। मेरे बड़े भाई का कमरा एक छोटी- मोटी लाइब्रेरी से कम ना था। मुझे लगता था कि मैं वहां अपनी पसंद की सभी किताबें ढूँढ लूंगी। मैं ये भूल गयी थी कि वो मुझे से पांच साल बड़ा था और बच्चों के लिए लिखी गयी किताबें, जैसे एनीड ब्लीटनस (Enid Blytons) और आर.एल. स्टाइनस. (RL Stines) उसके किताबखाने में नहीं मिलेंगी।
मेरे पास पढ़ने की आदत डालने के लिए दुनिया भर का समय था, क्योंकि गर्मियों में मैं ज्यादातर अपना टाइम खुद के साथ ही बिताती थी। मेरे माता-पिता दोनों काम करते थे, मेरे भाई अपनी जवानी का मज़ा लेने के चक्कर में घर से बाहर ही रहता था, और मेरी दादी आमतौर पर घंटों अपने कमरे में ही बंद रहा करती थीं। एक करकराती दोपहर, मैंने अपने भाई के कमरे से कोई किताब लाने की ठानी। मैंने लेटर्स टू द पेंटहाउस XIII (Letters to the Penthouse XIII- पेंटहाउस मैगज़ीन ख़ास पुरुषों के लिए छपती है जिसमें मॉडल्स की पोर्न तसवीरें होती हैं) नाम की एक मेंहदी रंग के कवर वाली किताब उठायी, ये सोचकर कि यह अच्छी शुरूवात होगी, क्यूंकि उसके नाम में की 'लेटर्स' था और आमतौर पर लेटर्स यानी चिट्ठियां
छोटी होती हैं ना!
पहले चैप्टर का टाइटल था, 'कोई देख रहा है (Someone is watching)'। ये टाइटल प्रेम पत्र का तो नहीं लग रहा था। मैं पढ़ती गई, उलझन में डूबी, और फिर मैं एक ऐसे पैराग्राफ पे पहुचीं जिसने ये साफ किया कि जो किताब मैंने उठायी थी वो यकीनन रोमांटिक प्यार के बारे में नहीं थी:
"मैंने कुछ बिज़नेस कार्ड बनाये, जो मुझे एक ताकने वाले दर्शक (voyeur) की पहचान देते थे, और स्थानीय पोर्न वीडियो स्टोर को उन्हें प्रदर्शित करने के लिए कहा। ऐसा करने के लगभग एक हफ्ते बाद मुझे पहला कॉल आया। एक जोड़े ने कहा कि एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध बनाते समय वो चाहते थे कि कोई तीसरा उन्हें देखे।"
पॉर्न। मेकिंग लव (शारीरिक संबंध)। ताकने वाला कोई- दृश्यरक्षक (voyeur)। मैं उन शब्दों को समझने के लिए बार-बार उन्हें पढ़ रही थी। मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि 'मेक लव' का मतलब क्या था, क्योंकि प्यार को बनाया नहीं जा सकता था; केवल महसूस किया जा सकता था, है ना? मैंने अपने भाई की मेज पर रखा शब्दकोष उठाकर 'दृश्यरक्षक (voyeur) शब्द का मतलब देखा।
"एक ऐसा व्यक्ति जिसे दूसरों को नग्न देखने या सेक्स सम्बन्धी कुछ करते देखने से सेक्सुअल सुख प्राप्त होता है।"
बड़े होते समय, टी.वी. शो और फिल्मों में जब हीरो धीरे-धीरे हीरोइन को बिस्तर पर लेटाता था, या धीरे से हीरोइन की बांह पे चुंबन करता था, जब वो ऐसे चेहरे बनाती थी जिसमें खुशी भी होती थी और परेशानी भी, तो मेरे अंदर कुछ फड़फड़ाने लगता था। हीरोइन ऐसी शक्लें क्यूं बनाती थी? हीरो और हीरोइन एक साथ क्यों नहाया करते थे? उनका एक दूसरे को गले लगाना कुछ अलग सी छुअन के बारे में क्यों लगता था? और सबसे ज़रूरी बात ये, कि मेरे माता-पिता इस तरह का सीन आने पर हमेशा चैनल बदलने पर क्यों जोर देते थे? मेरा उन दृश्यों के प्रति आकर्षण बढ़ता गया। शरीरों का एक दूसरे को 'उस तरह' से छूना, इसमें कुछ तो था जिसे मुझे बार-बार देखने का मन करता था।यौन आनंद! अपने भाई के कमरे में पढ़े ये शब्द मेरी जिज्ञासा बढ़ाते रहे। हाँ, उस शब्द का मतलब मुझे तब तक ठीक से समझ नहीं आया था। मैंने उस किताब के अगले दो पेज पढ़े, उसमें एक कहानी थी, जिसमें दो लोग, एक आदमी और एक सुनहरे बालों वाली औरत, के बारे में बड़े डिटेल में कुछ लिखा था। ये पुरुष और महिला कुछ ऐसा कर रहे थे, जिससे मेरे अंदर कुलबुलाहट हो रही थी। और फिर मैंने पढ़ा कि कोई तीसरा उन दोनों को ये सब करते देख रहा था! मुझे याद है कि जब मैंने ये पढ़ा तो मैं काफी उत्तेजित भी हुई और परेशान भी। मुझे याद आया कि मैं कैसे 'उन' चैनलों पर वापस जाती थी, और उम्मीद करती थी कि मुझे आदमी और औरत को एक दूसरे को छूते हुए देखने का मौका मिलेगा। मुझे लगा कि शायद मुझे भी फिर खुद को वही बुलाना चाहिए - एक दृश्यरतिक (voyeur)। मुझे याद नहीं है कि मैंने पूरे वाक्य पढ़े हों, क्योंकि मैं जल्दी में थी (आगे पढ़ना चाहती थी क्यूंकि उन शब्दों को पढ़ कर मेरे बदन में कुछ अहसास हो रहा था), ... कहानी पढ़ने के दौरान मेरी कल्पनाएं जैसे अलग ही उड़ान भरने लगती थीं।
... हम तीनों उत्तेजित हो रहे थे...किस (kiss) लंबे और अधिक जोशीले हो गए थे ... माइक नीना के ऊपर अपना शिश्न (penis) रगड़ रहा था, हम तीनों बेडरूम में गए ...पढ़ते-पढ़ते मैं तड़पने लगी। कहानी उस आदमी के साथ बढ़ती गई जो ना ही केवल ये हरकतें देख रहा था, बल्कि गोरी औरत के कहने पर उनमें शामिल भी हो गया।
नीना का हाथ उसके भग-शिश्न (clit- औरत की जनेन्द्रियों का वो हिस्सा जो बहुत सेंसिटिव होता है, जिससे अक्सर सेक्स के दौरान उसे सबसे ज़्यादा आनंद मिलता है. मटर के दाने सा ये क्लाइटोरिस/ भगशिश्न योनि मुख के ऊपर पाया जाता है) पे पहुंचा और वो उसे हल्के-हल्के रगड़ने लगी।
मुझे अध्खुली आंखों से देख, उत्तेजना के साथ आहें भरते हुए वो बोली, "मुझे छुओ! मेरा भग-शिश्न रगड़ो!"
मैंने अपना हाथ उसकी भीतरी जांघ पर रखा और धीरे-धीरे उसके उत्तेजित भग-शिश्न तक ले गया।
'कॉक' (cock) और 'पुसी' (pussy) जैसे शब्द मुझे समझ में नहीं आ रहे थे, भले ही उन शब्दों को शरीर के हिस्सों के साथ जोड़ना इतना मुश्किल भी नहीं था, खासकर जिस तरह से वे वाक्यों में इस्तेमाल किए जा रहे थे। लेकिन 'भग-शिश्न (clit) ने मुझे काफी उलझन में डाला। क्या 'भग-शिश्न (clit) और 'पुसी (pussy)' का मतलब एक ही था? वह इन शब्दों का इस्तेमाल तभी करता था जब गोरी महिला के बारे में बात करता था, तो क्या दोनों का मतलब एक ही था? मैं आगे पढ़ती चली गई।
"आई एम कमिंग" (I am cumming) वह जोर से चिल्लाई। "आई एम कमिंग!" उसका शरीर कड़ा हो गया और उसका निचला हिस्सा आगी की ओर झूल सा गयाथा।
वो कमिंग बोल रही थी, लेकिन वो कहाँ आ रही थी, जबकि वो तो पहले से ही वहीं थी? मुझे ये तो नहीं पता चला कि इससे कहानी का अंत क्यों किया गया, लेकिन मुझे ये जरूर समझ में आया कि इसका कनेक्शन उसके अंदर होती उथल पुथल वाली फीलिंग से था। जब मैंने वो चैप्टर खत्म किया, मेरे मन में उथल पुथल थी। मैं उसे पढ़ते समय छटपटा रही थी- और ये छटपटाहट टी.वी. पर 'उन' दृश्यों को चुपके से देखने से हंड्रेड परसेंट ज़्यादा थी। मैंने इस कंपकपी के बारे में सोचा, लेकिन मुझे ये पता था की किसी और से इसके बारे में पूछने में कोई फायदा नहीं। तो, अगले कुछ हफ्ते, मैं हर दोपहर अपने भाई के कमरे में जाती थी, एक चैप्टर पढ़ती थी, और फिर किताब को उसकी जगह पे वापस डाल देती थी। हर कहानी से मुझे एक नई तरह की फीलिंग का आभास हो रहा था - कहानी के प्लाट में ये विशेषता थी की उसमें हमेशा ‘एक आदमी और औरत एक दूसरे के साथ कुछ कर रहे थे,’ से ज्यादा ही कुछ हुआ करता था।
मुझे पहले सब कुछ समझ में नहीं आता था, लेकिन थोड़ा बड़े होने के बारे में सबसे अच्छी बात ये थी कि उन शब्दों, वर्णनों और कहानियों का मतलब अपने आप साफ होता गया। मैं ऐसी दुनिया में घुस चुकी थी, जहां 'प्यार करना' और 'संभोग करना' दोनों समान से थे; दोनों लाजमी और रोमांचक थे। ये दुनिया तीन लोगों के बीच के संबंध (threesome), दर्शनरति (voyeurism), बी.डी.एस.एम. (BDSM), और उन सभी चीजों से भरी थी जिन्हें 'सामान्य' होने का दर्जा नहीं दिया जाता था। मेरे 12 वर्षीय दिमाग में तो 'नार्मल’ शब्द का कोइ एक मतलब था ही नहीं। हाँ क्योंकि तब ये सब एक किताब में था; इसलिए नार्मल था। मेरी कल्पना को शैतानी की पूरी आजादी थी, और क्योंकि उस किताब में किरदार की बॉडी का साफ विवरण नहीं था, इसलिए मैं आराम से उन महिला पात्रों के शरीर की कल्पना अपने शरीर जैसा कर रही थी। वे जो कुछ भी कर रही थीं, मुझे विश्वास था कि मैं भी वो कर सकती थी। एक मोटी लड़की होने के कारण, यह माना जाता है कि मेरा शरीर सीमित होगा। लेकिन ऐसा शायद ही कभी हुआ है, जब मुझे लगा हो कि मेरा शरीर खुशी देने और लेने के मामले में असमर्थ है।
हालांकि मैं "लेटर्स टू द पेंटहाउस XIII" पढ़ने के बाद कभी कामुक लिटरेचर की खोज में नहीं गई, फिर भी जब "द फिफ्टी शेड्स ऑफ ग्रे (The fifty shades of Grey)" ने मुझे उत्सुक किया, तो मैंने उस श्रृंखला की तीनों किताबें पढ़ डालीं। मैं उस समय कॉलेज के पहले साल में थी, और इस बात को समझने लगी थी (खासकर क्यूंकि बड़े होते हुए मैंने लोगों के कितने ही ऐसे कमैंट्स सुने थे) कि मेरा शरीर 'सही टाइप' का नहीं था। तो भले ही मैंने उन किताबों को पढ़ने का और खुद को ऐसी सिचुएशन में इमैजिन करने का आनंद लिया था, पर उस ही खुलेपन के साथ ऐसा कुछ कर नहीं पाई थी । हालांकि मेरे शरीर को मैंने कभी मेरी कामुकता दिखाने के रास्ते में नहीं आने दिया। कई साल और कई तरह के संबंधों के बाद, सेक्स आज भी जिज्ञासा जगाता है। ये शायद इसलिए है कि मैं हर तरह की बॉडी से मुघ्द होती हूँ और इससे भी कि हर बॉडी आनंद लेने और देने के काबिल होती है । या फिर शायद इसकी वजह वो गर्मी की एक दोपहर है जब मैं बारह साल की थी और उस एक किताब को पढ़ रही थी।
मैंने जो भी कहानियां पढ़ीं, उनमें लंबे और उत्तेजक हिस्से वो थे, जहां महिला किरदार के आनंद का वर्णन था। अक्सर जीभ और प्रवेश (penetration) दोनों के माध्यम से, और 'भग-शिश्न' (clit) तो हर बार शो का मेन स्टार हुआ करता था। इस सारांश के साथ ही मेरा पोर्न साहित्य से परिचय हुआ था। इसलिए मैं सेक्स और आनंद की दुनिया में इस समझ के साथ ही घुसी कि अच्छा सेक्स वही है जिसमें औरत और आदमी के बीच समान रूप से आनंद का लेन देन हो। तेरह साल की उम्र में मेरा परिचय पोर्न वीडियो से हुआ- और उसके बाद कई साल, मैं उन वीडियो को ढूँढती रही, जिनमें पुरुषों द्वारा महिलाओं को आनंद दिया जा रहा हो। मुझे लगता था कि पुरुषों का महिलाओं के नीचे के हिस्से में जाना, एक तरह की सनक (fetish) होगी, क्योंकि इस तरह का पोर्न वीडियो मिलना बड़ा मुश्किल था! पर इस मामले में मैं खुद लकी रही हूँ। मैं उन मर्दों के साथ रही हूँ जिन्होंने न केवल सेक्स को वैसे ही समझा जैसे मैं समझती हूँ, बल्कि हमेशा ज्यादा से ज्यादा खुश करने का प्रयास भी किया। तो मैं ऐसा कह सकती हूँ कि मेरा उसे ठीक से समझने से पहले ही नारीवाद (feminism) मेरे जीवन में प्रवेश कर चुका था! (दो मुंहे शब्द का मतलब गलत ना समझें)।
पिछले कुछ सालों में, मैंने अपने भाई की अब और भी बड़ी हो गयी लाइब्रेरी में उस किताब को फिर से ढूंढने की कोशिश की, लेकिन ढूंढ नहीं पाई। हाल ही में मैंने इसे ऑनलाइन खोजा, और कुछ सेकंड के भीतर ही उसका पीडीएफ (pdf) मिल गया। इंटरनेट का शुक्रिया। है ना?
12 साल की उम्र में उत्तेजक सनसनाते लेख और किताबें पढ़ने से मैंने क्या सीखा!
मैंने Letters to the Penthouse XIII) नाम की एक मेंहदी रंग के कवर वाली किताब उठायी, ये सोचकर कि यह अच्छी शुरूवात होगी, क्यूंकि उसके नाम में की 'लेटर्स' था
लेखन : के.आर
चित्रण : मैत्री डोरे
Score:
0/
Related posts
How To Smell And Taste Good Down There
Partner going down on your buffet? Tips for a yummy garnish!…
हम बस दुखड़ा रोने को तैयार ही थे कि हमने हॉकी स्टिक लिए एक छोटी लड़की को देखा।
एक मूवी के किरदार से अ…
मैंने खुशी-खुशी अपना दिल उनको दिया, लेकिन उनको चाहिए थे बच्चे और एक देसी बहू
स्थायी बीमारी में डेटि…
दुनिया की ऐसी जगहें जहाँ पब्लिक में सेक्स करना क़ानूनन जायज़ है ।
आज है #WorldTorismDay! जाने दुनिय…
If Life is Box Full of Chocolate Boys!
#HappyChocolateDay to the men who smile, are vulnerable, and…
What is Fellatio? The AOI Sex Glossary
Is it ice-cream ka flavour, like pistachio? Well, it does ha…
Sorry Thank You Tata Bye Bye - A Music Video About Age of Marriage In Collaboration With Oxfam India
Ammuma’s Haircut and Her Romantic Past
If Ammuma's hair was one to divulge, what would it reveal ab…
It Was ‘Twilight’. I Woke Up Bisexual.
How one can stumble upon one's (bi)sexuality with the help o…
To All the Boys I Couldn't Love Before
What fleeting connections with many interesting men tell you…
Tell Me Tarot, Will He Ever Come Back?
After Manjari is ghosted, all search for closure leads to he…