लोगों की सेक्स की समस्या : एक गायनेकोलॉजिस्ट की डायरी
वह हमें बताते हैं कि उन्होंने अपने काम के दौरान अंतरंग जीवन के बारे में क्या सीखा।
रामनाथ भुयान , एक 33 वर्षीय स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। वह गुवाहाटी से 60 किलोमीटर दूर एक शहर में रहते हैं। वे तीन साल से मातृत्व अस्पताल में काम कर रहे हैं। इससे पहले वे दिल्ली और बॉम्बे जैसे शहरों में काम कर चुके हैं (जहाँ, उनके अनुसार, गिने चुने लोग ही पुरुष स्त्रीरोग- विशेषज्ञों के पास जाते हैं)। उन्होंने शोलापुर के ग्रामीण क्षेत्रों में भी काम किया है।
शोलापुर में कठिनाई यह थी कि वहाँ सभी मरीज़ अपनी छोटी सी समस्याओं के लिए भी अपने गर्भाशय को निकालना चाहती थीं। जब वह अपने घर में काम करने के लिए लौटे, तब उन्हें नई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उनके समक्ष बड़े पैमाने पर जनन अक्षमता-इनफर्टिलिटी- के मामले आते थे नतीजा था कि उन्हें अपने मरीजों से सेक्स के बारे में पूछना अनिवार्य लगता था।
वह हमें बताते हैं कि उन्होंने अपने काम के दौरान अंतरंग जीवन के बारे में क्या सीखा।
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एक बार एक महिला मेरे पास आई और कहा कि वह अपने पति के साथ यौन संबंध बनाते समय ऊपर की तरफ रहना पसंद करती हैं । लेकिन वह चिंतित थीं। क्या शीर्ष पर रहने से उन्हें गर्भवती होने में कठिनाई होगी? वह सुनिश्चित नहीं थीं कि वीर्य उसके अंदर जा रहा था या नहीं। क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि अंदर जाने की बजाय अधिक वीर्य बाहर आ रहा था। आपको आश्चर्य होगा कि ये बहुत ही आम सवाल है। असल में जितने वीर्य का अंदर जाना ज़रूरी होता है, वह पहले से ही अंदर जा चुका होता है।
गुवाहाटी से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर बसे शहर में एक स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम करना शहर में काम करने से बहुत ही अलग है। मैं यहां तीन साल से अपने पिता के अस्पताल में काम कर रहा हूँ। मैंने मणिपाल से मेडिसिन का कोर्स किया था, फिर अपने घर गुवाहाटी आ गया जहाँ एक साल मैं गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में था, दिल्ली और मुंबई जाने से पहले। इस प्रकार मैंने शहरों में काफी काम किया है, हाँ, बीच में मैं शोलापुर में एक ग्रामीण सेट अप में भी था ।
शहर में, महिलाओं ने मुझे सेक्स तकनीक के बारे में कभी नहीं पूछा। एक गर्भवती महिला, या एक जवान औरत जिसे समयावधि में कोई समस्या है, वह आपको अपने यौन जीवन के बारे में नहीं बताने वाली हैं। शायद, उन्होंने उन मामलों पर अपना होमवर्क कर लिया है, क्योंकि उनके पास इस तरह की जानकारी पाने के कई आसान तरीके हैं। इसके बजाय, उन्हें विशिष्ट समस्यांए- जैसे संक्रमण, एसटीडी या गर्भनिरोधक के बारे में पूछना होता था, और कभी-कभी गर्भ निरोधकों के कारण वज़न बढ़ने के बारे में भी।
मातृत्व अस्पताल में, मैं ज़्यादातर 18 से 24 वर्ष की आयु के एक बहुत व्यापक श्रेणी के लोगों का इलाज करता हूं। और यहां आने के बाद, मैं जनन अक्षमता के मामलों में काफी हद तक काम कर रहा हूँ। मुझे मजबूरन अपने मरीज़ों से उनके यौन जीवन के बारे में विशिष्ट प्रश्न पूछने पड़ते हैं; कुछ ऐसे निजी प्रश्न जिन्हें आम तौर पर नहीं पूछा जाता है।
ऐसा मेरे साथ शहर में कभी नहीं हुआ? कोई भी बच्चे ना होने की परेशानी लेकर मेरे पास नहीं आया। और फिर जिनसे बार बार सवाल करने पर ये पता चलता कि उन लोगों के बीच कभी सेक्स हुआ ही नहीं है।
छोटे शहर में, ज्यादातर पति और पत्नी, दोनों मुझसे बात करने आते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि वे पैदावारी में सक्षम नहीं हैं, शायद अनुर्वर हैं ।
हाँ, मैं जान कर- 'उन्हें यूँ लगता था"-इन शब्दों का इस्तेमाल कर रहा हूँ, क्योंकि परीक्षण करने के बाद हम अक्सर पाते थे कि वास्तव में ऐसी कोई बात नहीं है। ऐसी स्थिति में उनसे बड़ी विनम्रता के साथ ये पूछने की आवश्यकता होती थी कि क्या उनको संभोग में कोई समस्या हो रही है। फिर कुछ संगीन मामले भी आते हैं, जहाँ पत्नी सिर्फ 16 वर्ष की है, और हमें यह कहना पड़ता है कि शायद वह अभी बच्चे जनने के लिए बहुत छोटी है ।
एक बार, एक दंपति मेरे पास आया क्योंकि उनके बच्चे नहीं थे, लेकिन परिक्षण से ये पता चला कि उनमें से कोई भी जनन अक्षम नहीं था। इसलिए मैं उनसे सेक्स के बारे में पूछता रहा, तब तक, जब तक कि यह स्पष्ट नहीं हुआ कि वे केवल गुदा सेक्स कर रहे थे। एक बार एक ऐसे दंपति आये जिन्होंने कहा कि पति की कामेच्छा कम हो चुकी है। लेकिन वास्तव में, पति अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध रखने में विशेष रूप से दिलचस्पी नहीं ले रहा था क्योंकि वह पोर्न वीडियोस देखना ज्यादा पसंद करता था। इन सभी मामलों में कॉन्सेल्लिंग की आवश्यकता थी।
एक बात जो ग्रामीण और शहरी, दोनों प्रान्तों में जनन अक्षमता के मामलों में आम है - वह है पुरुषों का किसी भी परीक्षण से इनकार करना। वेे मानते हैं कि यह सब कमियाँ महिलाओं में ही होती हैं। मैं एक ऐसे व्यक्ति को जानता हूं जो अपनी पत्नी को तलाक देने के लिए तैयार था क्योंकि उनके बच्चे नहीं हो पा रहे थे, लेकिन तब भी वो खुद किसी भी प्रकार के परिक्षण के लिए तैयार नहीं था। और इधर छोटे शहर
में, कई बार पॉली सिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से भी महिलाओं में बांझपन के लक्षण दिखाई पड़ते हैं। लेकिन उनके पति उपचार पर खर्च नहीं करना चाहते हैं और इसलिए दूसरी औरतों से संबंध बनाने लगते हैं।
ज्ञान की कमी ही हमेशा समस्या का कारण नहीं होती है। कई मामलों में मैंने देखा है कि जब किसी जोड़ी का मानना होता है कि वे कम कामेच्छा या जनन अक्षमता का सामना कर रहे हैं, बात कुछ और ही होती है। जैसे कि कभी-कभी वे भावनाओं या अंतरंगता के बिना ही मैकेनिकल सेक्स कर रहे होते हैं, जिसमें कोई भी भाव नहीं होता क्योंकि वे एक-दूसरे को अच्छे से जानते ही नहीं हैं। इन मामलों में तथ्य यह होता है कि वे एक दूसरे के शरीर से अनजान होते हैं। यही कारण है कि स्त्रियों को संभोग के बाद घाव और रक्तस्राव का सामना करना पड़ता है; महिलायेंं पर्याप्त तरल अवस्था में नहीं होती हैं, ना ही उन्हें पर्याप्त रूप से उत्तेजित किया जाता है, लेकिन पति अपने लिंग को अंदर ले जाने की कोशिश करते हैं। खासकर जब वे नवविवाहित हों।
जब हम इस तरह के मामले देखते हैं तो हम काफी सलाह मशरफ़ा करते हैं, परामर्श देते हैं। हम उन युगल को बताते हैं कि उन्हें एक-दूसरे से बात करनी चाहिए। क्योंकि उनके बीच बहुत कम बातचीत हो पाती है। आदमी सुबह काम करने के लिए निकल जाता है, और जब वो रात को बिस्तर में जाता है तो शिकायत करता है कि उनकी पत्नी को कोई दिलचस्पी नहीं है। जबकि पत्नी पूरे दिन घर की सफाई करने, खाना पकाने, बच्चों की देखभाल करने और कपड़े धोने के बाद पूरी तरह से थकी होती है।
कभी-कभी, जब पत्नी पहल करके पति के पास जाती है, तो उसे लगता है कि पति दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। लेकिन वो अपने पति को ये बात कह भी नहीं पाती है।
दरअसल, जब महिलाएं अकेले आती हैं, मैं उनसे बहुत सारे अन्य तरह के प्रश्न सुनता हूं। (कभी-कभी, यदि वे अपने पतियों के साथ आतीं हैं, तो इंतजार करतीं हैं कि परीक्षा के दौरान कब वह मेरे साथ अकेली हों, मुझसे वो सवाल पूछने के लिए, जिनके जवाब ढूँढते हुए वो वास्तव में इधर आई हैं )। महिलाओं की सबसे आम शिकायत, जो वह अपने पति से नहीं कह पाती हैं, एक पुरानी समस्या है - कि वह हमेशा ‘ पहले ही खत्म कर लेता है’। वह इस समस्या को ऐसे वाक्यांश में प्रस्तुत करतीं हैं, लेकिन इसका वास्तव में मतलब यह होता है कि वह उन्माद तक नहीं पहुँच पातीं हैं। और पति यह सुनिश्चित करने में बिल्कुल रूचि नहीं रखता है कि उन्हें भी उन्माद का सुख प्राप्त हो। यह समस्या, जैसा कि आप सोच सकते हैं, शहरों में भी आम है।
और कभी-कभी, महिलाएं चिकित्सक के पास अकेले तब भी आती हैं जब वो विवाह के पूर्व सेक्स कर रही होतीं हैं। ये महिलाएं इसलिए आती हैं क्योंकि उन्हें गर्भनिरोधक की आवश्यकता होती है, और वे खुद दवाई की दुकान जाकर उसे नहीं खरीद सकतीं हैं, क्योंकि हर कोई उन्हें अजीब नज़र से देखेगा। मेरे पास एक संगीन मामला आया था जिसमें एक महिला जिसने पूर्व-वैवाहिक सेक्स किया था, वह एक एक्टोपिक गर्भावस्था (जहां गर्भाशय के बाहर एक निषेचित अंडे का आरोपण हो जाता है) से जूझ रही थी। हमें उसके माता-पिता को बताना पड़ा और सर्जरी करने की अनुमति लेनी पड़ी। वैसे तो वो 18 वर्ष से अधिक की थी, लेकिन यहाँ यूँ ही होता है।
यह बात मुझे बार बार परेशान करती है कि यहाँ परिस्थितियाँ कितनी अलग हैं । सेक्स के बारे में लगभग कोई भी बातचीत नहीं होती है। कभी-कभी तो युवा महिलाओं को इसके बारे में कुछ भी नहीं पता होता है, और फिर सब कुछ तभी जानना पड़ता है जब अचानक, वो एक आदमी के साथ अपने को नग्न अवस्था में पाती हैं । इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि ऐसे जोड़ों को लगता है कि उन्हें कम लीबीडो या जनन अक्षमता जैसी समस्याएं हैं, जब कि ऐसा होता नहीं है।
हर इंसान को, चाहे वो गाँव से हो या या शहर से, सेक्स के बारे में शिक्षित किया जाना चाहिए। अगर ऐसा हो पाया तो सेक्स अधिक मनोरंजक बन सकता है। जैसा उसे होना भी चाहिए।
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