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पॉर्न से पाए विचित्र विचार

पॉर्न यह भी भूल जाता है कि औरतों के लिये शरीर के बाल भी एक सच्चाई हैं।यह जानने पर निराश होकर युवा प्रेमी एक दूसरे से बेवकूफ चीज़ें करवा बैठते हैं।

लगभग सभी वयस्कों की ज़िन्दगी में पोर्न का अस्तित्व है, कहीं ज़्यादा कहीं कम ..| पर तब क्या होता है जब पोर्न सेक्स के बारे में सीखने का अकेला ज़रिया हो? ऐसे में कहीं ये आपको  कुछ अजीबोगरीब आईडिया तो नहीं दे सकता है?या सेक्स के अनुभव को आपके लिए परिभाषित कर जाता है? उसी फिल्म की तरह जो आपने चौदह बरस की उम्र में देखी थी, जब सब घरवाले सो गए थे? पोर्न आपको ऐसे आईडिया तो नहीं देता कि चरम सुख में ऐसी आवाज़ें निकलती हैं कि सुनकर लगता है कि उस इंसान का खून हो रहा है? हम यहां पोर्न से जुड़े कुछ ऐसे अविश्वसनीय गलतफहमियों का पर्दाफाश करेंगे ,जो पोर्न ने अपने देखने वालों के दिमाग में डाला है |

पोर्न मिथ्या #1: खूबसूरत गुप्तांग आवश्यक हैं 

पोर्न देख कर आपको लगता होगा कि सभी मर्दों का लिंग बड़ा विशालकाय होता है| और अपने पार्टनर को संतुष्टि देने के लिए ये बड़ा सा लिंग ज़रूरी होता है| आपको यह भी लगता होगा कि वही योनि लुभाती है जिस पर एक भी बाल नहीं होता और जिसका रंग गुलाबी या हल्का होता है| पर शुक्र है, यह सारी बातें सरासर गलत है| गुप्तांग हर आकार, लम्बाई और रंग के होते हैं | ऐसा कोई उपयुक्त साइज़ या कोई विशेष बनावट नहीं है जिसके होते आपके साथी के प्यार से पागल होने की गारंटी है|    चौबीस वर्षीय माधवी का कहना है, “जब मैंने किसी बड़े लिंग वाले के साथ सेक्स किया तब मुझे एहसास हुआ कि अत्यंत बड़े लिंग से दर्द हो सकता है और अक्सर होता है| इससे एक दिक्कत भी होती है, मानो हरदम आपको ज़रुरत से ज़्यादा ही उत्तेजित होना पड़ता है| मुझे छोटे लिंग आसानी से संभलते हैं| आप उनके साथ बहुत कुछ कर सकते हो क्योंकि वो बाहर भी कम फिसल कर निकलते हैं|”

पोर्न मिथ्या #2: आपको बाल रहित होना चाहिए 

शायद आजकल लोग ये मान के चलते हैं कि आम तौर पर लोग अपने गुप्तांगों पर बाल नहीं रखते, कि वहां सब कुछ चिकना सा होता है | अट्ठारह वर्षीया तारा अपना तजुर्बा हमें समझाती है, कि कैसे उसके बॉयफ्रेंड को पोर्न देख कर यूं लगने लगा था कि नीचे बाल रखना गंदी सी आदत है | “मैंने पार्लर जाकर ब्राज़ीलियन वैक्स (योनि और आस पास की जगहों से सारे बाल हटवाने वाली वैक्सिंग) करवा ली | उसको खुश करने के लिए नहीं, पर मुझे लगा कि मैं ज़्यादा सेक्सी लगूंगी| पर मुझे बड़ा अजीब सा लगने लगा| एक टकले के सर जैसा दिख रहा था| और जब बाल उगने शुरू हुए, तब तो मैं काफी दिनों तक खुजलाती ही रही| “

पोर्न मिथ्या #3: सभी औरतों को मुख मैथुन पसंद होता है 

पोर्न मुख मैथुन को जिस तरह से दर्शाता है, वो असल ज़िन्दगी में एकदम अलग होता है| उदाहरण के तौर पर, पोर्न में एक महिला को मुख मैथुन देना और और उसको चरम सुख का एहसास कराना दुनिया का सबसे आसान काम दिखाया जाता है | मात्र तीन मिनटों में कायम !जबकि इस काम में आधे घंटे का समय भी लग सकता है|  पोर्न देख कर आपको यह भी लगेगा कि सभी महिलाओं को मुख मैथुन पसंद होता है, जोकि गलत हो सकता है| उसके अलावा, थूकने और निगलने वाली  मिथ्या पोर्न से उपजी है, जिसके अनुसार मर्द का वीर्य निगलने से सेक्स में और मज़ा आता है | उसे थूकने के मुकाबले|

पोर्न मिथ्या #4: सेक्स का मतलब केवल लिंग का योनि में प्रवेश करना होता है  

बहुत सारी पोर्न फिल्में लिंग के योनि में प्रवेश करने पर ज़्यादा ध्यान देती हैं| जो पोर्न में अक्सर, सेक्स के शुरू में हो जाता है| अब यह बहुत लोगों को बोरिंग लगता है l कई लोगों को किस करना और फोरप्ले- यानी एक दूसरे को उत्तेजित करने की भिन्न प्रतिक्रियाएं - ज़्यादा पसंद हैं | लेकिन मजेदार बात तो यह है –  अक्सर, खासकर अगर हाल ही में सेक्स करना शुरू किया है, योनि में लिंग का प्रवेश करना, आसान नहीं होता | पर पोर्न उसे अँगूठा चूसने जितना आसान बना देता है| इक्कीस वर्षीय सतीश बताते हैं, “पहली बार सेक्स करना बड़ा ही कठिन होता है क्योंकि आप अपनी शर्मिंदगी को भी संभालते हुए सब चीज़ सही करने की कोशिश में लगे रहते हैं| और आप केवल घपाघप घपाघप, धड़ाम धड़ाम, करना ही जानते हैं, जो पोर्न में देखा होता है| असलियत में कुछ ऐसा होता है: ‘अन्दर गया कि नहीं?’’यह अन्दर क्यों नहीं जा रहा है?’ ‘तुम अन्दर डाल सकती हो?’ ‘ रुको, तकिया रख कर देखते हैं, शायद बात बन जाए|”

पोर्न मिथ्या #5: सेक्स हमेशा सरल और मजेदार होता है 

जब लिंग अन्दर प्रवेश कर जाता है, उसके बाद भी पोर्न सेक्स करने की स्पीड से जुड़े अजीबोगरीब सुझाव दे सकता है| पर असल ज़िन्दगी में, स्पीड बहुत बदल सकती है: यह तेज़ से धीमे से कम तेज़ हो सकती है| और हो सकता है आपको कई बार दुबारा शुरू से शुरू करना पड़े|  सत्ताईस वर्षीय एन. के पास पोर्न से जुड़ी एक झुंझलाहट से भरी कहानी है | “ जब हम दूसरी या तीसरी बार सेक्स कर रहे थे, तब उसने मुझे ऊपर आने को कहा| मैं उस वक़्त असली सेक्स करने के प्रति ही थोड़ी घबराई हुई थी| तो मुझसे शायद ठीक से नहीं हो पाया| मिस्टर लवरमैन ने कहा कि उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं आया | मैंने पूछा, फिर कैसे होता है| मैं सच्ची में पूछ रही थी कि जब तक उसका जवाब सुना, ‘पोर्न वाली औरतें तो ज़्यादा ताल और जोश के साथ सेक्स करती हैं|’ मैंने पूछा की क्या यह कोई भरतनाट्यम चल रहा है? अलविदा|” पर हर कोई मिस्टर लवरमैन की तरह नहीं होता और आप अपने ताल की सेटिंग खुद कर सकते हैं,  वही ताल जो आपको सूट करे | 

पोर्न मिथ्या #6: आपको छोड़ कर हर कोई सेक्स की बेहतरीन कसरत कर लेता है

पोर्न देखकर आपको लग सकता है कि आपको हद से लम्बे समय तक सेक्स करना है| आपको सारी पोजीशन ट्राई करनी  हैं| मर्द हो तो आपका लिंग एक बार सेक्स करने के बाद वापस तैयार रहना चाहिए, बार बार सेक्स को तैयार रहना चाहिए| और औरतों को कम से कम तीन बार चरम सुख प्राप्त होना ही चाहिए| पर असलियत में कई औरतें योनि सेक्स से चरम सुख नहीं पाती हैं और मर्दों को भी बीच में रुकना होता है| कई बार आप बीच में रुक जाते हैं क्योंकि आप थक गए होते हैं|   

पोर्न मिथ्या #7 :सेक्स करते वक्त मज़ा आने के लिए, ज़ोर ज़ोर से आवाजें निकालना ज़रूरी होता है 

पोर्न में जो नकली आवाजें निकाली जाती हैं, उनको लेकर सभी को शिकायत है| अगर आवाज़ नहीं निकाला तो आपके पार्टनर को पता कैसे चलेगा कि आपको कितना आनंद आ रहा है| तैंतीस वर्षीय निशांत कहते हैं, “मैं बहुत ही शांत बंदा हूँ, और मैं बिस्तर पर सेक्स के दौरान कोई आवाज़ नहीं निकालता हूँ| जिससे अक्सर लड़की को अजीब लगता है, लगता है कि शायद मैं एन्जॉय नहीं कर रहा हूँ| मुझे पक्का यकीन है कि ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि पोर्न में अक्सर मर्द उत्तेजना से भरी आवाजें निकालते या कामुक बातें बोलते रहते हैं l ऐसी शिकायत अकेले निशांत की नहीं है | पोर्न औरतों के अन्दर भी यह आईडिया डाल देता है कि लगातार कामुक और उत्तेजना वाली आवाजें निकालना सेक्स के समय काफी ज़रूरी होता है, वरना आप सेक्स के कच्चे नीम्बू हैं| सत्ताईस वर्षीया उषा बताती हैं कि उन्हें सेक्स का अपना पहला तजुर्बा बिलकुल भी याद नहीं है l लंबा समय बीत गया है, तब वो पंद्रह बरस की थी l पर एक चीज़ जो उन्हें याद है वो है उसके दौरान निकाली गयी आवाजें| “जब पहली बार मैंने सेक्स किया था तो मुझे लगा कि मज़े के लिए काफी शोर होना चाहिए| तो मैंने काफी उत्तेजक और कामुक आवाजें निकालीं | जो मैं वाकई में नहीं करना चाहती थी|”  

पोर्न मिथ्या #8: आपको बस किसी के भी घर पहुंचना है, सब हो जाएगा 

पोर्न आपको यह बतलाता है कि आप बस किसी के भी घर किसी भी कारणवश पहुँच जाओ, दरवज्जा खटखटाओ, उसके बाद तो सेक्स आटोमेटिक हो जाता है| “जब मैं किशोर अवस्था में था तो बहुत ज़्यादा अमेरिकन पोर्न फिल्में देखता था| उनत्तीस वर्षीय अभिषेक बताते हैं, “जिससे काफी समय तक मुझे लगता था कि पिज़्ज़ा डिलीवरी वाला लड़का, प्लम्बिंग और टीवी ठीक करने वाले बंदे जो दिखाते थे, सब असली ज़िंदगी से थे, और ये भी कि वैसे ही सेक्स करने को मिलता है|”  ठीक है अभिषेक, तुम्हारे करियर के टूटे हुए सपनों का हम क्या कर सकते हैं | हम नहीं बोल रहे कि पोर्न देखना बंद कर दो| यह एक स्वस्थ मनोरंजन का जरिया हो सकता है| पर यह सच है कि पोर्न आपको सेक्स के सुख और उसे महसूस करने के अजीब आईडियाज़ दे सकता है| असल ज़िदगी में, सेक्स, बाकी चीज़ों के तरह, शांत, अश्लील और बालों से भरा हो सकता है|  
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