Agents of Ishq Loading...

अगली सुबह, मैं अपनी दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड के अश्लील और शर्मनाक, मुझे बदचलन बताने वाले मेसेजेस से जागी।

“ मैं कमी महसूस करती हूँ हमारे भरी-दुपहरी मोमबत्ती की रौशनी में जॉन्सन बेबी वाले उन पलों की ” माया ( 48 तब, 48 अब ) ये मेरा कथन वासना के बारे में उतना नहीं है, जितना वासना की यादों के बारे में। ‘ क ‘, मेरे भूतपूर्व पति, और मैंने चार साल पहले एक-दूसरे को छोड़ दिया - काफ़ी शालीनता के साथ, अगर इस बात पर ग़ौर किया जाए कि हमारा रिश्ता इसलिए टूटा कि वो कुछ वर्षों पहले से एक दूसरे रिश्ते से जुड़ा था। जो भी भी हो, हमारी बच्ची छोटी उम्र की थी, और हम नहीं चाहते थे कि ये उसपर ये सब भारी पड़े। तो हमारे घर आज भी उचित ढंग से एक दूसरे के पास हैं, हम अक्सर एक दूसरे से मिलते हैं और पारिवारिक चीज़ें साथ-साथ करते हैं। हमारा रिश्ता, कुल मिलकर, दोस्ताना और एक-दूजे को सहयोग करने वाला है। ‘ क ‘ अपनी पिछली गर्लफ्रेंड से अलग हो गया, और दो-एक सालों तक एक लम्बी दूरी के रिश्ते में रहा। फिर वो भी ख़त्म हो गया, और अब उसने अपने साथ काम करने वाली एक बहुत ही जवान शादीशुदा के साथ रिश्ता शुरू किया है। मुझसे पूछो तो ये बर्बाद होने के एक नुस्खे से कम नहीं, पर ओह, ये मेरा जीवन तो है नहीं। अब जबकि ‘ क ‘ और मैं पड़ोसी हो गए हैं और हमारी बिटिया को जब मर्ज़ी तब उसके घर में टहल आने की आदत हो गई है, तो इस नए रिश्ते का मतलब है कि नई सीमारेखाएँ खींची  जानी चाहिए। उसका यूँही एक दिन पिता के घर पहुँच जाना एक रोमांस के बीचोंबीच विघ्न डाल गया, और मुझे सख़्त हिदायत दी गई कि उसको तभी आने दिया जाए जब उसे ज़ाहिर तौर पर बुलाया जाए। जिस चीज़ ने मुझे चौंका दिया वो है यादों की गहनता जो वापस लौट आई है। वासना से जुड़ी लोगों की आदतें, मेरे अनुमान से, समय के साथ बहुत ज़्यादा बदलती नहीं हैं। ‘क’ अभी-भी ऑफिस से चोरी-छिपे निकलकर बीच-दुपहरी के सेक्स के लिए जाना पसन्द करता है, वो अभी-भी एक ख़ास तरह की मोमबत्ती जलाना पसन्द करता है, और बेशक़ जॉन्सन बेबी ऑयल अभी-भी एक ज़रूरी सामग्री है। मैं ‘क’ के संग अब प्यार नहीं करती, पिछले कई सालों से नहीं करती, पर उसके इस नए रोमांस से एकाएक मुझे भरी-दुपहरी मोमबत्ती की रौशनी में जॉन्सन बेबी की कमी महसूस सख़्त चुभने लगी है। “ रात जैसे-जैसे चढ़ती गई उसने छेड़ा, भीख मांगी, निवेदन किया और आख़िर मेरे पास ना बोलने की ताक़त ना रही। ” लावण्या ( 26 तब, 28 अब ) मैं इस लड़के से टिंडर पर मिली, और इन चीज़ों के खुलने की जैसी उम्मीद रखते हें, उसके ठीक विपरीत, उसने मुझे अपने दोस्त के घर एक ड्रिंक के लिए आमंत्रित किया। उसका दोस्त (और उसकी जोड़ीदार) वाक़ई बड़े दिलचस्प लोग निकले, मुझे याद है मेरा उनके साथ सिनेमा, क़िताबों और वास्तुशिल्प पर विचार-विमर्श करना जबकि उस टिंडर वाले लड़के ने ब्रांडी पी और अपने बुखार को सम्भाला। उसने ज़्यादा बात नहीं की। एक समय पर मैंने महसूस किया कि सही में कितनी देर हो गई थी, और हम सब नशे में कितने धुत्त हो चुके थे। मैं उस शहर में नयी थी और तब एक दोस्त के घर में टिकी थी, इतनी रात वहां नहीं जा सकती थी, तो उस क्षण सही में मैं अपने दिमाग को पीछे नहीं खींच पाई और चली गई उस लड़के के घर, जबकि उसके बारे में मेरा मन मिश्रित विचार रखे था। तब हमने कुछ और भी ज़्यादा बात की, उसने मेरा चुम्बन लिया, और हम दोनों के उमंग से चीज़ें स्वतः बढ़ती गईं जैसा चीज़ें किया करती हैं। सिर्फ़ तब,जब बात मक़ाम के नज़दीक पहुँचने लगी, तब उसने क़ुबूल किया कि उसके पास कॉन्डोम नहीं है। मैंने तत्परता से ख़ुद को कपड़ों में ढाँपा और उसे ये सलाह दी कि हम कुछ और करते हैं। पर रात जैसे-जैसे चढ़ती गई, उसने छेड़ा, भीख माँगी, निवेदन किया और आख़िर मेरे पास ना बोलने की ताक़त ना रही। उसने मेरी प्रतिरक्षा को को थका दिया, एक पल ऐसा आया जब मुझे यूं लगा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता और मैंने थक कर हाँ कर दी। “ मैं नहीं जानती थी क्या उम्मीद करूँ। मैंने इसके पहले कभी-भी एक मर्द का नग्न शरीर नहीं देखा था। ” वेस्पियना ( 22 तभी, 26 अभी ) ये मेरा पहली दफ़ा था। मैं नहीं जानती थी क्या उम्मीद करूँ। मैंने इसके पहले कभी-भी एक मर्द का नग्न शरीर नहीं देखा था। उस रात, जिस बदन को मैंने देखा, वो मेरे उस वक़्त के बॉयफ्रेंड का था। मैं उत्सुक थी। मैं क़ुबूल करती हूँ कि मैंने इमरान हाशमी की ढेर सारी पिक्चरें देखी हैं लेकिन कामोद्दीपक फ़िल्में (pornography) ना मुझे तब पसंद थीं ना अब। थोड़ा छूने और थोड़ी खोजबीन के बाद, मैंने पाया कि मर्दाने जिस्म के बारे में ऐसा कुछ अनोखा नहीं था।  मेरा मतलब है उनके पास इस्तेमाल के लिए सिर्फ़ एक ही चीज़ होती है, ज़्यादातर। और ऐसा हुआ कि मेरा तब का बॉयफ्रेंड भी सेक्स के बारे में अश्लील चित्रों को छोड़ कुछ नहीं जानता था। तो वो सेक्स निराशापूर्ण रहा और उसने दुखी किया, क्योंकि वो भीतर आने की जगह नहीं ढूँढ पाया। और नहीं, मैं नहीं जानती थी कि भगशेफ़ (clitoris) भी मौजूद है । अब जबकि मैं ज़्यादा जानकार और ज़्यादा अनुभवी हूँ, मैं महसूस करती हूँ कि वो रात क्या वक़्त की बर्बादी थी…? और कितनी सरल थी मैं , बेवक़ूफ़ सही मायनों में, सिनेमा के बकवास से भरी हुई। बेशक़, वासना अदभुत है जब आप जानते हों कि आपको सही में क्या चाहिए और कैसे.....उस रात के बाद मैंने जाना कि ये सब आनंद के बारे में है।   “ वो बिल्कुल वैसा ही सेक्स था जिसमें मुझे हमेशा से लुत्फ़ आता है। और तब उसने वो हरक़त की जो मुझे सीमा के पार ले गई। ” वासना की देवी ( 28 तब, 28 अब ) हम टिंडर पर मिले थे जबकि वो US से लौटकर शहर में था। कराची में दिसम्बर चमकीला रहता है क्योंकि शहर में प्रवासी होते हैं और आपको पता होता है कि वो चले जाएँगे और वहाँ आपकोरहेंगे और फिर चले भी जाएंगे और आपको कोई फ़िज़ूल की पिछलग्गू गपशप को जारी रखने की कोई ज़रूरत न रहेगी। टिंडर से मैंने इसके पहले बस एक बार hook up किया था। उस समय मैंने ख़ुद से कमरा बुक किया था और अपने आपको एक बड़ी इत्मीनान भरी मादा जैसा महसूस किया था, जो अपनी और अपने वासनात्मक निर्णयों की प्रभारी हो। हालाँकि इस बार, वो लड़का अपने जॉब की कमाई लेकर आया था जिसका मतलब था कि वो होटल का कमरा बुक कर सकता था। मैं डेट पर उससे सिर्फ़ एक बार मिली थी केवल ये समझने के लिए कि वो किस तरह का बंदा है। वो ठीक प्रतीत हुआ; इज़्ज़तदार, मज़ाहिया, अपने बारे में बड़ा ही घरेलू एहसास लिए हुए जो मुझे एकदम उसकी ओर आकर्षित कर गया। मैं उन लोगों को तरजीह नहीं दे सकती जो विदेश में रहें और जब अपने वतन आएँ, तो हर चीज़ में नुक़्स ढूँढें। वो आतुर था आगे बात ले जाने को, लेकिन जो बात मुझे सबसे ज़्यादा पसन्द आई वो ये थी कि वो सबकुछ कितने आराम से करता था। “ जब कभी तुम चाहो, मुझसे कह देना ”, उसने कहा था। मैंने काम से एक दिन की छुट्टी ली और उसने कमरा बुक किया। जब हम कमरे में मिले, वो तुरन्त ही चुम्बन पर चला गया और आगे बढे। मुझे सेक्स बहुत पसंद है, इसलिए मैं हमेशा पूरे जोशो-ख़रोश से कुछ भी करने को तैयार हो जाती हूँ । हमने अपने कपड़े उतारे और एक दूसरे को स्पर्श करते और महसूस करते हुए आराम का अहसास किया। वो मेरे जननांगों की ओर उतरा और मुझे काफ़ी हद तक गीला कर दिया। और जब मैंने उससे अपने स्तनों को दाँतों से हल्का-सा दबाने को कहा, तो उसने ये एहसान भी किया। कुल मिलाकर, ये बिलकुल वैसा ही सेक्स था, जो मुझे ख़ास लुत्फ़ देता है। और तब उसने वो हरक़त की जो मुझे सीमा के पार ले गई। उसने मेरी एड़ियों को अपने कंधों पे रखा और इतनी ज़ोर-से ठेला कि मेरी हवाईयाॅ उड़ गईं। उसके अंडकोष मेरे कूल्हों पर बड़ी ही संतोषजनक ध्वनियों के साथ थपकियाँ दे रहे थे, चूँकि मैं इतनी ज़्यादा गीली हो चुकी थी कि वो आसानी से अंदर-बाहर फिसल रहा था। उसने मेरी एड़ियों को पकड़ा और मुझे पीछे और आगे की ओर बिना किसी परेशानी के फिसलाता रहा। मैं ख़ुशी से कराह उठी और रो पड़ी। अगर कोई ये देख रहा होता, तो हम लोग अवश्य ही अश्लील पत्रिका के लोगों जैसे दिख रहे होते। जब वो बाहर आया, तो वो मेरे ऊपर गिरने जैसा हो गया। मैं चरम-आनन्द में नहीं थी लेकिन मैंने बहुत शानदार महसूस किया। बाद में, हम एकसाथ झरने में नहाए और मैंने उससे कहा कि मेरे मुँह में आ जाओ और मैं उसे घोंट लूँगी। उसके पहले, हमने थोड़ा स्नैक्स खाया था जिसकी वजह से उसको चूसते हुए मैं उल्टी कर बैठी थी। (ऐसा होता है, दोस्तों !!) वो ‘मेरे-मुँह-में-आओ’ की मुद्रा उस वाक्या पर हल्की शर्मिंदगी को ठीक करना करने की कोशिश थी, क्योंकि मैं घोंटना वाकई में पसन्द भी करती हूँ। पर रात अभी ख़त्म नहीं हुई थी! उसके ठंढे-मिजाज़ का स्तर ऐसा था कि उसने कहा उसे घर जाना होगा क्योंकि उसकी माँ अकेली है, इसलिए, मैं ये कमरा रख सकती हूँ, अगर मैं किसी दूसरे को बुलाना चाहूँ। मैं बुलाना चाहती थी, सो मैं तैयार हो गई। दो और लड़के मेरे पास आए, हालाँकि मैंने तीसरे के साथ सेक्स नहीं किया। मैं बस चाहती थी उससे बातें करना, यद्यपि वो और मैं पहले संलग्न हो चुके थे, मुझे वो बेहद पसंद था, लेकिन उस रात मैंने पूर्ण संतोष महसूस किया था। हमने क़िताबों पर और बेतरतीब साधारण बातें कीं। मैंने लगभग 10.30 बजे रात में होटल का कमरा छोड़ा, आठ घंटों के बाद, जिसमें उल्लास भरा सेक्स था, बातें थीं और वो सबसे बेहतरीन ज़िन्दगी थी, जो मैं जी सकती थी, कराची के दिसंबर की एक रात।   “ अगली सुबह, मैं अपनी दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड के अश्लील और शर्मनाक, मुझे बदचलन बताने वाले मेसेजेस से जागी। उसे अपराध-बोध कुछ यूँ हुआ कि उसने बता दिया कि हमने सेक्स किया था। ” अतिउत्सुक ( 28 तब, २९ अब ) मेरे स्कूल का सबसे अच्छा दोस्त और मैंने काॅलेज के दौरान थोड़ी-सी लिपट चिपट की थी। और उसके बाद जबकि हम अलग-अलग  विभिन्न रिश्तों में रहे, हममें कभी एक दूसरे के प्रति कोई भावना नहीं रही और हमने कुछ भी और नहीं किया। उसने बाद में मेरी एक पहले की दोस्त के संग मिलना (डेटिंग) शुरू किया और जब ये हुआ तब वे एक लम्बी दूरी का रिश्ता निभा रहे थे। उनके रिश्ते में अड़चने आईं और वो एक बुरे चक्र से गुज़र रहा था और मैं उसका साथ देने की कोशिश कर रही थी, साथ ही साथ अपनी पूर्व की दोस्त के साथ चीज़ें सँभालने की कोशिश में भी लगी थी। एक रात उसने कहा कि अंततः उसने नाता तोड़ दिया है (इस विषय में वो हफ़्तों से बात कर रहा था) और वो बहुत ही ज़्यादा परेशान है इसलिए वो एक ड्रिंक (मदिरा) के लिए जाना चाहता है। पिछली रात हमलोग वैसे भी एक समूह की तरह बाहर गए थे और मैं सही में बहुत थकी हुई थी। लेकिन वो रो ही पड़ा था, इसलिए मैं उसके साथ बाहर गई। हम दोनों सम्बन्धों के बारे में बातें करते रहे और नशे में धुत्त हो गए। ये वो समय था जब मैंने मानषचिकित्सा शुरू कर दी और वो जानता था कि मैं किसी अच्छी हालत में नहीं हूँ और दुर्भाग्यवश, ना ही वो है। हमने पैदल घर लौटने का फ़ैसला किया, जो हम पहले भी करते आए हैं। घर वापसी के रास्ते में उसने मेरा चुम्बन लिया। मैं समझ नहीं पाई कि ये चल क्या रहा है। हम चलते रहे। मैंने तर्क बिठाने की कोशिश की कि ये सही नहीं था क्योंकि उसने अभी ही किसी ऐसे से अलगाव किया है , वो, जो मेरे बहुत क़रीब है। एक पूर्व-मित्र, लेकिन मैं सच में उसकी इज़्ज़त करती हूँ और मैंने हमेशा ही ये उम्मीद की है कि हम गाँठों को सुलझा लेंगे। उसने मुझसे कहा कि वो अकेला है और उसे सच में इसकी ज़रुरत है और ये सही में उसकी मदद करेगा। मेरे लिए 15 वर्षों से वो एक महफ़ूज़ मक़ाम रहा था इसलिए उस नशे की हालत में मुझे वो सब ठीक लगा। तो हम मेरे घर वापस आए और जब वो मेरे अंदर था तब मुझे ये एहसास हुआ कि मैं अब ये और नहीं चाहती हूँ। जब तक कि मैं एक अनुकूल वाक्य बना पाती वो मेरे अंदर स्खलित हो चुका था। मैं निश्चित नहीं थी कि क्या किया जाए। वो घर से चला गया। मैंने एक I-Pill (आई- पिल) लिया, जो मुझे तब मिला था जब मैं अपने पिछले बॉयफ्रेंड के साथ डेटिंग कर रही थी, और सो गई। अगली सुबह, मैं अपने दोस्त और उसकी गर्लफ्रेंड के अश्लील और शर्मनाक मेसेजों से जागी। उसे अपराध-बोध हुआ था और उसने उसको बता दिया था। सबसे बेकार चीज़ ये थी कि किसी का मेरे ऊपर से यक़ीन और विश्वास पूरी तरह से उठ गया था, और मैंने ये कभी नहीं चाहा था कि मैं किसी भी रिश्ते के टूटने की वजह बनूँ, ख़ासकर जब दोनों मेरे जिगरी दोस्त थे। इसलिए, मैंने अपने दोस्त का सामना करने की ठानी। कोई मेरी वजह से इतनी वेदना में है, ये सुनकर मेरा दिल चीर-सा गया। और इस सब के बीच, उससे मैंने बस एक साॅरी सुना, और कुछ नहीं। कुछ अजीब तरह से मैं और उसकी गर्लफ्रेंड अपने विवादों को सुलझाने में सफल भी रहे। वो सबसे अच्छी चीज़ जो उसने की थी वो था उसका उसे बताना कि मैं वो नहीं चाहती थी और जो हुआ उसका उत्तरदायित्व उसपर था। इस अपराध का बोध मुझे इस क़दर खा गया था कि मैंने तय किया कि अब मैं अपने पिछले बॉयफ्रेंड से समझौते का कोई प्रयास नहीं करूँगी। मुझमें इतनी हिम्मत नहीं है कि मैं इस बारे में उसको बताऊँ और वो कभी तैयार नहीं होगा ये जानने के बाद कि मैं अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ सोई थी। मेरा दोस्त 40 दिनों के लिए देश के बाहर जा रहा था तो हमने उसके लौट आने के बाद बात करना तय किया। वो वापस ज़रूर आया पर उसने मुझसे बात नहीं की। हर दफ़ा जब भी ग्रुप-आउटिंग बनती थी, मुझे उसकी कमी का पता चलता था। इसलिए एक दिन जब सभी मिलने की योजना बना रहे थे, मैंने उसको अलग से लिखा और पूछा कि क्या वो मेरे वहाॅ होने से सहज था और अगर उसे इसमें असुविधा थी तो मुझे बता दे। उसने नकार दिया और मुझसे कहा कि वो यूँ भी आने नहीं वाला था और हमारे बीच सबकुछ ठीक है। कुछ घंटों बाद उसने मुझे लिखा और कहा कि वो अब मेरे साथ सहज नहीं है। बस इतना ही। मेरे पास एक “अफ़सोस (sorry)”, एक आकस्मिक “जन्मदिन मुबारक़” और “मैं सहज नहीं हूँ” - बस यही टेक्स्ट मैसेज के रूप में लिखा हुआ मिला है, जबसे उसने मेरा मुक़ाम छोड़ा है। मैंने खो दिया अपने दो बेहतरीन दोस्तों को, उस मंडली को जिससे जुड़ी रहती थी क्योंकि अब मैं उसे वहां देखना नहीं चाहती थी, और मेरी निराशा पूर्ण रूप से धीरे-धीरे वापस मुझपर चढ़ती आ रही है। और बद्तर, भरोसा कर पाने की मेरी कठिनाईयाॅ, जिन्हें सुलझाने में मैं कुछ सालों से लगी हुई थी, जमकर वापस मेरी ज़िन्दगी में आ गई हैं। मुझे धक्का-सा लगा है और मैंने अपना सारा रोष अपने दूसरे दोस्तों पर दे निकाला है। एक अच्छी बात ये है कि वो दोनों अब अपने आपसी मसले सुलझा रहे हैं और विवाह-सूत्र में बांधने की कोशिश में हैं। मैं भयभीत, अकेली और चिंतित बैठी हूँ, यूँ लग रहा है कि मेरे आसपास की पूरी दुनिया टूटकर ढह रही है और मैं अपने गिर्द की सभी चीज़ों को ख़त्म  होते सा महसूस कर रही हूँ ।
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