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प्रेमी की बाहें और पालतू जानवर की निगाहें - एक सत्य कथा

हमें यह मानना पड़ेगा कि ज़्यादातर लोगों के लिये पालतू जानवर धर के सदस्यों जैसे बन जाते हैं। जब हम इश्क़ की तलाश में होते हैं तब हम सब अपने घरवालों से दूर रहने के तरीके तो ढूँढ़ लेते हैं। लेकिन पालतू जानवरों के पास कमरे में डटे रहकर बाहर न जाने की तरकीबें होती हैं।

अगर आपने हाल ही में टिंडर इस्तेमाल किया हैं, तो आपने इस प्रचलन पर गौर किया होगा  कि हर दूसरा व्यक्ति अपने कुत्ते को चूम रहा है। (और उस ग़ज़ब के आँकड़े का क्या कहें जिसके अनुसार टिंडर पर हर दस में से एक प्रोफाइल फोटो बाघ का है)। अगर आप पालतू जानवरों से बिलकुल नफ़रत करते हैं तो बात अलग है, पर आपको आम तौर पर यह कुत्तों को चूमने की तसवीरें प्यारी लगेंगी और आप इन्हें देखकर गुनगुनी, सुख भरी भावनाएं महसूस करोगे। अगर आप सच में कुत्तों से प्यार करने वाले इंसान हो, तो आप वो सबका प्यारा संकेत दोगे - उंगली को दाहिनी तरफ फेर कर स्वाईप करोगे।  लेकिन यह रहा ज़्यादा पेचीदा सवाल। तब क्या होगा, जब आप किसी के घर पहुंचते हो और पाते हो कि वहाँ पर हर समय एक कुत्ता रहता है? या फिर वो आप हो जिसके पास पालतू जानवर है और आप ‘कुछ हो जाने’ की उम्मीद  भी रखते हो। हमें यह मानना पड़ेगा कि ज़्यादातर लोगों के लिये पालतू जानवर धर के सदस्यों जैसे बन जाते हैं। जब हम इश्क़ की तलाश में होते हैं तब हम सब अपने घरवालों से दूर रहने के तरीके तो ढूँढ़ लेते हैं। लेकिन पालतू जानवरों के पास कमरे में डटे रहकर बाहर न जाने की तरकीबें होती हैं। जिन लोगों ने इस परिस्थिति का सामना कभी नहीं किया हैं, उन्हें यह एकदम वाहियात सी बात लग सकती है। क्या आप उन्हें नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते, वो पूछते हैं? जी... नहीं। पालतू जानवर रखना या तो मनोरंजक हो सकता है, या फिर कबाब में ऐसी हड़्डी कि सब बरबाद हो जाए।

दृश्य 1 जब वो देखते हैं लेकिन उन्हें वो दृश्य कुछ भाता नहीं है

ऐसा कहते हैं कि सोते हुए शेर को जगाना नहीं चाहिये। हमारी सहेली सिमरन इस बात को मान कर चलती है, अपने स्पेनियल कुत्ते के साथ जो बिस्तर के कोने के अपने सिंहासन पर सोते रहने की और न हटने की जिद्द करता है। यह उचित बात तो नहीं है पर उस अत्यंत कठिन परिश्रम से बहुत आसान है जो उसे उसके स्थान से हटाने के लिये करना पड़ता है खासकर तब, जब वो गहरी नींद में होता है। “हम सेक्स करते रहते और वो बिस्तर की दूसरी ओर या हमारे पैरों के पास सोया रहता। हमारी हरकतें उत्तेजित होने पर भी वो नहीं उठता”। लेकिन एक दफा वो उठ गया। “मैं नहीं चाहती थी कि वो हमें देखे, इसलिये मैंने उसकी आँखें बंद कीं”, सिमरन कहती है। सिमरन के लिये, किस्मत से वो वापस सो गया। कुछ लोगों को इस बात से ऐतराज नहीं होता कि उनका पालतू जानवर चुपचाप कमरे की एक ओर पड़ा रहे। ख़ास तौर से बिल्लियाँ, जो इतनी होशियार होती हैं कि वो खुद कमरे की एक ओर चुप चाप बैठी रहती हैं। “हम भूल जाते हैं कि वो वहाँ पर है”, चिराग कहता है। “एक बार जब मैंने उसकी तरफ देखा तो वो हमें घृणा भरी आँखों से आँखें फाड़ कर देख रहीं थी। मैं सच कह रहा हूं उसने मुझे आँख भी मारी थी”। सिमरन और चिराग उन भाग्यशाली लोगों में से हैं जिनके पालतू जानवर काफ़ी आराम पसंद और निश्चिंत हैं। उनके आसपास जो हो रहा है उसे लेकर वो बेपरवाह भी नहीं होते, लेकिन वो ख़ुद में लीन होते हैं। ऐसे, जैसे वो बस में दिखायी जाने वाली फिल्में देख रहे हों । “वो जब इर्द गिर्द होता है, तो हमारे साथ हरदम कुछ न कुछ  होता है। एक बार उसने अपनी नितंब को चाटा”, नेहा कहती है, अपने उत्तेजित होने वाले कुत्ते का ज़िक्र करते हुए। “या तो वो बड़ी दिलचस्पी लेता है या फिर ऐसे पेश आता है कि ‘हे भगवान अपने लिये कहीं एक कमरा ढूँढ लो’”। पर तब क्या होता है जब वो महाशय सेक्स में शामिल होने का प्रयास करते हैं?

दृश्य 2 जब उन्हें भी एक भूमिका चाहिये होती है

“मेरी डोबरमॅन सच में स्वभाव से डोबरमॅन नहीं है। वो बहुत खुश रहती है और जो कुछ हो रहा है उसके बीचों बीच रहना पसंद करती है, चाहे वो केक कटिंग हो या सेक्स। इससे बड़ी कठिनाई होती है, क्योंकि एक बार हमें लगा था कि हमनें दरवाजा बंद किया था लेकिन वो दौड़ते दौड़ते बिस्तर पर आ कूदी, फिर उसने हम दोनों के चेहरे को चाटा और बाँहों को खरोंच दिया। यह सुनने में प्यारा लगता होगा लेकिन इस हरकत ने हम दोनों के मूड की धज्जियाँ उड़ा दीं”, मीना कहती है, जो अब समझदारी से दोबारा चेक करती है कि उसने वाकई दरवाजा बंद किया है या नहीं। दूसरी सहेली, रेखा, अपने पागल कुत्ते के पिल्ले के बारे में बताती है, जो मूड बरबाद करता है। “एक दफे जब हम दोनों उत्तेजित हो रहे थे, तब वो खुशी खुशी मेरी निप्पल के बारे में बहुत उत्सुक हो गया और उसे सूंघने लगा। हमें उसे बाहर निकालना पड़ा।” बात और भी बिगड़ सकती है। जब पियुश वो भयानक शाम याद करता है जब उसके कुत्ते ने उसकी गर्ल फ्रेंड को काटा, तब वो आज भी भयभीत हो जाता है। कुत्ते के नज़रिये से पियुश पर हमला हो रहा था। उसकी गर्ल फ्रेंड को रेबीज दूर करने वाले इंजेक्शन तो नहीं लगे, लेकिन उसके बाद कई दिनों तक वो उसके घर आने के लिये तैयार ना हुई। इससे हमें एक सीधा-सादा सबक मिलता है। अगर आपके पालतू जानवर का मूड अक्सर बदलता रहता है, तो बेहतर यही होगा कि आप उसे दूसरे कमरे में बंद रखें। आपके प्रेमी के जाने के बाद या सेक्स ख़त्म होने के बाद आप आपके जानवर का लाड़ प्यार या उसकी मम्मीगिरी फिर से शुरू कर सकते हैं।

दृश्य 3 जब वो दृश्य देखकर डर जाते हैं

सुरेश का मसला मज़ेदार हैं। उसे डर है कि उसने अपने पालतू जानवर को मनोवैज्ञानिक दृष्टि से घाव पहुंचाया है (पियुश के उदाहरण के ठीक विपरीत)। “एक बार मेरे कुत्ते ने हमें सेक्स करते हुए देखा और वो वहाँ से हिला नहीं, लेकिन फिर वो चीख़ने लगा। एेसे जैसे वो सिर्फ दिवाली के समय चीख़ता है, जब पटाखे फट रहे होते हैं । वो बड़ी देर तक चीख़ता रहा और मैं चिंतित हुआ कि मैंने उसे ना जाने कैसे परेशान कर दिया था”। ऐसी हालत में उस बाल ब्रह्मचारी को सेक्स शुरू होने से पहले कहीं और ले जाना ज़्यादा ठीक रहा होता ।

दृश्य 4 जब 80's के ज़माने जैसी कॉमेडी चल रही हो

अगर आपके पालतू जानवर का मूत्राशय अनियंत्रित है तो? “मेरा कुत्ता बहुत पादता है। एक बार, वो बिस्तर के किनारा पर पड़ा था, और जब मेरा बाॅय फ्रेंड अपना बैग लेने वहाँ गया तो उसने उसके मुँह पर पादा डाला। हमने तब तक बहुत कुछ किया तो नहीं था लेकिन उस हरकत ने हमारा मूड पूरी तरह से बरबाद कर दिया”, अनाहिता ने कहा। और फिर, इससे भी बड़े हादसे हो सकते हैं। जैसे अमित के साथ हुआ, जिसे यह बात हज़म करने में बहुत समय लगा कि उसने अपने ही मछली के बोल को सेक्स की उत्तेजना में लात मारकर गिरा दिया। मछली मर गयी। माना कि यह किस्सा थोड़ा- हद से बढ़कर है। पर यह एक और ताकीद है हमें यह बताने के लिये कि अपने पालतू जानवर के आासपास होने पर निगरानी रखना क्यों ज़रूरी है। अगर मुमकिन है, तो निश्चित करें कि वो कमरे के बाहर है, और उसके कराहने, भौंकने और दरवाज़े के खरोंचने को झेल लें । अगर, अमित की मछली जैसे वो नाज़ुक हैं और हिलाए नहीं जा सकते, तो फिर आप अपने लिये दूसरी जगह ढूँढ़ लें।

दृश्य 5 जब आपका प्रेमी डर जाता है

अब तक हमने कुत्तों और बिल्लियों की बात की है, लेकिन अगर आप ख़ुद जानवरों के आस-पास रहने से घबराते हो, तो फिर क्या? आपका बचपन से पाला हुआ कोई डर हो सकता है या आप उनसे सख़्त नफ़रत करते हो: आपको अपने प्रेमी से अपनी चिंताओं के बारे में बात करना आना चाहिये। ऐसा तो नहीं चलेगा कि आपका आधा ध्यान इस बात पर हो कि वो रोएँदार जानवर आगे क्या करेगा। या फिर आप उन लोगों में से हो जो डरते हैं लेकिन जिन्हें दूसरों से ज्ञान मिला है कि ‘कुत्ते को पता चल जाएगा कि आप डरे हुए हैं’, और इसलिये आप दाँत कीट कर किसी तरह मुस्कुराते रहते हैं। बहादुर होने की कोशिश करके अपने लिए और भी उलझनें पैदा करने से कोई फ़ायदा नहीं है। और आपका प्रेमी संभवतः यह समझ जाएगा कि आप अपनी फिल्म उन एक्सट्राज की गैरहाजिरी में चलाना चाहते हो। अगर वो पालतू जानवर आपका है, तो आपको यह बात स्वीकारने में मुश्किल होगी कि शायद आपके प्रेमी को उस जानवर से उतना प्यार नहीं है जितना आपको हैं और आपको इस भावना का आदर करना होगा। (हो सकता है उनके उसके प्रति निरुत्साह की भावना या कटुता की वजह से आप दोनों कट्टी कर बैठें, लेकिन वो तो फिर पूर्ण रूप से दूसरी कहानी होगी)। और अपरंपरागत पालतू जानवरों के बारे में क्या? सुनीता को याद है कि कॉलेज में उसके प्रेमी ने कुछ समय के लिए एक सांप हासिल कर लिया था। एक अहानिकारक साँप, उसे यह बताया गया था। “अहानिकारक वगैरा तो ठीक रहा, लेकिन वो कैसे उम्मीद कर सकता था कि उस सांप के वहाँ रहते हुए मैं उसके साथ सेक्स करूँगी? मेरा आधा से ज़्यादा ध्यान हरदम उस पर रहता था, और दो बार असफल होने के बाद मैंने कहा कि यह नहीं चलेगा”। उनके कामुक ज़िंदगी के लिये, सौभाग्य से, होस्टल के अधिकारी यह बात जान गये और बौखला गये। तो वो सिर्फ अदम और ईव ही नहीं थे जिन्होंने प्यार के बगीचें में से उस सांप को अलविदा कहा।
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