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सेक्स के दौरान की बातचीत

क्या आपके साथ यह कभी हुआ है? आप ऐसे व्यक्ति के साथ बिस्तर में हो जो आपको बहुत आकर्षक लगता है। हो सकता है यह आपका 'पहली बार' है, या फिर नहीं भी। सभी पल कामोत्तेजक और प्यार से भरे हैं। बाहर बारिश हो रही है। आप दोनों कामोत्तेजित हैं, और सब कुछ सही चल रहा है, उस एक क्षण  तक।
जब आपका प्रेमी वो एक चीज़  कर बैठते हैं। वो आपको ग़लत तरीके से स्पर्श कर रहे हैं, या बहुत कम, या बहुत ज़्यादा। या फिर आपको दर्द हो रहा है। बात जो भी हो, अचानक से आपका मूड ऑफ हो गया है और आप यह सोच रहे हो कि शीघ्र घर कैसे जा सकते हैं। आप का ध्यान हर ओर जा रहा है, सिवाय अपने प्रेमी पर, जो शायद अब भी वही बात दोहरा रहे हैं जिससे आपका मूड चला गया था।

अब क्या करें?

क्या आपको लग रहा है कि “यह किसी और के साथ तो होता नहीं है। तो मेरे साथ क्यों”? आप ऐसी सोच में अकेले नहीं हैं। प्यार पर अब तक बनाई गयी सभी फिल्मों में कहा गया है कि किसी की तरफ आकर्षित होने का मतलब है उसके साथ सेक्स करना लाजवाब होगा। हमेशा। कपड़े तेजी से निकल आते हैं, आप दीवारों से फिसलकर नीचे आते हो, दरवाज़ों से टकराते हो, बिस्तर में आ गिरते हो, और फिर सब लोग ग़ज़ब के रंगों में कामोन्माद महसूस करते हैं। दुर्भाग्यवश, वास्तविक जीवन में, सेक्स ऐसे नहीं होता है। यह सबके साथ होता है। सभी अपने प्रेमी के द्वारा बिस्तर में की गयी किसी हरकत से चौंक या ऊब गये हैं। और शायद कोई ऐसा पल भी आए, जब आप वो मुजरिम बन जाएं जो कुछ ऐसा कर जाता है जिससे उसके प्रेमी का मूड ऑफ हो जाता है । आप सोच रहे होंगे कि क्यावाकई यह कहने का कोई अच्छा तरीका है, “मुझे उंगली से उत्तेजित करते समय क्या आप मुझे कुरेदना बंद कर सकते है?” यह उस प्रकार की बातचीत है जो आपको भाग जाने को और आपका नंबर एअरटेल से बी एस एन एल में बदलने को मजबूर करती है। लेकिन ऐसा मत करो। इस कठिन समय में हमें आपका हाथ पकड़ने दो। यह कुछ तरीके हैं जिससे आपका प्रेमी वो करना बंद कर देंगे जो आपको नापसंद है, और आपके पसंद की चीज़ करने लगेंगे।

सलाह १: झूठ न बोलो!

समस्या कुछ भी हो, आपके पार्टनर को यह मत कहते रहना कि आपने उनके साथ सबसे बेहतर संभोग किया है, जबकी ऐसा नहीं है। उन्हें शायद ऐसा लगेगा कि उन्होंने सभी चीज़े सही की हैं, और अगली बार जब आप बिस्तर में साथ होंगे, तब भी वो शायद से वही चीज़े दोहराएंगे। पुरुष अक्सर कामोन्माद तक औरतों से जल्दी पहुँचते हैं। ज़्यादातर औरतों के लिये, बड़ी सारी बातों पर ध्यान देने से उन्हें कामोन्माद पहुँचने में मदद मिलती है - अक्सर योनिमार्ग (vagina) में शिश्न (penis) का प्रवेश काफ़ी नहीं होता, और उन्हें भग-शिश्न (clitoris) के उत्तेजन की भी आवश्यकता होती है। कई औरतें झिझकती हैं, कि मैं कैसे अपने प्रेमी से और कोशिश करने की मांग करूँ? जैसे आप उसे खाना खाने के बाद आपके लिये एक आलीशान दावत पकाने के लिये कह रही हों। यह माँगने के बजाय, यह झूठ बोलना कि सेक्स बढ़िया था, आगे बढ़ना आसान कर  देता है। कभी कभी आपके बेचैन, सरगर्म प्रेमी को यह बताना कि आपने कामोन्माद महसूस किया है( जबकी असल में नहीं किया है), का एक दबाव सा होता है। निकिता, २०, सभी पुरुषों के साथ कामोन्माद पहुंचने का बहाना करती, खासकर क्योंकि वह ऊब जाती थी और सेक्स समाप्त करना चाहती थी। और ख़राब सेक्स की प्रशंसा करने जैसे ही, कामोन्माद का बहाना करने से सेक्स जादुई तरीके से बेहतर नहीं होने वाला। निकिता अपने एक पार्टनर के साथ पहला उत्कृष्ट कामोन्माद पहुंचने के बाद यह समझ गयी कि अब वो फिर से किसी के साथ कामोन्माद पहुंचने का बहाना नहीं करना चाहेगी। तो, बहाना मत करो - सच बोलो।

सलाह २: दिखाकर बताओ?

आपस में बात करना ज़रूरी है। नहीं, यह आपके CAT कोचिंग क्लास में बतायी गयी एक पंक्ति नहीं है। और मज़ेदार सेक्स के लिये यह वाकई में ऐसा सच है जो माईने रखता है। लेकिन शायद  हमारे जैसे, आप भी कह रहे हों कि अच्छा है कि हमें यह पता है, लेकिन हम दूसरे से यह कैसे  कहें? रीआ, २५, का एक बायफ्रेंड था जो सेक्स के दौरान लंबे समय तक उससे ओरल सेक्स पाने के आनंद लेता था। यही नहीं, हर बार जब वो सेक्स करते, उसे ओरल सेक्स चाहिये था। दूसरी ओर, वो रीआ  पर ओरल सेक्स (ओरल सेक्स होता है किसी को मुँह का इस्तेमाल करके, ख़ासकर उनके निजी अंगों पर, उन्हें कामोत्तेजित करना) कभी नहीं करता। जब रीआ ने इसका ज़िक्र किया, तब उसने एहसान करने के अंदाज़ में कहा कि वो “कोशिश करेगा”, और जब उसने कोशिश की तब उसने रीआ  को ज़ोर से दे काटा। “मैं चिल्लायी और मैंने उसे पूछा कि उसे मेरी क्लिट ( भग-शिश्न) क्या लगती थी” रीआ बोलती है। उसे अब वो वाक्या मज़ेदार लगता है, लेकिन उनका प्रेम संबंध उधर ही खतम हुआ। रीआ कहती है कि वो दो बातें सीख गयी - एक कि उसे ऐसे पुरुष नापसंद थे, जिन्हें बिस्तर में जब कुछ चाहिये होता था, जो तब ऐसे पेश आते कि वो सब उनका अधिकार था। और दूसरा,  कि उसे इस पहेली को अब भी सुलझाना था, कि वो कैसे पुरुषों को बताए कि उसे क्या चाहिये था। वो कहती है कि उसके ध्यान में यह आया है कि सेक्स करते समय, औरतें दिखाती/जताती  हैं उन्हें क्या चाहिये, जब कि पुरुष बताते हैं। अगर आप दिखाना/जताना पसंद करते हो, तो वैसा करो, लेकिन आपको अगर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो ज़बानी कहो। अब रीआ ने अपनी नीति बदल दी है। उसने ऐसी बातें बोलनी सीखी हैं जैसे, “मैं वहाँ संवेदनशील हूँ, मुझे यहाँ पर स्पर्श अच्छा लगता है”। उसने अपने पार्टनर के हाथ को वहाँ ले जाना सीखा है जहाँ उसे अच्छा लगता है। संक्षेप में, रीआ की नीति है, साफ साफ बताना कि उसे क्या अच्छा लगता है, ना कि अपने प्रेमी को स्पष्ट रूप से बताना कि वो सब ग़लत कर रहा है। रिषभ, २८, को भी, जो बायसेक्श्युअल है, दिखाना बोलने से बेहतर लगता था। उसे बिस्तर में बहुत विशिष्ट चीज़े अच्छी लगती हैं। इस लिये वो अपने प्रेमियों पर वो सब करके  दिखाने लगा जो खुद उसे अच्छा लगता था, ताकि उन्हें पता चले कि वैसा करने से कैसा लगता था। लेकिन यह तरीका हर बार उसके काम नहीं आता। “यह जता कर बताने का तरीका अक्सर काम देता है। एक बार नहीं चला जब हम दोनों एक ही चीज़ एक साथ करने की कोशिश कर रहे थे। दोनों में किसी को वो नहीं मिला जो वो चाहता था ”, वो कहता है।

सलाह ३: यह दिल माँगे मोर?

निकिता इस बात से परेशान होती थी कि ‘बिस्तर में उसे क्या अच्छा लगता है’, कहने से मूड ख़राब हो जायेगा और वो पी टी टीचर जैसे पेश आयेगी। लेकिन वो जल्द ही समझ गयी कि वो अपने पार्टनर को अपनी चाह कुछ ऐसे बता सकती थी कि वो स्वाभाविक लगे (हालांकि थी नहीं) क्योंकि ऐसा करने से दोनों का मूड और बनता था। संभोग में क्या करना चाहिये पर आपसी बात चीत करने से  दोनों और उत्तेजित हो जाते थे। निकिता कहती है कि सेक्स करने से पहले अपने पार्टनर को कुछ बताने में उसे कोई आपत्ति नहीं है। वो कहती है, “पहले मैं सोचती थी कि क्या वैसे करना बेढंगा  माना जाएगा, लेकिन फिर मैंने पाया कि सेक्स के बारे में बात करने से हम और उत्तेजित हो जाते थे”। और एक तरीका यह है कि आप सेक्स के बाद प्यार भरी बातचीत शुरु करें और अपने प्रेमी से पूछें कि उसे सेक्स के दौरान क्या अच्छा लगा था। उसके बाद आप भी उन्हें बता सकते हो कि आपको क्या अच्छा लगा, जिससे दोनों को फायदा रहेगा। लेकिन अगर वो कई सारी बातें ग़लत कर रहें है, तो सभी बातों पर एक ही समय चर्चा करना शायद सही नहीं होगा; ये अच्छा ना रहेगा।

सलाह ४: व्हाट इज यौर स्टाइल नंबर, व्हाट इज मोबाइल नंबर?

तरुण, २१, कहता है उसे हरदम लगा है कि सेक्स के बाद कुछ कहना शिकायत करने जैसा लगता है। “क्या कभी  यह कहने का कोई सभ्य तरीका मिल पाएगा कि सेक्स अच्छा था पर मुझे जो चाहिये था वो…?” इसलिये तरुण की आजमायी हुई तरकीब है टेक्स्ट करना, क्योंकि फिर उसे अपने पार्टनर से वास्तव में बताना नहीं पड़ता कि उसे क्या चाहिये। इससे उन्हें होने वाली कोई शर्मिंदगी से निपटने का मौका मिलता है। इसे आलोचना की तरह नहीं लेकिन सुझाव की तरह पेश करना भी सही होगा ताकि आपके पार्टनर को वो समझने का मौका मिले ना कि ऐसा लगे कि उसे कोई सीख दे रहा है। और आपकी बिस्तर में की गयी पसंद और नापसंद क्रियाओं की बातें टेक्स्ट करने से यह भी हो सकता है कि आगे आप एक दूसरे को कामुक टेक्स्ट भेजते जाएँ, जिसके बाद गरमा गरम सेक्स भी हो सकता है। देखो, आपस में बात करना ज़रूरी है!

सलाह ५: तो करके दिखाओ

कभी कभी आप किसी और को कहने से हिचकिचाते हो कि आपको क्या चाहिये। आप शायद शर्माते हो या फिर आपको पता नहीं होता कि कैसे कहा जाए। लेकिन आप निश्चित रूप से उन्हें दिखा सकते हो कि आपको क्या अच्छा लगता है। निकिता की तरह, श्रेया, २४, भी कहती है कि वो भी कभी नहीं कह सकी है कि उसे क्या चाहिये; कि ऐसा करने में वो शर्मिंदगी महसूस करती है। ऐसा तब तक रहा जब तक एक प्रेमी ने उससे कहा कि वो उसे हस्तमैथुन करते हुए देखना पसंद करता था। उसने पाया कि ऐसा करना उसे अच्छा लगता था क्योंकि वो तो जानती है उसे क्या अच्छा लगता है, और देख कर  उसका पार्टनर  भी वो बात सीख गया।उसकी सहेली का अलग तजुर्बा रहा। वो अपने पार्टनर को नहीं बता पायी कि उसे क्या अच्छा लगता है  - तब तक, जब तक वो दूसरे शहर में रहने चला गया और वो दोनों स्काइप के ज़रिये सेक्स करने लगे। फिर वो उसे दिखाने लगी कि उसे क्या अच्छा लगता था, और हाँ, वो यह बातें लिख कर नोट भी करने लगा।

सलाह ६: एक प्रयोग करते है

आपके प्रेमी को, आपको क्या अच्छा लगता है दिखाने का एक मज़ेदार तरीका है उनसे पूछना कि क्या वो आपके साथ एक प्रयोग करना चाहेंगे। इससे आपस में और बातचीत हो सकती है, जिससे आपको आपकी पसंद की चीज़ों के बारे में बात करने का मौका मिलता है, और साथ में कुछ नया करने का भी।

सलाह ७: मूल तत्वों की ओर वापसी? यानि पार्न से कुछ फायदा

उसी तरह, अगर आप और आपका प्रेमी पार्न से मज़ा लेते हो, तो इससे आपको जो चाहिये वो मिल सकता है। इससे निकिता को हरदम मदद मिली है। वो कहती है कि जब उसे ऐसा लगता कि उसके साथ वाले आदमी को बिल्कुल उसकी बात समझ में नहीं आ रही थी, वो उसे अपने पसंद का कुछ पार्न दिखाती और कहती, “वो जो  उसे कर रहा है, मुझे बहुत अच्छा लगता है”। “अगर इसके बाद भी उसे बात समझ में नहीं आती है, तो फिर मैं नहीं जानती मैं क्या करूँ”, वो हँसते हुए कहती है। पार्न देखने में एक नुकसान की बात यह है कि उसे देखकर हम अक्सर घबरा जाते है। फिल्मों की दुनिया से अलग, हम सब  कहानी, प्रकाश  या निर्देशक के बिना ही सेक्स करते हैं। इसलिये आपके प्रेमी को पार्न देखकर कैसे लगेगा यह सोचकर इस तरकीब का इस्तेमाल करना।

सलाह ८: क्या बुरा सेक्स मतलब खतम बात?

आपने सभी प्रकार के तरीके इस्तेमाल किये हैं,  लेकिन आप अपने प्रेमी से उसकी स्टाइल बदलने में या उसे वो एक चीज़ करने से रोक नहीं पाए हो। क्या यह ‘द एंड’ है? इस सवाल का उत्तर देने का कोई आसान तरीका नहीं है। सभी लोग आपको अलग बातें बोलेंगे। अगर आपका पार्टनर वाकई बहुत अच्छा है, तो फिर इस सवाल का उत्तर  देना और भी कठिन हो जाता है, लेकिन हाँ,  सेक्स ज़िंदगी का महत्त्वपूर्ण भाग है, और निर्णय आपको लेना होगा। रीआ कहती है कि उसके लिये बुरा सेक्स दूसरी बातों जितना ही मूड आफ करने वाली बात है, “मुझे नाराज़ नहीं पेश आना, और मैं जानती हूं कि तीन बार प्रयास करने के बाद जो बात सुधरी नहीं है, वो बात बन नहीं पाएगी”। उसी तरह, श्रेया कहती है कि वो जिस शख़्स को इतना नहीं पसंद करती उसके साथ बुरा सेक्स भी नहीं बर्दाश्त करेगी। और अगर वो उसे सचमुच में पसंद आये तो? वो उन्हें सिखाने के लिये तैयार है। लेकिन तरुण को लगता है कि आप किसी को बहुत ज़्यादा नहीं सिखा सकते। “मैं ख़ुद को संतुष्ट कर सकता हूं तो फिर बुरे/ सामान्य सेक्स की क्या बात है?” वो पूछता है। यह एक बहुत बड़ा सवाल लगता है। लेकिन आपको आपके प्रेम संबंध में रहना है या जाना, वो आप पर निर्भर है। वो अहम सवाल है -  पर फिर वो छोटे सवाल-   कि कैसे बताएं, उसका उत्तर आपको पता है। तो जो भी आप अंततः तय करते हो, आपको यह तो पता होगा कि आपने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की ।
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